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भारत के राष्ट्रपिता की जयंती आज, जानिए जिन्ना ने बापू के निधन पर पाकिस्तानी संसद में क्या कहा था?

Raunak Kumar • LAST UPDATED : October 2, 2024, 7:29 am IST
भारत के राष्ट्रपिता की जयंती आज, जानिए जिन्ना ने बापू के निधन पर पाकिस्तानी संसद में क्या कहा था?

Gandhi Jayanti 2024: भारत के राष्ट्रपिता की जयंती आज

India News (इंडिया न्यूज), Gandhi Jayanti 2024: भारत के राष्ट्रपिता और स्वतंत्रा सेनानी मोहनदास करमचंद्र गांधी जिन्हें हम महात्मा गांधी या फिर बापू के नाम से भी जानते हैं। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में करमचंद्र गांधी और पुतलीबाई करमचंद्र गांधी के यहां हुआ था। वहीं उनका निधन 30 जनवरी 1948 को हुआ था। वहीं भारत जब अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की लड़ाई लड़ रहा था, तब बापू ने उस संग्राम का नेतृत्व किया था। गांधी जी की विचारधारा ने न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में सत्य और अहिंसा को एक नई दिशा प्रदान की। लेकिन बापू की मृत्यु पर जिन्ना के शब्दों में शोक की जगह हिंदू-मुस्लिम की भावना थी। जिसने राजनीतिक गलियारों में उथल-पुथल मचा दी थी। आइये जानते हैं क्यों यह घटना आज भी चर्चा का विषय है…

जिन्ना ने क्या कहा था?

महात्मा गांधी की मृत्यु के बाद मोहम्मद अली जिन्ना ने पाकिस्तान की संसद में भाषण दिया। जिसमें उन्होंने हिंदू-मुस्लिम एकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि श्री गांधी के जीवन पर हुए सबसे जघन्य हमले के बारे में जानकर मुझे गहरा सदमा लगा है। जिन्ना ने कहा कि हमारे राजनीतिक मतभेद चाहे जो भी हों, वे हिंदू समुदाय द्वारा निर्मित सबसे महान व्यक्तियों में से एक थे। एक हिंदू नेता थे जिन्होंने हिंदू समुदाय का सार्वभौमिक विश्वास और सम्मान अर्जित किया। मैं भारत और पाकिस्तान की स्वतंत्रता के जन्म के तुरंत बाद इस महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक मोड़ पर महान हिंदू समुदाय और उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं। भारत की संप्रभुता की क्षति अपूरणीय है और इस समय ऐसे महान व्यक्ति के निधन से जो शून्य पैदा हुआ है, उसे भरना बहुत मुश्किल होगा।

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बापू से जिन्ना का था वैचारिक मतभेद

बता दें कि, जिन्ना का यह कथन कई दृष्टिकोणों से महत्वपूर्ण था। सबसे पहले, यह उनके और गांधी के बीच वैचारिक मतभेदों को प्रकट करता है। जहां गांधी हमेशा एकता और सहिष्णुता का संदेश देते थे। वहीं जिन्ना ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए धार्मिक पहचान को प्राथमिकता दी। दरअसल, महात्मा गांधी हमेशा कहते थे कि आंख के बदले आंख का सिद्धांत पूरी दुनिया को अंधा बना देगा। इसी तरह, आज जब हम जिन्ना के विचारों और गांधीजी के विचारों की तुलना करते हैं, तो यह स्पष्ट है कि एकता और सहिष्णुता हमें आगे बढ़ने का रास्ता दे सकती है। वहीं महात्मा गांधी के निधन पर जिन्ना की टिप्पणी न केवल एक ऐतिहासिक घटना है, बल्कि यह आज के समय में भी महत्वपूर्ण है।

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