संबंधित खबरें
तमिलनाडु सरकार से एनवायरनमेंट की पेंच सुलझने के बाद ही, धनुषकोडी की रेल विरासत फिर से होगी बहाल
भारत ने तैयार ऐसा खतरनाक हथियार, आसमान में चुटकी में दुश्मनों को चलाएगी धूल, तकनीक देख मुंह ताकते रहे गए अमेरिका-चीन
जब Mahakumbh बंद कराने आए थे 'सफेद राक्षस', नागा साधुओं ने पहली बार दिखाया था रौद्र रूप, बिछ गई थी लाशें
महाकुंभ में नहीं देखा होगा अबतक ऐसा नाच…'आईआईटीयन बाबा' ने दिखाए अपने ऐसे डांस मूव्स कि हर एक की आंखें रह गई फ़टी! Viral Video
साध्वी नहीं हैं हर्षा रिछारिया? जटाएं नकली…आंखों में लगाती हैं लेंस, मां ने खोल दिया ऐसा राज, मच गया तहलका
161 दिन बाद कोलकाता की 'निर्भया' को मिला न्याय, कोर्ट के फैसले को सुनकर चीख पड़ा 'हैवान', बता दी साजिश
India News (इंडिया न्यूज), Hijab-Burqa Ban: मुंबई में नौ छात्राओं ने अपने कॉलेज द्वारा कक्षा में हिजाब, बुर्का और नकाब पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश को चुनौती देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अपनी याचिका में छात्राओं ने कहा कि चेंबूर ट्रॉम्बे एजुकेशन सोसाइटी के एनजी आचार्य और डीके मराठे कॉलेज द्वारा लगाया गया प्रतिबंध मनमाना, अनुचित, कानून के विरुद्ध और विकृत है। वहीं याचिका पर न्यायमूर्ति एएस चंदुरकर की अध्यक्षता वाली पीठ अगले सप्ताह सुनवाई करेगी। याचिका के अनुसार 1 मई को कॉलेज के व्हाट्सएप ग्रुप पर एक संदेश के साथ एक नोटिस प्रसारित किया गया।जिसमें संकाय सदस्य और छात्र शामिल हैं, जिसमें बुर्का, नकाब, हिजाब, बैज, टोपी और स्टोल पर ड्रेस कोड प्रतिबंध लगाया गया है।
बता दें कि, याचिकाकर्ता, जो दूसरे और तीसरे वर्ष के डिग्री छात्र हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा निर्देश शक्ति के रंग-रूपी प्रयोग के अलावा और कुछ नहीं है।याचिका में कहा गया है कि नकाब, बुर्का और हिजाब याचिकाकर्ताओं की धार्मिक आस्था का अभिन्न अंग हैं और इस पर प्रतिबंध लगाना उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। वहीं याचिकाकर्ताओं ने शुरू में कॉलेज प्रबंधन और प्रिंसिपल से नकाब, बुर्का और हिजाब पर प्रतिबंध हटाने और इसे कक्षा में पसंद, सम्मान और गोपनीयता के अधिकार के रूप में अनुमति देने का अनुरोध किया था।
Viral Video: कतर एयरवेज की फ्लाइट में AC हुई खराब, यात्री परेशान होकर उतारने लगे कपड़े -IndiaNews
याचिकाकर्ताओं ने विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और कुलपति के साथ-साथ विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के समक्ष भी नोटिस के खिलाफ अपनी शिकायत उठाई और उनसे बिना किसी भेदभाव के सभी नागरिकों को शिक्षा प्रदान करने की भावना को बनाए रखने के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया। हालांकि, जब उन्हें कोई जवाब नहीं मिला तो छात्रों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। याचिका में कहा गया कि नोटिस बिना किसी कानूनी अधिकार के जारी किया गया था और इसलिए यह कानून के तहत अवैध और अमान्य है। याचिका में उच्च न्यायालय से नोटिस रद्द करने की मांग की गई।
Gurugram: बंदूक करते समय गलती से चली गोली, पूर्व सैनिक की मौत -IndiaNews
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.