India News (इंडिया न्यूज), Hemant Soren: बड़ी जानकारी आ रही है। सीएम हेमंत सोरेन के घर ईडी पहुंच चुकी है। अब से बस कुछ ही देर में झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश होंगे। फिर ईडी उनके सामने अपने सवाल दागेगी। पूछताछ से पहले ईडी की ओर से अतिरिक्त सुरक्षा की मांग की गई है। खबर एजेंसी की मानें तो प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड सरकार को पत्र लिखकर भूमि धोखाधड़ी मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ के दौरान अतिरिक्त सुरक्षा की मांग की है। जांच एजेंसी ने सोरेन से पूछताछ के दौरान संभावित कानून-व्यवस्था की समस्या की आशंका में यह मांग की।

कहां होगा पूछताछ

ईडी अधिकारी भूमि धोखाधड़ी मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनका बयान दर्ज करने के लिए दोपहर 1 बजे के आसपास रांची में सोरेन के आधिकारिक आवास पर जाने वाले हैं।

जांच एजेंसी के अनुसार, झारखंड में “माफिया द्वारा भूमि के स्वामित्व को अवैध रूप से बदलने के एक बड़े रैकेट” की जांच के तहत सोरेन से पूछताछ की जाएगी।

हेमंत सोरेन का सवाल

सूत्रों के मुताबिक, ईडी की पूछताछ से पहले सोरेन ने अपने पिता और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) सुप्रीमो शिबू सोरेन से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया. इस बीच जांच एजेंसी की एक टीम मुख्यमंत्री के सरकारी आवास के लिए रवाना हो गई है।

दिल्ली आवास से दो लग्जरी कारें कीं जब्त

इससे पहले आज ईडी की एक टीम ने झारखंड के मुख्यमंत्री के दिल्ली आवास से दो लग्जरी कारें जब्त कीं। सूत्रों ने कहा, ईडी अधिकारियों ने उनके दिल्ली आवास से 36 लाख रुपये की नकदी भी बरामद की।

सोरेन ने लगाया आरोप

सोरेन ने आरोप लगाया है कि इस समय उनसे ईडी की पूछताछ राजनीतिक अधिक थी और इसका उद्देश्य उनकी सरकार के कामकाज को बाधित करना था। सोरेन द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि “आप अच्छी तरह से जानते हैं कि विधान सभा का बजट सत्र 2 और 29 फरवरी 2024 के बीच आयोजित किया जाएगा और अधोहस्ताक्षरी अन्य पूर्व निर्धारित आधिकारिक व्यस्तताओं के अलावा उसी की तैयारियों में व्यस्त रहेंगे।”

ईडी को सोरेन के पत्र में कहा गया है कि “इन परिस्थितियों में, 31 जनवरी 2024 को या उससे पहले अधोहस्ताक्षरी का एक और बयान दर्ज करने का आपका आग्रह दुर्भावनापूर्ण है और राज्य सरकार के कामकाज को बाधित करने और लोगों के एक निर्वाचित प्रतिनिधि को अपने आधिकारिक कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकने के लिए आपके राजनीतिक एजेंडे को उजागर करता है”।

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