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India News (इंडिया न्यूज), Haryana News: हरियाणा में बीजेपी की खट्टर सरकार पहले वृद्धावस्था, विधवा और विकलांग पेंशन देती है, इसके बाद बौनों और किन्नरों को भी आर्थिक सहायता दी जाती रही है, लेकिन अब उम्रदराज कुंआरों को पेंशन देकर उनकी हालत सुधारने का फैसला लिया है। जानकारी के मुताबिक ऐसे कुंआरों को सरकार प्रतिमाह 2750 रुपये देगी।
इस बात की जानकारी देते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि सरकार राज्य के उम्रदराज अनमैरिड लोगों के लिए एक पेंशन की योजना पर काम कर रही है। सीएम खट्टर ने कहा है सरकार बहुत जल्द प्रदेश में 45 से 60 साल के अविवाहितों के लिए एक पेंशन शुरू करने जा रही है। हरियाणा सरकार संभवत: अगले एक महीने के भीतर इसे लागू कर देगी। हालांकि सरकार ने इसके लिए एक शर्त रखी है। किस कुंआरे की वार्षिक आमदनी 1।80 लाख होगी-केवल उन्हीं को ये पेंशन दी जाएगी।
बता दें कि हरियाणा में पुरुषों का शादी ना हो पाना बड़ी सामाजिक समस्या रही है। इसके कारण है लिंगानुपात। प्रदेश में लड़कियों की संख्या कम होने से हरियाणा मे भारी संख्या में पुरुष कुंआरे रह जाते हैं। ऐसे में जिन कुंआरों की उम्र बढ़ती गई वे अपने परिवार और समाज में उपेक्षा के शिकार होते गए। हरियाणा के कई कुंआरे पुरुष अकेलापन और आर्थिक कमी से परेशान है। सरकार की मंशा ऐसे कुंआरों की मदद करना है।
वहीं सरकार के इस एलान को चुनावी राजनीति भी माना जा रहा है। हरियाणा में कुंआरों का मुद्दा काफी पुराना रहा है। चुनावों के समय यह राजनीतिक मु्द्दा भी बन चुका है। ऐसे में इस पेंशन स्कीम को 2024 में लोकसभा चुनाव के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव से भी जोड़ा जा रहा है।
हालांकि हरियाणा में दो-तीन दशक पहले के हालात के चलते बहुत से पुरुष अविवाहित रह गये। कई पुरुष हैं, जो अब 45 साल से अधिक के हो चुके हैं। लिंगानुपात में अंतर होने के कारण यहां कुंआरों की संख्या बढ़ती गई। सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (2011) के मुताबिक हरियाणा में ‘नेवर मैरिड’ (NM) की आबादी 40।03 फीसदी थी।
वहीं शादी के लिए कई बार पश्चिम बंगाल, असम, केरल, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड से लड़कियों को दहेज देकर लाने का मामला भी सामने आता रहा है। एक जानकारी के मुताबिक हरियाणा में ऐसी दुल्हनों की संख्या करीब 1।35 लाख आंकी गई है, जिन्हें दूसरे प्रदेशों से लाया गया है।
हरियाणा देश का एक ऐसा राज्य है जहां लिंगानुपात की स्थिति काफी खराब रही है। हालांकि पिछले 10 सालों में हरियाणा के लिंगानुपात में 38 अंकों का सुधार हुआ है। प्रदेश में लड़कियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है लेकिन अधिक उम्र के अविवाहितों की संख्या अब भी चौंकाने वाली है। साल 2011 में प्रदेश का लिंगानुपात 879 था, जबकि 2023 में एक हजार लड़कों पर लड़कियों की संख्या 917 हो गयी है।
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