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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Fourth Wave Of Corona In India Be Careful: भारत में कोरोना मरीजों की संख्या फिर से बढ़ने लगी है। इस कोरोना महामारी की चपेट में ज्यादातर बच्चे आ रहे हैं। कोरोना की वजह से अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों में 27 फीसदी बच्चे हैं। दिल्ली कोरोना ऐप मुताबिक इनमें से कई बच्चे कोमॉर्बिडिटीज वाले हैं यानी वे पहले से ही डायबिटीज, हाइपरटेंशन और दूसरी बीमारियों से पीड़ित हैं। तो आइए जानते हैं कि अगर बच्चे को पहले से कोई बीमारी है तो उसे कोरोना से कैसे बचा सकते हैं। (children, covid-19)
आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए भारतीय पीडियाट्रिक यानी बाल रोग विशेषज्ञ ने चेताया है कि बच्चों में कोरोना को हल्के में नहीं लिया जा सकता। वहीं बच्चों में संक्रमण बढ़ने की एक वजह धीमे वैक्सीनेशन को भी बताया जा रहा है। लोगों का मानना है कि अभी तक बहुत से बच्चों को वैक्सीन नहीं लगी है, इसलिए वो और भी संक्रमित हो रहे हैं। वैक्सीनेशन अभियान को तेज करने की जरूरत है।
बीपी के लक्षण : सिरदर्द होना, सीने में दर्द, गर्दन दर्द, सांस लेने में परेशानी, उल्टी आना, व्यवहार में बदलाव दिखना, नाक से खून आना।
डायबिटीज टाइप-1 लक्षण : ज्यादा प्यास लगना, ज्यादा भूख लगना, अचानक से वजन घटना, ज्यादा पेशाब आना, ज्यादा थकान होना, चिड़चिड़ापन होना और धुंधला दिखाई देना।
दिल से संबंधित बीमारी के लक्षण: जल्दी-जल्दी सांस लेना, जल्दी थकना, वजन बढ़ने में परेशानी, होंठ या नाखून का रंग नीला पड़ना, समय पर ग्रोथ नहीं होना, बच्चे को पिलाते समय महिलाओं को पसीना आना, स्किन का पीला होना।
इंडियन जे एंडॉक्रिनल मेटाब 2015 की पब्लिश रिसर्च अनुसार, भारत में टाइप-1 डायबिटीज मेलिटस वाले करीब 97,700 बच्चे हैं। वहीं टाइप-2 डायबिटीज वाले बच्चों की संख्या भी बढ़ी है। पैन इंडिया 2015 के सर्वे के अनुसार, 66.11 फीसदी बच्चों के शरीर में ‘शुगर का असामान्य लेवल’ था।
2019 के सर्वे मुताबिक हरियाणा, गोवा, गुजरात और मणिपुर में हर 10 में से दो स्कूली बच्चे हाइपरटेंशन से पीड़ित हैं। साल 2013 में एम्स रिसर्च में पाया गया कि दिल्ली के स्कूलों में 3-4 फीसदी बच्चे हाइपरटेंशन के शिकार हैं।
इंडियन कैंसर सोसाइटी अनुसार, भारत में 1 से 19 साल तक के 50 हजार से ज्यादा बच्चों को कैंसर है। वहीं कैंसर से डायग्नोस किए गए 40 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार हैं।
बच्चों को अगर पहले से कोई बीमारी है जैसे- शुगर, बीपी आदि तो इसे कंट्रोल करें। बीमारियों को कंट्रोल करने के लिए समय-समय पर डॉक्टर से इलाज और दवाइयां जरूर लें। अगर कोरोना के कोई भी लक्षण बच्चे में दिखते हैं तो तुरंत टेस्ट करवाएं। इम्यूनिटी मजबूत करने के लिए बच्चे को अच्छे खाना खिलाएं। बच्चों को डाक्टर की सलाह पर विटामिन की दवाइंयां भी खिला सकते हैं। बच्चों को खेलकूद के समय योग आदि भी करवाएं। (Fourth Wave Of Corona In India Be Careful)
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