India News (इंडिया न्यूज़),Haryana Government School: हरियाणा के सरकारी स्कूलों में अब शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को थिएटर का भी ज्ञान दिया जाएगा। बता दें पहली बार हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों के बच्चों को 6 दिन थिएटर की ट्रेनिंग दी गई। ऐसे में बच्चों ने अपना एक बेस्ट परफॉर्मेंस भी दिया। ऐसे में हरियाणा के सरकारी स्कुल के बच्चे आने वाले दिनों में शिक्षा के साथ-साथ थिएटर का भी ज्ञान ले पाएंगे। बता दें पहली बार हरियाणा भर से थिएटर की ट्रेनिंग लेकर सरकारी स्कूल के बच्चों के द्वारा प्ले किया गया। निदेशक माध्यमिक शिक्षा विभाग हरियाणा डॉक्टर अंशज सिंह का कहना है कि पंजाब विश्वविद्यालय के सहयोग से थिएटर को वैकल्पिक विषय के तौर पर लागू करने का प्रयास करेंगे।
हरियाणा प्रदेश की राजकीय विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं द्वारा पहली बार थिएटर की ट्रेनिंग लेने के बाद एक बेस्ट ड्रामा प्ले किया गया। खास बात ये है कि इन छात्रों को मात्र 6 दिन की ट्रेनिंग दी गई थी। सभी छात्राएं हरियाणा के सरकारी स्कूल में पढ़ती हैं। निदेशक माध्यमिक शिक्षा विभाग हरियाणा डॉक्टर अंशज सिंह ने कहा कि हरियाणा के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली 71 छात्राओं का चयन किया गया है और उन्होंने अपने हुनर और कला का जौहर दिखाते हुए मात्र 6 दिन में एक बेस्ट प्ले करके दिखाया है।
निर्देशक डॉक्टर सिंह माध्यमिक शिक्षा विभाग हरियाणा ने कहा कि नई शिक्षा नीति हरियाणा में लागू की जा रही है और ऐसे में थिएटर को वैकल्पिक विषय के तौर पर लागू करने के बारे में लिखा जाएगा। इंडियन थिएटर विभाग इसका पाठ्यक्रम तैयार करेगा और भविष्य में इसे नौवीं कक्षा से लागू करने का प्रयास किए जाएंगे। निदेशक माध्यमिक शिक्षा विभाग हरियाणा डॉक्टर अंशज सिंह ने बताया कि शिक्षा विभाग का पहला प्रयास था कि बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ अलग से कोई एक्टिविटी करवाई जाए।
ऐसे में बच्चों का इंटरेस्ट देखते हुए पंजाब यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर डिवीजन लेवल पर कंपटीशन करवाया गया और उसके बाद बच्चों को चुनकर स्टेट लेवल पर वर्कशॉप में ट्रेनिंग दी गई और उसके बाद बच्चों द्वारा एक सुंदर प्रस्तुति दी गई। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा पहली बार ऐसा प्रयास किया गया है कि शिक्षा के साथ-साथ थिएटर में भी बच्चे अपनी दिलचस्पी ले सके। उन्होंने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी की तरफ से सुझाव आया था कि इस को एडिशनल या ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में लाया जा सकता है। अगर यूनिवर्सिटी हमें करिकुलम डिजाइन करने में मदद करें ताकि हम सरकार से कहकर इसको करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर सरकार से अप्रूवल लेने के बाद जिला स्तर पर इसकी शिक्षा दी जा सकती है।
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