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हाथरस FIR में नहीं पड़ा 'भोले बाबा' का नाम, सीएम योगी ने खोले राज

Rajesh kumar • LAST UPDATED : July 3, 2024, 6:00 pm IST

India News(इंडिया न्यूज), Hathras stampede: हाथरस हादसे में 121 लोगों की मौत के बाद सरकार और जिला प्रशासन हरकत में है। योगी सरकार ने एसआईटी के साथ ही न्यायिक जांच का ऐलान किया है। हाथरस प्रशासन ने आयोजक देव प्रकाश माथुर और अज्ञात लोगों के खिलाफ सिकंदराराऊ थाने में विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कराया है। सत्संग कराने वाले सूरजपाल सिंह उर्फ ​​नारायण साकार हरि उर्फ ​​भोले बाबा का नाम एफआईआर में न होने पर सवाल उठ रहे हैं। बुधवार को जब सीएम योगी हाथरस पहुंचे तो उनके सामने भी यह सवाल उठा।

इस पर सीएम योगी ने बताया कि बाबा का नाम अभी तक एफआईआर में क्यों नहीं आया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जांच के दायरे में सभी लोग आएंगे। जो भी दोषी होगा, किसी को बख्शा नहीं जाएगा। सीएम योगी बुधवार सुबह हाथरस पहुंचे और घटनास्थल का दौरा करने के साथ ही उन्होंने अस्पताल पहुंचकर घायलों का हालचाल लिया। इसके बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने घटना और उसकी जांच के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

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इस दौरान एफआईआर में भोले बाबा का नाम न होने के सवाल पर सीएम योगी ने कहा कि सबसे पहले एफआईआर उन लोगों के खिलाफ है जिन्होंने कार्यक्रम की अनुमति मांगी थी। अभी आयोजक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। जांच शुरू हो गई है। इसमें जो भी दोषी पाए जाएंगे, उन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। सभी इसके दायरे में आएंगे। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।

गौरतलब है कि मंगलवार को हाथरस के सिकंदराराऊ इलाके में भोले बाबा के सत्संग कार्यक्रम के दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी। 35 लोगों का हाथरस, आगरा और अलीगढ़ के अस्पतालों में इलाज चल रहा है। पुलिस ने सिकंदराराऊ थाने में कथावाचक सूरजपाल सिंह उर्फ ​​नारायण साकार हरि उर्फ ​​भोले बाबा के सेवादार और सत्संग कार्यक्रम के आयोजक देव प्रकाश माथुर और अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 105, 110, 126, 223, 238 के तहत एफआईआर दर्ज की है।

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एफआईआर के मुताबिक सत्संग कार्यक्रम में 80 हजार लोगों के शामिल होने की जिला प्रशासन से अनुमति ली गई थी, जबकि कार्यक्रम स्थल पर करीब ढाई लाख श्रद्धालु पहुंचे थे। कार्यक्रम के समापन के बाद जब भोले बाबा का काफिला निकल रहा था तो उनके करीब पहुंचकर उनके चरण स्पर्श करने की होड़ मच गई। इसी बीच बाबा के साथ चल रहे उनके निजी सुरक्षा कर्मियों ने भीड़ को धक्का दे दिया जो हादसे का कारण बना।

एफआईआर में बाबा के सेवादारों पर भगदड़ के दौरान गिरे लोगों के सामान और जूते दूर खेतों में फेंके जाने के साक्ष्य छिपाने का भी आरोप लगाया गया है। उधर, हाथरस के उपजिलाधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एटा रोड स्थित मुगलगढ़ी के गांव फुलराई में श्री नारायण साकार हरि उर्फ ​​भोले बाबा के प्रवचन कार्यक्रम को सुनने के लिए पंडाल में दो लाख से अधिक लोगों की भीड़ मौजूद थी।

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करीब पौने दो बजे सत्संग कार्यक्रम समाप्त हुआ जिसके बाद भोले बाबा पंडाल से बाहर निकले, इसी बीच भीड़ उनके चरण स्पर्श करने और उनकी धूल लेने के लिए उनके वाहन की ओर दौड़ पड़ी। जीटी रोड और डिवाइडर की तरफ भी लोग खड़े थे जो डिवाइडर पार कर वाहन की तरफ भागे। बाबा के निजी सुरक्षा कर्मियों ने भीड़ को धक्का देकर वाहन के पास जाने से रोका। इससे कई महिलाएं गिर गईं और भीड़ उनके ऊपर से गुजर गई।

भीषण गर्मी में कुछ लोग सांस लेने के लिए खेतों की तरफ भागे लेकिन ढलान होने के कारण वे गिरते चले गए। रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस प्रशासन ने घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने 89 को मृत घोषित कर दिया जबकि अन्य की इलाज के दौरान मौत हो गई। घायलों का इलाज हाथरस के अलावा अलीगढ़, आगरा और एटा के अस्पतालों में चल रहा है।

दुर्घटना के कारणों की जांच के लिए अपर पुलिस महानिदेशक आगरा और अलीगढ़ के मंडलायुक्त की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की गई है। समिति आज मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि जारी करने के निर्देश दिए हैं। केंद्र सरकार की ओर से भी हताहतों को इतनी ही सहायता राशि दी गई है।

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स्थानीय आयोजकों ने भोले बाबा का कार्यक्रम आयोजित किया था। कार्यक्रम के बाद जब सत्संग के प्रचारक मंच से उतर रहे थे तो अचानक भक्तों की भीड़ उन्हें छूने के लिए उनकी ओर दौड़ने लगी और जब सेवादारों ने उन्हें रोका तो वहीं यह हादसा हो गया। मंत्री चौधरी और तीनों मौके पर मौजूद हैं।

हाथरस के जिलाधिकारी आशीष कुमार पटेल ने संवाददाताओं को बताया कि आज सिकंदराराऊ तहसील के मुगलगढ़ी राष्ट्रीय राजमार्ग पर फुलेराई गांव में एक धार्मिक आयोजन के समापन पर उमस के बीच बाहर निकलने की होड़ में भगदड़ मच गई, जिससे कई लोग हताहत हुए। उन्होंने कहा कि यह एक निजी आयोजन था जिसके लिए एसडीएम से अनुमति ली गई थी और आयोजन के मद्देनजर हर संभव व्यवस्था की गई थी।

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