संबंधित खबरें
‘कुछ लोग खुश है तो…’, महाराष्ट्र में विभागों के बंटवारें के बाद अजित पवार ने कह दी ये बड़ी बात, आखिर किस नेता पर है इनका इशारा?
कांग्रेस को झटका देने की तैयारी में हैं उमर अब्दुल्ला? पिछले कुछ समय से मिल रहे संकेत, पूरा मामला जान अपना सिर नोंचने लगेंगे राहुल गांधी
खतरा! अगर आपको भी आया है E-Pan Card डाउनलोड करने वाला ईमेल? तो गलती से ना करें क्लिक वरना…
मिल गया जयपुर गैस टैंकर हादसे का हैवान? जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, पुलिस रह गई हैरान
भारत बनाने जा रहा ऐसा हथियार, धूल फांकता नजर आएगा चीन-पाकिस्तान, PM Modi के इस मास्टर स्ट्रोक से थर-थर कांपने लगे Yunus
‘जर्सी नंबर 99 की कमी खलेगी…’, अश्विन के सन्यास से चौंक गए PM Modi, कह दी ये बड़ी बात, क्रिकेट प्रशसंक भी रह गए हैरान
India News (इंडिया न्यूज), Hindi Journalism Day: हर साल 30 मई को “हिंदी पत्रकारिता दिवस” मनाया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में पहला हिंदी अखबार कब छपा था? हिंदी भाषा का पहला अखबार उदंत मार्तंड 30 मई 1826 को छपा था। यही वजह है कि इस दिन को हिंदी पत्रकारिता दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
बता दें कि 30 मई को पंडित जुगल किशोर शुक्ला ने पहली बार इसे साप्ताहिक अखबार के तौर पर शुरू किया था। इसका पहली बार प्रकाशन कलकत्ता में हुआ था। पंडित जुगल किशोर शुक्ला इस साप्ताहिक अखबार के प्रकाशक और संपादक थे। पंडित जुगल किशोर शुक्ला कानपुर के रहने वाले थे जो पेशे से वकील थे। हालांकि, उनका कार्यक्षेत्र कलकत्ता था। यह वो समय था जब भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था। भारतीयों के अधिकारों का दमन और दमन किया जा रहा था। ऐसे में भारतीयों की आवाज को बुलंद करने के लिए पंडित जुगल किशोर शुक्ला ने उदंत मार्तंड अखबार का प्रकाशन शुरू किया।
इस अखबार का पहला प्रकाशन कलकत्ता के बड़ा बाजार इलाके में अमर तल्ला लेन में हुआ था। यह साप्ताहिक समाचार पत्र हर मंगलवार को पाठकों तक पहुंचता था। आपको बता दें कि इस समय कलकत्ता में अंग्रेजी, बंगाली और उर्दू भाषाओं का बोलबाला था। उस समय बंगाल में इन भाषाओं के समाचार पत्र प्रकाशित होते थे। यहां हिंदी भाषा का एक भी समाचार पत्र नहीं था। हालांकि, 1818-19 में कलकत्ता स्कूल बुक के बंगाली समाचार पत्र “समाचार दर्पण” के कुछ हिस्से हिंदी में जरूर प्रकाशित हुए थे। इसके बाद 30 मई 1826 को उदंत मार्तंड का प्रकाशन हुआ। पहली बार इस समाचार पत्र के पहले अंक की 500 प्रतियां छपी थीं।
बंगाल में हिंदी समाचार पत्रों का प्रचलन कम होने के कारण, समाचार पत्र डाक के माध्यम से भेजे जाते थे। डाक दरें अधिक होने के कारण, इन समाचार पत्रों को हिंदी भाषी राज्यों में भेजना आर्थिक रूप से नुकसानदेह था। इसके बाद पंडित जुगल किशोर ने ब्रिटिश सरकार से डाक दरों में थोड़ी छूट देने का अनुरोध किया ताकि हिंदी पाठकों तक अखबार पहुंचाया जा सके। हालांकि, ब्रिटिश सरकार इसके लिए राजी नहीं हुई। वित्तीय समस्याओं और उच्च डाक दरों के कारण उदंत मार्तंड समाचार पत्र का प्रकाशन लंबे समय तक जारी नहीं रह सका और 4 दिसंबर 1826 को अखबार का प्रकाशन बंद करना पड़ा।
Maa Laxmi: इन शुभ संकेतों के साथ आती है मां लक्ष्मी, कभी नहीं होगी धन की कमी – Indianews
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.