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India News (इंडिया न्यूज),Amrit Snan in MahaKumbh:महाकुंभ में मकर संक्रांति के दिन पहला अमृत स्नान विधिवत रूप से हो चुका है. इसके बाद अब महाकुंभ में दूसरा अमृत स्नान किया जाएगा. धार्मिक मान्यता के अनुसार अमृत स्नान को बहुत ही महत्वपूर्ण और पुण्यदायी माना जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान किस दिन किया जाएगा और इसका शुभ मुहूर्त कब है?
दरअसल, महाकुंभ में सबसे बड़ा अमृत स्नान मौनी अमावस्या का माना जाता है. यह महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान है. मौनी अमावस्या का अमृत स्नान 29 जनवरी को किया जाएगा. महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान का महत्व कई गुना अधिक बढ़ जाता है. क्योंकि इस दिन व्यक्ति को जीवन भर स्नान और दान करने का पुण्य मिलता है. साथ ही मौनी अमावस्या का अमृत स्नान व्यक्ति की आत्मा को शुद्ध करता है.
महाकुंभ में दूसरा अमृत स्नान मौनी अमावस्या के दिन होगा. मौनी अमावस्या का स्नान सबसे बड़ा शाही स्नान होता है. यह शाही स्नान 29 जनवरी को किया जाएगा. मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज समेत अन्य तीर्थ स्थानों पर स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन स्नान का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5:25 बजे से शुरू होगा. यह मुहूर्त सुबह 6:18 बजे समाप्त होगा.
महाकुंभ के दौरान किए जाने वाले अमृत स्नान विशेष तिथियों पर किए जाते हैं. ये विशेष तिथियां ग्रहों की चाल और विशेष स्थिति के आधार पर तय की जाती हैं. जो भी व्यक्ति महाकुंभ के दौरान अमृत स्नान करता है, उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. उसे पुण्य फलों की प्राप्ति होती है. मान्यता के अनुसार महाकुंभ के दौरान अमृत स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.
महाकुंभ के मेले की कथा समुद्र मंथन से जुड़ी है। मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान अमृत निकला था। इस अमृत के लिए देवों और असुरों के बीच युद्ध हुआ था। यह युद्ध 12 दिनों तक चला था। इस दौरान धरती पर चार स्थानों पर अमृत की बूंदें गिरी थीं। इन स्थानों को प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन के नाम से जाना जाता है। इन स्थानों पर महाकुंभ और कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है। महाकुंभ सिर्फ एक मेला नहीं है बल्कि इसे एकता के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो कोई भी तीन दिनों तक महाकुंभ में स्नान करता है, उसे एक हजार अश्वमेध यज्ञ के बराबर पुण्य मिलता है।
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