India News (इंडिया न्यूज), Gaza War: सुप्रीम कोर्ट ने 9 सितंबर यानी आज उस याचिका को खारिज कर दिया है जो भारत और भारतीय कंपनियों को गाजा में युद्ध के लिए इजरायल को हथियार और सैन्य मदद प्रदान करने से रोक की मांग की गई थी। कोर्ट ने कहा है कि वे देश की विदेश नीति के इलाके में आगमन नहीं कर सकती। कोर्ट ने कहा कि अगर इजरायल निर्यात पर रोक लगाता है तो इजरायल को हथियारों के निर्यात में शामिल भारतीय फर्मों पर कॉन्ट्रैक्ट से जुड़े दायित्वों के उल्लंघन का मुकदमा चलाया जा सकता है।

याचिका में क्या कहा गया?

मिडिया रिपोर्ट के मुताबीक CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा, सुप्रीम कोर्ट की पीठ अशोक कुमार शर्मा और अन्य के द्वारा वकील प्रशांत भूषण के माध्यम से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। जिसमें केंद्र को यह आदेश देने की मांग रखी गई थी कि वह इजरायल को हथियार और अन्य सैन्य उपकरण निर्यात करने वाली भारतीय फर्मों को लाइसेंस रद्द करे। साथ ही उन्हें नए लाइसेंस न दे। याचिका कर्ताओं ने आरोप लगाया है कि इजराइल गाजा में नरसंहार कर रहा है। इसलिए भारतीय हथियारों का निर्यात नरसंहार के अपराध की रोकथाम और दंड पर कन्वेंशन का उल्लंघन होगा।

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सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि विदेशी देशों से जुड़े मामलों में केंद्र सरकार का अधिकार क्षेत्र है। साथ ही उसने यह भी कहा कि याचिकाकर्ताओं द्वारा मांगी गई राहत देने के लिए सुप्रीम कोर्ट को इजरायल के विरुध लगे आरोपों पर निष्कर्ष निकालना होगा। जो एक स्वतंत्र संप्रभु राष्ट्र है और भारतीय न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र के अधीन नहीं। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि क्या हम संयुक्त राष्ट्र नरसंहार सम्मेलन के तहत यह निर्देश दे सकते हैं कि आप इजरायल को निर्यात पर प्रतिबंध लगाएं। यह प्रतिबंध क्यों है? ऐसा इसलिए है क्योंकि ये विदेश नीति पर प्रभाव डालता है और हमें नहीं पता कि इसका क्या प्रभाव होगा।

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