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अजीत मैंदोला, Rajasthan News : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत पर सीबीआई के छापों के बाद कांग्रेस और केंद्र की राजग सरकार के बीच ठकराव गहराने के आसार बढ़ गए हैं। मुख्यमंत्री गहलोत के भाई के यहां शुक्रवार सीबीआई ने छापे मारे। इसके बाद राजनीति गर्मा गई है। इसकी वजह यह भी है कि गहलोत राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ के खिलाफ चलाए जा रहे आंदोलन की अगुवाई कर रहे थे। वह भी ऐसे मौके पर जब कांग्रेस अध्य्क्ष सोनिया गांधी बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती हैं। नेशनल हेराल्ड केस में ईडी राहुल गांधी को पूछताछ के लगातार बुला रहा है।
इसके खिलाफ कांग्रेस केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। सोनिया के अस्पताल में भर्ती होने के चलते गहलोत पार्टी के अभिभावक के रूप में सामने आए। समझा जा रहा गहलोत जिस तरह पार्टी को फिर से एक जुट कर माहौल बना रहे थे, उससे ही सीबीआई के छापों को जोड़ कर देखा जा रहा है, क्योकि दो साल पहले गहलोत सरकार को गिराने की कोशिशों के दौरान अग्रसेन गहलोत से ईडी ने भी पूछताछ की थी।
लेकिन कोई मामला निकला नही था। शुक्रवार के छापों के बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने आक्रमक रुख अपनाते साफ कहा कि दिल्ली प्रदर्शन में शामिल होने का बदला छापे है। वह इससे घबराते नही है। खुद उन्होंने सीबीआई से समय मांगा था।गहलोत के रुख से साफ है वह केंद्र के खिलाफ चुप नही बैठेंगे। राहुल से ईडी की पूछताछ के खिलाफ दिल्ली में गहलोत ने केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर सीधे फ्रंट फुट पर खेला। लगातार मोदी सरकार पर हमले किये।
गहलोत के आक्रमक तेवरों ने कार्यकतार्ओं और नेताओं में नया जोश भरा। लंबे समय बाद दिल्ली से लेकर प्रदेश भर में राहुल के समर्थन में कांग्रेसी सड़कों पर उतरे। गहलोत ने पूरी जिम्मेदारी के साथ 6 दिन तक दिल्ली में डेरा डाल केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ चलाये आंदोलन में तो बढ़चढ़ कर भाग लिया ही साथ ही कार्यकतार्ओं को चार्ज करने में कोई कमी नही छोड़ी। हालांकि कांग्रेस ने अभी आंदोलन वापस नही लिया।
रविवार को पार्टी अगले कदम की रणनीति बनाएगी।क्योंकि ईडी ने राहुल गांधी को सोमवार को फिर पूछताछ के लिये बुलाया। इस बार ईडी जिस तरह से राहुल को बार बार पूछताछ के लिये बुला रही है उससे कई तरह की आशंकाएं जताई जा रही है। सबसे बड़ी आशंका यही जताई जा रही है कि राहुल गांधी को क्या मोदी सरकार गिरफ्तार करवा सकती है।इससे कांग्रेसी आशंकित है। जानकार मान रहे हैं कांग्रेसी जिस तरह से आक्रमक बने हुये हैं उससे इस बात को बल मिलता है कि राहुल पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। लेकिन कुछ जानकार मानते हैं कि अभी गिरफ्तारी नही होगी।
कांग्रेस का संकट यह है कि सवा महीने बाद अगस्त में कांग्रेस में अध्य्क्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होनी है। अभी तक तो यही संकेत हैं कि राहुल गांधी ही फिर से कमान संभालेंगे। प्रदेश इकाइयों ने बकायदा समर्थन के प्रस्ताव भी भेजने शुरू कर दिये। मुख्यमन्त्री गहलोत समेत पार्टी के सभी बड़े नेता राहुल से फिर से कमान संभालने का आग्रह करते रहे हैं।उदयपुर संकल्प शिविर से भी यही सन्देश दिया गया था कि राहुल ही कमान संभालेंगे। लेकिन ईडी की पूछताछ अगर गिरफ्तारी में बदली तो कांग्रेस के सामने बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा।
कांग्रेस भी समझती है पार्टी दोहरे संकट में फंस जाएगी। एक तरफ सोनिया गांधी की बीमार दूसरी तरफ राहुल की गिरफ्तारी। कांग्रेस के लिये आने वाले दिन बड़े चुनोती वाले हैं। सोशल मीडिया में नेशनल हेराल्ड केस में गांधी परिवार के खिलाफ तमाम तरह की बातें की जा रही हैं।इस बीच मुख्यमंत्री गहलोत के भाई का मामला भी गरमाएगा। अब ऐसे में कांग्रेस का अगला कदम क्या होता है आने वाले हफ्ते में उसी पर नजर रहेगी।
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