होम / History Of Bulldozer : जानिए, यूपी चुनाव के बाद से क्यों चर्चा में आया बुलडोजर?

History Of Bulldozer : जानिए, यूपी चुनाव के बाद से क्यों चर्चा में आया बुलडोजर?

Suman Tiwari • LAST UPDATED : March 31, 2022, 3:06 pm IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

History Of Bulldozer : जानिए, यूपी चुनाव के बाद से क्यों चर्चा में आया बुलडोजर?

History Of Bulldozer

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
History Of Bulldozer:
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में ‘बुलडोजर’ शब्द को यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने चुनावी भाषणों के दौरान खूब प्रयोग किया। वहीं पूर्ण बहुमत से सत्ता में दोबारा लौटे सीएम योगी आदित्यनाथ खुद तो हिट हो ही गए, साथ ही उनका बुलडोजर भी आजकल सुपरहिट हो रहा है।

बता दें कि 2017 में जब भाजपा सत्ता में आई, तो योगी ने सीएम की शपथ लेते ही एंटी-भू माफिया टास्क फोर्स का गठन किया। टास्क फोर्स ने अवैध रूप से हथियाई गई 64000 हेक्टेयर भूमि को खाली कराने और 2000 अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के लिए बुलडोजर का खूब प्रयोग किया। तो चलिए जानते हैं बुलडोजर क्या है। बुलडोजर का अविष्कार किसने किया और चलन में कैसे आया।

कितने शब्दों से मिलकर बना ‘बुलडोजर’?

  • बुलडोजर अंग्रेजी के दो शब्द बुल और डोजर से मिलकर बना है। डोजर का मतलब है, एक ऐसा ट्रैक्टर, जिसमें चौड़ा ब्लेड लगा होता है। बुल-डोजिंग का मतलब जबरदस्ती करना या डराना होता है। 19वीं सदी के अंत में बुलडोजिंग का मतलब किसी बाधा को पार करना था। चाहे वो तरीका बेहद क्रूर क्यों न हो। मशीनों के मामले में इसका मतलब जबरदस्त ताकत से किसी काम को करवाना है। शुरूआत में बुलडोजर का इस्तेमाल सिर्फ खेती-किसानी में होता था, लेकिन धीरे-धीरे इसका इस्तेमाल बिल्डिंग बनाने, गिराने, सड़क बनाने के लिए जगह समतल करने, खुदाई करने या मिट्टी-रेता-बजरी जैसी चीजें बड़े-बड़े कंटेनरों में भरने में होने लगा।

मशीनी बुलडोजर का अविष्कार किसने किया? (History Of Bulldozer)

History Of Bulldozer

  • मशीनी बुलडोजर का आविष्कार 1904 में अमेरिकी इन्वेंटर बेंजामिन होल्ट ने किया था। यह स्टीम इंजन से चलने वाला क्रॉलर ट्रेड टैक्टर था। उसी समय इंग्लैंड की हॉर्नस्बी कंपनी ने भी एक बुलडोजर बनाया था।
  • आपको बता दें कि 18वीं सदी में किसान लकड़ी के बने बुलडोजर को अपनी खेती करने के लिए प्रयोग में लाते थे। दो पहियों के साथ इसमें आगे की तरफ एक चौड़ी पट्टी के आकार में ब्लेड लगा होता था, जोकि मोटर से चलता था। पहले किसान खच्चर या घोड़े की मदद से इसका इस्तेमाल अपनी खेती की जमीन को समतल करने में करते थे।

Famous Bulldozer Companies  (History Of Bulldozer)

History Of Bulldozer

  • कैटरपिलर बुलडोजर: कैटरपिलर जमीन पर रेंगने वाले एक कीड़े का नाम है। यही सोचकर सीएल बेस्ट ने अपनी कंपनी का नाम कैटरपिलर रखा था। 1925 में इसकी स्थापना की गई। दुनियाभर में इसकी 110 से ज्यादा मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी हैं और यह अलग-अलग तरह के 24 प्रकार के व्हीकल्स बनाती है। कंपनी का शॉर्ट फॉर्म सीएटी है।
  • लिबहेर ग्रुप: स्विस कंपनी लिबहेर ग्रुप को हंस लिबेर्रे ने 1949 में स्थापित किया था। इस कंपनी ने पहले हवाई जहाज के पार्ट और टावर क्रेन का निर्माण शुरू किया था। इसके बाद कंपनी ने खुदाई और खनन करने वाली बुलडोजर मशीनें बनानी शुरू कर दीं।
  • कोमात्सु: कोमात्सु की स्थापना 1917 में जापान में की गई थी। जापान के होकुरिकु क्षेत्र में कोमात्सु शहर है। उसी के नाम पर कंपनी का नाम रखा गया था। कोमात्सु का अंग्रेजी में मतलब छोटा पाइन ट्री होता है। बाद में 1970 में ये कंपनी उत्तरी अमेरिका में शिफ्ट हो गई।

पहली बार बुलडोजर का इस्तेमाल कब हुआ?

  • प्रथम विश्व युद्ध 1914-18 में होल्ट क्रॉलर ट्रैक्टरों का इस्तेमाल अमेरिकी और ब्रिटिश, दोनों सेनाओं ने भारी तोपखाने और सामानों को ढोने में किया था। इसका इस्तेमाल ऐसे समय में किया गया था, जब कोई अन्य वाहन कीचड़ में नहीं संभाला जा सकता था। 1916 में ब्रिटिश सेना ने सबसे पहले युद्ध में इसका इस्तेमाल किया था।
  • दावा ये किया जाता है कि आधुनिक बुलडोजर के आविष्कार का श्रेय कैनसस के किसान जेम्स कमिंग्स और ड्राफ्ट्समैन जे. अर्ल मैकलियोड को है। दरअसल, उन्होंने 1923 में एक धारदार, खुरचनी ब्लेड बनाई थी। “खुरचनी ब्लेड” को ट्रैक्टर के आगे की ओर लगाया गया था। यह ट्रैक्टर के किनारे से दोनों तरफ से जुड़ी हुई थी।
  • सेकेंड वर्ल्ड वॉर में भी बुलडोजर का उपयोग हाईवे, रनवे और किलेबंदी के निर्माण के लिए किया गया था। वर के एडमिरल विलियम हैल्सी ने कहा था कि चार चीजें, जिन्होंने प्रशांत क्षेत्र में युद्ध जीतने में मदद की, वो हवाई जहाज, टैंक, पनडुब्बी और बुलडोजर थे।

कितने प्रकार के होते हैं बुलडोजर?  (History Of Bulldozer)

  • क्रॉलर बुलडोजर: इस बुलडोजर का इस्तेमाल भारी सामानों को लोड करने और धकेलने के लिए किया जाता है। इसके पहिए में ट्रैक लगी होती हैं जिससे ये धंसता नहीं है। ऊबड़-खाबड़ और ऊंची-नीची वाली जगहों पर ये काम करने में माहिर होता है।
  • मिनी बुलडोजर: इस बुलडोजर का इस्तेमाल छोटे प्रोजेक्ट में किया जाता है। खास तौर से खाई खोदने, भारी हिमपात में सड़कों से बर्फ हटाने में किया जाता है।
  • व्हील बुलडोजर: यह मशीन क्रॉलर बुलडोजर से बड़ी होती है। क्रॉलर के मुकाबले व्हील बुलडोजर आसानी से इधर-उधर घूमता है। यह बुलडोजर टायर ट्रैक की तुलना में काफी हल्का होता है।
  • हाइब्रिड बुलडोजर: यह बुलडोजर हाई-टेक टैक्नीक वाली मशीन है। यह गीले और सूखे दोनों जगहों पर काम करने में माहिर है।
  • मल्चर बुलडोजर: मल्चर बुलडोजर का इस्तेमाल सड़क निर्माण में किया जाता है। इसका काम पत्थरों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटना होता है।

योगी का ”बुलडोजर बाबा” नाम कैसे पड़ा?  ( History Of Bulldozer )

History Of Bulldozer

आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव 2022 में रैली के दौरान अखिलेश यादव ने योगी को ‘बुलडोजर बाबा’ कहा था। हालांकि, सीएम योगी अक्सर कहते हैं कि बुलडोजर यूपी के लोगों के लिए विकास का प्रतीक है। उनका बुलडोजर अब एक ब्रांड है। यह सड़कों और इमारतों के निर्माण के लिए इस्तेमाल होता है। साथ ही अवैध निमार्णों को ध्वस्त करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा रहा है। चुनाव के दौरान सीएम योगी ने हर सभा में, डोर-टू-डोर कैंपेन में बुलडोजर की चर्चा काफी की है। योगी के करीबियों की मानें तो उन्हें बाबा से ज्यादा बुलडोजर बाबा कहलाना पसंद आ रहा है।

History Of Bulldozer

READ ALSO: Tender For Media Rights Of IPL Season 2023-2027 Issued : जानें, कैसे IPL के अगले पांच सीजन के लिए BCCI मीडिया राइट्स से करेगा कमाई?

Connect With Us: Twitter Facebook

Tags:

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

इन 4 राशि के जातकों के वेशी योग से खुल जाएंगे भाग्य, इतनी मिलेगी सुख समृद्धि जिसे आप भी होंगे बेखबर, जानें क्या है आज का राशिफल?
इन 4 राशि के जातकों के वेशी योग से खुल जाएंगे भाग्य, इतनी मिलेगी सुख समृद्धि जिसे आप भी होंगे बेखबर, जानें क्या है आज का राशिफल?
नहीं झुकेगा भारत! चैंपियंस ट्रॉफी से पहले BCCI-PCB के बीच बढ़ी रार, मैदान में उतर ICC ने बुलाई इमरजेंसी बैठक
नहीं झुकेगा भारत! चैंपियंस ट्रॉफी से पहले BCCI-PCB के बीच बढ़ी रार, मैदान में उतर ICC ने बुलाई इमरजेंसी बैठक
विश्व में भारतीय सेना का बजा डंका, इस हिंदू राष्ट्र ने सैन्य प्रमुख को किया मानद उपाधि से सम्मानित, फिर बिलबिला उठेगा चीन
विश्व में भारतीय सेना का बजा डंका, इस हिंदू राष्ट्र ने सैन्य प्रमुख को किया मानद उपाधि से सम्मानित, फिर बिलबिला उठेगा चीन
शख्स दोस्तों के साथ मना रहा था अपना Birthday…तभी हुआ कुछ ऐसा भारत में मच गई चीख पुकार, मामला जान नहीं होगा विश्वास
शख्स दोस्तों के साथ मना रहा था अपना Birthday…तभी हुआ कुछ ऐसा भारत में मच गई चीख पुकार, मामला जान नहीं होगा विश्वास
अगर आपको है मर्दाना कमजोरी तो करें ये आसान Exercise, छूमंतर हो जाएगी सारी समस्या, वैवाहिक जीवन में मिलेगा चरम सुख
अगर आपको है मर्दाना कमजोरी तो करें ये आसान Exercise, छूमंतर हो जाएगी सारी समस्या, वैवाहिक जीवन में मिलेगा चरम सुख
पेट भरने वाली रोटी बनी कैंसर की वजह? धीमे-धीमे शरीर में जहर फैलाने का कर रही है काम, रिसर्च ने किया बड़ा खुलासा
पेट भरने वाली रोटी बनी कैंसर की वजह? धीमे-धीमे शरीर में जहर फैलाने का कर रही है काम, रिसर्च ने किया बड़ा खुलासा
लालू के बेटे को किया इस शख्स ने मानसिक प्रताड़ित, तेजस्वी ने लगाई पुलिस से एक्शन की गुहार
लालू के बेटे को किया इस शख्स ने मानसिक प्रताड़ित, तेजस्वी ने लगाई पुलिस से एक्शन की गुहार
सेब, जूस में मिलावट के बाद अब…केरल से सामने आया दिलदहला देने वाला वीडियो, देखकर खौल जाएगा आपका खून
सेब, जूस में मिलावट के बाद अब…केरल से सामने आया दिलदहला देने वाला वीडियो, देखकर खौल जाएगा आपका खून
BJP ने शुरू की दिल्ली विधानसभा की तैयारी… पूर्व APP नेता ने की जेपी नड्डा से मुलाकात, बताई पार्टी  छोड़ने  की बड़ी वजह
BJP ने शुरू की दिल्ली विधानसभा की तैयारी… पूर्व APP नेता ने की जेपी नड्डा से मुलाकात, बताई पार्टी छोड़ने की बड़ी वजह
शादी समारोह में गया परिवार…फिर घर लौटने पर छाया मातम, जानें पूरा मामला
शादी समारोह में गया परिवार…फिर घर लौटने पर छाया मातम, जानें पूरा मामला
पत्नी को हुए कैंसर के बाद Navjot Singh Sidhu ने दी ऐसी सलाह…बोले- ’10-12 नीम के पत्ते, सेब का सिरका और फिर स्टेज 4 कैंसर छू’
पत्नी को हुए कैंसर के बाद Navjot Singh Sidhu ने दी ऐसी सलाह…बोले- ’10-12 नीम के पत्ते, सेब का सिरका और फिर स्टेज 4 कैंसर छू’
ADVERTISEMENT