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इंडिया न्यूज ( नई दिल्ली ) : राज्य सरकार ने जब से सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित किया है तब से जैन समाज नाराज है. कल जैन समाज के लोगो ने इसके विरोध में जुलूस निकाला और मौन प्रदर्शन किया. जैन समाज के लोगों का कहना है कि सम्मेद शिखर जी को पहले जैसे ही रहने दिया जाए वो जैन समाज के लिए आस्था का विषय है. इसके साथ किसी प्रकार का कोई भी परिवर्तन स्वीकार्य नही है.
हाल ही में सरकार ने सम्मेद शिखर जी को पर्यटन की श्रेणी में डाल दिया था. जिसके बाद जैन समाज के लोग सड़कों पर आ गए. लोगों का कहना है कि जैन समाज के आस्था के प्रतीक इस स्थान के साथ छेड़छाड़ न की जाए. कल जैन समाज से जुड़े लोगों ने रांची के आजाद मैदान में मौन जुलूस निकाला और सरकार के इस फैसले के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया.
प्रदर्शन कर रहे लोगो ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सम्मेद शिखर जी हमारे आस्था का प्रतीक है. इसको पर्यटन स्थल नही घोषित किया जाना चाहिए. आंदोलित लोगों ने कहा कि जैसे मुस्लिम समाज के लिए मक्का है, हिन्दू समुदाय के लिए चार धाम है ठीक वैसे ही जैन समाज के लिए सम्मेद शिखर जी काफी महत्वपूर्ण है.
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने जैन समाज के इस आंदोलन को सही बताया है. इसी के साथ ट्वीट करते हुए सरकार से कई सवाल पूछें हैं. मायावती ने कहा है कि धर्मनिरपेक्ष देश में अपने धर्म के सम्मान के लिए जैन समाज को आंदोलन करना पड़ रहा है ये दुखत है.
मायावती ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकारें टूरिज़्म के विकास आदि को बढ़ावा देने के नाम पर कमर्शियल दृष्टिकोण से जिन गतिविधियों को अंधाधुंध बढ़ावा दे रही हैं उससे श्रद्धालुओं में खुशी कम व असंतोष ज्यादा है. सरकारें धर्म की अध्यात्मिकता तथा धार्मिक स्थलों की पवित्रता बरकरार रखे तो बेहतर होगा.
ये भी पढ़ें- सम्मेद शिखरजी मामले को मिला मायावती का साथ, ट्वीट कर कहा ‘जैन धर्म के लोग सड़कों पर ये चिंता का विषय’
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