India News (इंडिया न्यूज), Uttarakhand Forest Fire: भारतीय वायु सेना ने शनिवार (27 अप्रैल) को उत्तराखंड के नैनीताल में एक वायु सेना स्टेशन और एक आवासीय बस्ती के लिए खतरा पैदा करने वाली जंगल की आग को बुझाने के लिए दो एमआई -17 हेलीकॉप्टर तैनात किए। वहीं सेना ने वन अधिकारियों की सहायता की। नैनीताल के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट प्रमोद कुमार ने कहा कि हेलीकॉप्टरों ने बांबी बाल्टियों का उपयोग करके भीमताल झील से पानी एकत्र किया और एक दर्जन से अधिक उड़ानें भरीं। जिससे दोपहर तक लारियाकांत वायु सेना स्टेशन के पास लगी आग को सफलतापूर्वक बुझा दिया गया।
मुख्यमंत्री ने दिए तेजी से आग बुझाने के आदेश
बता दें कि, प्रभागीय वन अधिकारी चंद्र शेखर जोशी के मुताबिक वन विभाग के कर्मचारियों, पुलिस और अग्निशमन कर्मियों के साथ लगभग 70-80 सेना के जवानों ने भी आग बुझाने के प्रयासों में सहायता की। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और हल्द्वानी में एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने आग पर पूरी तरह काबू पाने तक वन अधिकारियों की छुट्टियों पर रोक लगाने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि हमने जंगल की आग को एक चुनौती के रूप में लिया है। मैंने संबंधित अधिकारियों को घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया है।
भीषण आग की चपेट में जंगल
बता दें कि, पिछले 72 घंटों में उत्तराखंड के जंगल में आग लगने की 108 घटनाएं हुई हैं। जिससे 142 हेक्टेयर से अधिक वन भूमि को नुकसान हुआ है। राज्य सरकार से मिली जानकारी के अनुसार नवंबर से अब तक 598 घटनाओं में 724 हेक्टेयर जमीन बर्बाद हो चुकी है। जिससे राज्य को 14.02 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। दरअसल, शनिवार को आग से वायु सेना स्टेशन से थोड़ी दूरी पर पाइंस इलाके में स्थित हाई कोर्ट कॉलोनी के निवासियों के लिए भी खतरा पैदा हो गया था। वहीं वन विभाग ने इस साल मानव निर्मित आग के 146 मामले दर्ज किए हैं। जिनमें 17 लोगों को नामित किया गया है। जो जानबूझकर गोली चलाने के आरोप में शुक्रवार को रुद्रप्रयाग जिले में तीन गिरफ्तारियां की गईं।