इंडिया न्यूज, अंबाला:
Illegal Searching On Google is Crime अगर आपने गूगल या अन्य किसी प्लेफार्म पर बिना किसी व्यक्ति की इजाजत के उसकी निजी फोटो या वीडियो सर्च की तो आपको यह भारी पड़ सकता है। भारत सरकार ने सोशल मीडिया पर इस तरह की सर्चिंग और अन्य विवाद संभावित या आपत्तिजनक चीजों के सर्च पर भी पाबंदी लागू कर दी है और नए साल से ये पाबंदियां लागू हो गई हैं।
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सरकार के आदेश के अनुसार किसी भी महिला से अगर छेड़छाड़ अथवा दुर्व्यवहार हुआ हो तो उसके नाम व उसका फोटो शेयर करना अवैध है।
गूगल या किसी अन्य प्लेटफॉर्म पर बिना अनुमति पीड़िता की प्राइवेट फोटो या वीडियो शेयर करना अपराध की श्रेणी में रखा गया है। ऐसा करने पर सजा का प्रावधान है और साइबर क्राइम की धारा के तहत आरोपी को जेल जाना पड़ सकता है।
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इसी तरह केंद्र सरकार चाइल्ड पोर्न के मामले में भी सख्त हो गई है। इसे भी अपराध की श्रेणी में रखा गया है और ऐसा करने पर भी जेल हो सकती है। पास्को एक्ट 2012 के सेक्शन 14 के तहत चाइल्ड पोर्न देखने को शेयर करना और उसे बनाना कानूनन अपराध है। आरोपी को कम से कम पांच साल और अधिकतम सात साल तक सजा हो सकती है।
रिलीज से पहले आनलाइन प्लेटफॉर्म पर कोई भी फिल्म लीक करना या फिर पाइरेसी फिल्म को डाउनलोड करना भी गैरकानूनी है। केंद्र की मोदी सरकार में केंद्रीय कैबिनेट ने सिनेमेटोग्राफी एक्ट 1952 में संशोधन मंजूर कर लिया है और नए फैसलों के अनुसार फिल्म पाइरेसी को अब गंभीर अपराध माना जाएगा। ऐसा करने पर न्यूनतम तीन साल की सजा और 10 लाख रुपए जुर्माना भरना होगा। इस कानून के तहत वे लोग भी आएंगे, जो सिनेमाघरों में फिल्म की रिकॉर्डिंग करते हैं या ऐसी रिकॉर्डिंग का बिजनेस करते हैं।
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गूगल प्लेटफार्म पर गर्भपात करने के तरीके पर भी अब सजा का प्रावधान है। इसलिए गलती से भी गर्भपात करने के तरीके गूगल या अन्य सर्च प्लेटफार्म पर सर्च न करें। डॉक्टर से अनुमति लिए बिना गर्भपात करना गैरकानूनी है। गौरतलब है कि देश में इस तरह के कई मामले सामने आए हैं और इनमें सुप्रीम कोर्ट से गर्भपात की परमिशन लेने की मांग की गई है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने केवल किसी बीमारी से पीड़ित महिला को डॉक्टर की सलाह से गर्भपात की अनुमति दी है। ऐसे में आनलाइन सर्च करके गर्भपात की विधि भी कतई तलाश न करें तो जोल हो सकती है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक कोई भी व्यक्ति प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक या सोशल मीडिया आदि किसी भी प्लेटफॉर्म से छेड़छाड़ या दुर्व्यवहार पीड़िता की पहचान जाहिर नहीं कर सकता। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अगर ऐसा किया तो जेल होगी। इसके अलावा जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
(Illegal Searching On Google is Crime )
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