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साइबर ठगों ने महिला को किया ‘डिजिटल अरेस्ट’, उनकी बेटी के बारे में कही ऐसी बात कि सदमे में चली गई जान

Sohail Rahman • LAST UPDATED : October 3, 2024, 10:57 pm IST
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साइबर ठगों ने महिला को किया ‘डिजिटल अरेस्ट’, उनकी बेटी के बारे में कही ऐसी बात कि सदमे में चली गई जान

Death In Digital Arrest ( डिजिटल अरेस्ट की वजह से एक महिला की हुई मौत )

India News (इंडिया न्यूज), Death In Digital Arrest: उत्तरप्रदेश के आगरा से साइबर ठगी का एक ऐसा मामला सामने आया है। जिसे सुनकर आप दशहत में आ जाएंगे। दरअसल मामला ये है कि, आगरा में एक सरकारी शिक्षिका साइबर घोटाले का शिकार हो गई, जिसके कारण दिल का दौरा पड़ने से उसकी दुखद मौत हो गई। बताया जा रहा है कि, उसे चार घंटे तक कॉल पर रखा गया, जिसके दौरान उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। उसकी मौत ने उसके परिवार को तबाह कर दिया है।

क्या है पूरा मामला?

आगरा में सहायक शिक्षिका मालती वर्मा ने साइबर अपराधी के जाल में फंसकर अपनी जान गंवा दी। एक जालसाज ने पुलिस अधिकारी बनकर उसे कॉल किया और उसे गलत जानकारी दी कि उसकी बेटी को यौन शोषण के मामले में गिरफ्तार किया गया है और उसे जेल भेजा जाने वाला है। जालसाज ने महिला से अपनी बेटी को बचाने के एवज में 1 लाख रुपये की मांग की और पैसे ट्रांसफर करने के लिए उसे सिर्फ 15 मिनट का समय दिया। बताया जा रहा है कि उस समय शिक्षिका मालवी वर्मा स्कूल में थी। 

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साइबर अपराधियों ने चार घंटे तक मालती वर्मा को दिया डिजिटल अरेस्ट

साइबर अपराधियों ने उसे डिजिटल गिरफ्तारी के रूप में वर्णित किया जा सकने वाली स्थिति में रखा, उसे गलत जानकारी दी और धमकाया। उन्होंने उसे उसकी बेटी से बात कराने का वादा भी किया, जिस दौरान उसने एक आवाज सुनी जो कह रही थी, “माँ, मुझे बचा लो।” इससे वर्मा को बहुत तकलीफ हुई। जब वह घर पहुंची, तो उसकी हालत बिगड़ गई और आखिरकार उसकी मौत हो गई। अलबतिया रोड के सुभाष नगर की रहने वाली मालती वर्मा, अछनेरा के सरकारी गर्ल्स जूनियर हाई स्कूल में सहायक शिक्षिका के रूप में काम करती थीं। 30 सितंबर को दोपहर के समय उन्हें एक नंबर से व्हाट्सएप कॉल आया, जिसमें “कैप्टन विजय कुमार” नाम के वर्दीधारी पुलिस अधिकारी की तस्वीर थी।

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मालती वर्मा के बेटे ने क्या बताया?

इस घटना को लेकर मालती वर्मा के बेटे ने बताया कि, जालसाज़ ने उनकी माँ को कई बार फ़ोन किया और ज़ोर देकर कहा कि उनकी बेटी एक घोटाले में शामिल है और उसे छुड़ाने का एकमात्र तरीका तुरंत ₹1 लाख ट्रांसफर करना है। घबराई हुई वर्मा ने अपने बेटे को फ़ोन किया और उसे तुरंत पैसे भेजने के लिए कहा। भावनात्मक सदमे के कारण बोलने में कठिनाई होने पर, वह उसे एक फ़ोन नंबर देने में सफल रही, जिसका कोड +92 था, जो दर्शाता है कि यह किसी विदेशी देश से था। दीपांशु को लगा कि कुछ गड़बड़ है, उसने अपनी बहन को वीडियो कॉल पर कॉल करके उसके ठिकाने की पुष्टि की। उसकी बहन, जो बी.फार्मा. की डिग्री ले रही है, कॉलेज में सुरक्षित थी। 

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बहन के सुरक्षित होने की जानकारी दीपांशु ने मां को किया कॉल 

बहन के सुरक्षित होने पर दीपांशु राजपूत ने अपनी मां को इसके बारे में सूचित किया, उसे आश्वस्त करने की कोशिश की कि सब कुछ ठीक है। हालांकि घोटालेबाज के कॉल से लगातार उत्पीड़न और भय ने उसे घबराहट की स्थिति में डाल दिया। जब वर्मा उस दोपहर बाद घर पहुँची, तो वह स्पष्ट रूप से हिल गई थी और उसे बहुत पसीना आने लगा था। पानी और कोल्ड ड्रिंक से उसे शांत करने के प्रयासों के बावजूद उसकी हालत बिगड़ती गई। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

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