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India News (इंडिया न्यूज़),Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस में 2 जुलाई 2024 को सत्संग के दौरान मची भगदड़ के मामले में विशेष जांच दल (SIT) ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस हादसे में करीब 121 लोगों की जान चली गई थी। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 2 जुलाई को साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ के बाद 121 लोगों की मौत हो गई थी। अपनी रिपोर्ट में अपनी रिपोर्ट में आयोजन समिति और स्थानीय प्रशासन पर सवाल उठाए हैं। इस रिपोर्ट के सौंपे जाने के बाद प्रदेश में सियासत गरमा गई है।
SIT ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि हाथरस में सत्संग का आयोजन करने वाली समिति की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ। इसके साथ ही एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में प्रशासन पर भी सवाल उठाए हैं। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो एसआईटी द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में सत्संग कराने वाले बाबा का नाम नहीं है। मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि जांच के दौरान एसआईटी ने पीड़ित परिवार के करीब 119 लोगों के बयान भी दर्ज किए हैं। हाथरस कांड की जांच कर रही टीम में ADG आगरा जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ और अलीगढ़ कमिश्नर चैत्रा वी भी शामिल थीं।
SIT की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रशासन ने हाथरस में आयोजित सत्संग में शामिल होने के लिए 80 हजार लोगों को अनुमति दी थी, लेकिन बाबा का सत्संग सुनने के लिए दो लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए। ऐसे में प्रशासन और आयोजन समिति सवालों के घेरे में है। सूत्रों के हवाले से मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, रिपोर्ट में सत्संग का आयोजन करने वाली समिति पर अनुमति से ज्यादा लोगों को बुलाने, बदइंतजामी के साथ ही अनुमति के बावजूद मौके पर अफसरों द्वारा निरीक्षण न करने का आरोप लगाया गया है। एसआईटी ने हाथरस भगदड़ मामले की जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी है।
उत्तर प्रदेश के हाथरस में 2 जुलाई को आयोजित सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मच गई थी, जिसमें 121 लोगों की मौत हो गई थी। इस भगदड़ में मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं थीं। इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी और एक लाख रुपये के इनामी देव प्रकाश मधुकर को गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा छह और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। ये सभी आरोपी सत्संग आयोजन समिति के सदस्य थे।
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