India News(इंडिया न्यूज), हिमाचल प्रदेश: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि समाज का समग्र विकास तभी संभव है, जब कमजोर और पिछड़े वर्ग के साथ महिलाओं और बच्चों का भी समावेशी विकास हो। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार इन वर्गों के विकास के लिए पहले दिन से ही कार्य कर रही है।
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य की दिशा में कार्य करते हुए राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग में कार्यरत 17,889 महिला कुक-कम-हेल्पर को मातृत्व लाभ अधिनियम, 1962 के तहत 180 दिन का मातृत्व अवकाश प्रदान करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि पहले ऐसा कोई प्रावधान नहीं था महिला कुक के लिए । लेकिन वर्तमान सरकार ने शिशु और मातृ कल्याण को ध्यान में रखते हुए पहले से चली आ रही अधिकारिक मांग को पूरा करने के लिए शिक्षा विभाग को आदेश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार सत्ता आने के बाद से ही कर्मचारियों और श्रमिकों को लाभ पहुंचाने के लिए उनके हित में निर्णय ले रही है। उन्होंने कहा कि मंत्रिमण्डल की पहली बैठक में पुरानी पेंशन बहाल करना सरकार का अहम् फैसला था। इस योजना का लाभ 1 लाख 36 हजार कर्मचारियों मिला है। कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करना और उनके बुढ़ापे को सम्मानजनक बनाना सरकार का लक्ष्य है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कमजोर और वंचित वर्गों के उत्थान पर विशेष ध्यान दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कमजोर वर्ग को समाजिक अधिकार दिलाने का प्रयास की है। सरकार ने इन वर्गों को लाभ पहुंचाने के लिए अनेक लाभकारी योजनाएं की शुरुआत की हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ”वर्तमान सरकार ने दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की दैनिक मजदूरी बढ़ाने के साथ शिक्षा विभाग केआंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, अशंकालिक जलवाहकों, आशा कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी सहायिकाओं, मीड डे मील कर्मियों, जल शक्ति विभाग के बहुउद्देशीय कर्मियों, पैरा फिटर एवं पम्प ऑपरेटरों, पंचायत और राजस्व चौकीदारों के मानदेय में बढ़ोतरी की है।”
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