India News (इंडिया न्यूज़), Chandrayaan 4: पिछला साल इसरो के लिए काफी अच्छा रहा। पहले चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च हुआ और फिर 23 अगस्त को बड़ी कामयाबी तब मिली जब यह चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरा। इसके साथ ही भारत दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला दुनिया का पहला देश भी बन गया। इसरो इस कामयाबी से बेहद खुश है और अब आगे के मून मिशन पर काम कर रहा है। इसरो चीफ एस सोमनाथ ने अगले चंद्र मिशन चंद्रयान-4 को लेकर बड़ी खुशखबरी दी है। उन्होंने बताया है कि चंद्रयान-4 उस जगह से चांद की चट्टानें लेकर आएगा, जहां चंद्रयान-3 उतरा था। यानी चंद्रयान-4 का लक्ष्य चांद की मिट्टी के नमूने लेकर धरती पर वापस लाना है।
बता दें कि, चंद्रयान-3 का रोवर और लैंडर चांद पर जिस जगह पर उतरा था, उस जगह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिव शक्ति प्वाइंट नाम दिया था। अब चंद्रयान-4 इसी जगह से चांद के नमूने लेकर आएगा। एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में इसरो चीफ एस सोमनाथ ने अगले मून मिशन को लेकर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि अगले कुछ सालों में ऐसा हो जाना चाहिए। आपको बता दें कि हाल ही में चीन चांद से सैंपल लेकर धरती पर लौटा है, जिसमें मिट्टी और चट्टानों के कुछ टुकड़े हैं, जिसके बाद दुनियाभर के वैज्ञानिक उसे बधाई दे रहे हैं। अब भारत भी यही करने जा रहा है।
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एक इंटरव्यू के दौरान इसरो चीफ सोमनाथ से पूछा गया कि क्या सैंपल चांद पर उसी जगह से लाया जाएगा जहां शिवशक्ति प्वाइंट है, इस पर उन्होंने जवाब दिया कि मैं इसे वहीं से लाना चाहूंगा. यह बहुत ही दिलचस्प जगह है, इसलिए हमें इसे वहीं से लाने की कोशिश करनी चाहिए… यह अब से कुछ सालों में होना है।” इसरो चीफ ने यह भी कहा कि चांद से सैंपल वापस लाना शुरुआती कदमों में से एक है, क्योंकि प्रोपल्शन की वापसी भी एक चुनौतीपूर्ण काम है, जिसमें सॉफ्टवेयर, कंट्रोल, गाइडेंस और ऐसी चीजें शामिल हैं।
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