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FSSAI Advisory on Milk Adulteration: भारत खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक सख्त सलाह जारी की है. जिसमें उपभोक्ता स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच दूध और दूध से बनी चीजें जिसमें खोया और पनीर में मिलावट और गलत ब्रांडिंग के खिलाफ देशव्यापी विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया है.
FSSAI ने जताई गहरी चिंता
इस मामले से जुड़े सूत्रों के अनुसार, यह निर्देश खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 की धारा 16(5) के तहत जारी किया गया है, जो खाद्य नियामक को सार्वजनिक स्वास्थ्य के हित में तत्काल उपाय करने का अधिकार देता है. यह सलाह हाल ही में कई क्षेत्रों में डेयरी उत्पादों में बड़े पैमाने पर मिलावट और गलत जानकारी के खुलासे और खुफिया इनपुट के बाद दी गई है. ऐसा माना जा रहा है कि FSSAI ने इस बात पर चिंता जताई है कि बाजार में मिलावटी दूध उत्पादों का एक बड़ा हिस्सा अवैध और बिना लाइसेंस वाली संस्थाओं द्वारा बनाया और सप्लाई किया जा रहा है. सूत्रों ने बताया कि नियामक ने दोहराया है कि मिलावटी या नकली उत्पादों को असली दूध, पनीर या खोया बताकर बेचना कानून का गंभीर उल्लंघन है और खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम और संबंधित नियमों के तहत कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.
खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को दिए ये निर्देश
इस अभियान के तहत, राज्य खाद्य सुरक्षा विभागों और FSSAI के क्षेत्रीय कार्यालयों को दूध और दूध उत्पादों के उत्पादन, भंडारण और बिक्री से जुड़े परिसरों का गहन निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है. सूत्रों ने बताया कि निरीक्षण में लाइसेंस प्राप्त या पंजीकृत खाद्य व्यवसाय संचालक (FBO) और साथ ही नियामक ढांचे से बाहर काम करने वाली बिना लाइसेंस वाली इकाइयां दोनों शामिल होंगी. खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को दूध, पनीर और खोया के नमूने निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार लेने और निरीक्षण के दौरान व्यवसायों के लाइसेंस और पंजीकरण की स्थिति को सत्यापित करने का निर्देश दिया गया है.
सूत्रों ने आगे बताया कि यह सलाह अधिकारियों को उन मामलों में ट्रेसबिलिटी अभ्यास करने का भी निर्देश देती है जहां नमूने मानकों के अनुरूप नहीं पाए जाते हैं या जहां संदिग्ध पैटर्न सामने आते हैं, जिसका उद्देश्य मिलावट के स्रोत की पहचान करना और अवैध विनिर्माण और आपूर्ति श्रृंखलाओं को खत्म करना है.
सख्त कार्रवाई करने को कहा गया
नियामक ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जहां भी उल्लंघन पाए जाते हैं, वहां सख्त कार्रवाई शुरू करने को कहा है. सूत्रों ने दावा किया कि इसमें असुरक्षित खाद्य पदार्थों को जब्त करना, लाइसेंस निलंबित या रद्द करना, अवैध इकाइयों को बंद करना, बाजार से मिलावटी उत्पादों को वापस मंगवाना और उन्हें नष्ट करना शामिल है. निगरानी को मजबूत करने के लिए, FSSAI ने निर्देश दिया है कि सभी इंस्पेक्शन और एन्फोर्समेंट से जुड़ा डेटा तुरंत फूड सेफ्टी कंप्लायंस सिस्टम (FoSCoS) पर अपलोड किया जाए, जिससे हेडक्वार्टर लेवल पर प्रभावी कंसोलिडेशन और एनालिसिस हो सके.
फूड सर्विस और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर पर भी जिम्मेदारी
इस एडवाइजरी में फूड सर्विस और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर पर भी ज़िम्मेदारी डाली गई है. राज्य रेगुलेटरों से कहा गया है कि वे होटलों, रेस्टोरेंट, कैटरिंग प्रतिष्ठानों, क्विक सर्विस रेस्टोरेंट, पब और इंडस्ट्री एसोसिएशन को इस बारे में जागरूक करें ताकि उनके परिसर में कोई भी मिलावटी पनीर खरीदा, इस्तेमाल, स्टोर, तैयार, परोसा या बेचा न जाए. किसी भी उल्लंघन पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. समन्वित कार्रवाई की जरूरत पर ज़ोर देते हुए, FSSAI ने मिलावटी और गलत ब्रांड वाले दूध उत्पादों के अंतर-राज्यीय आवागमन को रोकने के लिए अंतर-राज्यीय समन्वय बढ़ाने और स्थानीय खुफिया जानकारी विकसित करने का आह्वान किया है. एडवाइजरी का तुरंत पालन और सख्ती से लागू करने के लिए फूड सेफ्टी कमिश्नरों और FSSAI क्षेत्रीय निदेशकों का व्यक्तिगत ध्यान मांगा गया है. अधिकारियों ने कहा कि इस कदम का मकसद उपभोक्ताओं का भरोसा बढ़ाना, खाद्य धोखाधड़ी को रोकना और पूरे देश में सुरक्षित और असली दूध उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है.