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India News (इंडिया न्यूज), Historically Speaking: भारत के राजनीतिक इतिहास में कुछ ऐसे नारे हैं जिनके बारे में हर किसी को पता है। लेकिन बहुत कम ऐसे लोग हैं जो जानते होंगे कि आखिर वो नारे किसने दिए, उस नारे का मकसद क्या था, कैसे हालात रहे होंगे उस वक्त। उन्ही में से एक नारा था पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय का। वो नारा था ‘वो कहते हैं इंदिरा हटाओ मैं कहती हूं गरीबी हटाओ’। इससे जुड़े एक दिलचस्प किस्सा ‘हिस्टोरिकल स्पीकिंग’ के साथ दिए एक साक्षात्कार में, वरिष्ठ पत्रकार पंकज वोहरा ने डॉ. ऐश्वर्या पंडित शर्मा को सुनाया। जिसमें वो कहते हैं कि कैसे पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी को एक नारा गढ़ने के लिए किसी की ज़रूरत थी। ‘वो कहते हैं इंदिरा हटाओ में कहती हूं गरीबी हटाओ’ का नारा पूर्व प्रधानमंत्री ने दिया था।
पंकज वोहरा बताते हैं कि ‘ वो कहते हैं इंदिरा हटाओ में कहती हूं गरीबी हटाओ’ का नारा पूर्व पीएम ने दिया था लेकिन इसे दिल्ली यूनिवर्सिटी के दिल्ली कॉलेज के एक लेक्चरर ने गढ़ा था।
वोहरा ने कहा, ”इंदिरा जी को कोई सिक्का जमाने वाला चाहिए था, एक समय दिल्ली यूनिवर्सिटी के दिल्ली कॉलेज में लेक्चरर हुआ करते थे। उनका नाम अशोक चटर्जी था। बाद में वह गोल मार्केट से मेट्रोपॉलिटन काउंसिल सदस्य बने। अशोक चटर्जी ने नारा दिया- ‘वो कहते हैं इंदिरा हटाओ में कहती हूं गरीबी हटाओ’। तो, ‘गरीबी हटाओ’ का नारा अस्तित्व में आया। यह इंदिरा गांधी द्वारा दिया गया नारा था लेकिन जिसे अशोक चटर्जी ने गढ़ा था। बहुत कम लोग जानते हैं।”
इंदिरा गांधी (19 नवंबर 1917 – 31 अक्टूबर 1984) एक भारतीय राजनीतिज्ञ थीं। जिन्होंने 1966 से 1977 तक और फिर 1980 से 1984 में अपनी हत्या तक भारत की तीसरी प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया। वह भारत की पहली और आज तक की एकमात्र महिला प्रधान मंत्री थीं, और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता के रूप में भारतीय राजनीति में एक केंद्रीय व्यक्ति। भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू की बेटी और राजीव गांधी की मां थीं। जो उनके बाद देश के छठे प्रधान मंत्री बने।
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