होम / देश / दो दशकों में गुजरात ने विकसित किया मजबूत स्वास्थ्य ढांचा, 1600 से अधिक जीवन रक्षक दवाइयां उपलब्ध

दो दशकों में गुजरात ने विकसित किया मजबूत स्वास्थ्य ढांचा, 1600 से अधिक जीवन रक्षक दवाइयां उपलब्ध

BY: Akanksha Gupta • LAST UPDATED : October 14, 2022, 12:03 pm IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

दो दशकों में गुजरात ने विकसित किया मजबूत स्वास्थ्य ढांचा, 1600 से अधिक जीवन रक्षक दवाइयां उपलब्ध

दो दशकों में गुजरात ने विकसित किया मजबूत स्वास्थ्य ढांचा, 1600 से अधिक जीवन रक्षक दवाइयां उपलब्ध

Gujarat: तंदुरुस्त और स्वस्थ समाज एक विकसित राष्ट्र का निर्माण कर सकता है। किसी भी देश या राज्य के विकास में उसके नागरिकों का स्वास्थ्य बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में राज्य के सभी नागरिकों को श्रेष्ठ स्वास्थ्य सुविधाएं आसानी से उपलब्ध कराने के लिए गुजरात में एक मजबूत स्वास्थ्य ढांचा विकसित किया गया है।

गुजरात में सभी नागरिकों को स्थानीय स्तर पर ही प्राथमिक एवं उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए राज्य में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं का एक विशाल नेटवर्क खड़ा किया गया है। विशेष रूप से राज्य के ग्रामीण इलाकों और शहरी क्षेत्रों की झुग्गी बस्तियों में रहने वाले गरीब एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के स्वास्थ्य कल्याण पर विशेष जोर दिया गया है।

आपको बता दें कि गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और मौजूदा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 6.5 करोड़ से अधिक गुजरातियों के स्वास्थ्य में गुणवत्तापूर्ण सुधार लाने हेतु कार्य कर ‘स्वस्थ गुजरात, समृद्ध गुजरात’ के मंत्र को आत्मसात किया है। उनके बताए गए मार्ग आगे बढ़कर आज मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल की सरकार गुजरात के स्वास्थ्य क्षेत्र को और भी सुदृढ़ बनाने के लिए अनेक नए निर्णय, योजनाएं और पहल शुरू कर रही है।

स्वास्थ्य क्षेत्र में गुजरात को मिली विश्वस्तरीय सुविधाएं

बता दें कि गुजरात में आज यू.एन. मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर, इंस्टीट्यूट ऑफ किडनी डिजीज एंड रिसर्च सेंटर, गुजरात कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट और एम एंड जे इंस्टीट्यूट ऑफ ऑप्थेल्मोलॉजी जैसे प्रसिद्ध हॉस्पिटलों का निर्माण किया गया है, जिससे राज्य सहित देश के अन्य राज्यों के नागरिकों को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं सुलभ हो रही हैं। अब, गुजरात के राजकोट में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जैसे अत्याधुनिक हॉस्पिटल का निर्माण हो रहा है, जहां नागरिकों को 750 बेड के साथ अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिलेगा।

अत्याधुनिक हॉस्पिटलों के अलावा गुजरात में सुदूरवर्ती क्षेत्रों के लोगों को उत्तम स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और कम्यूनिटी स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) भी स्थापित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि योजना के अंतर्गत गुजरात में 300 से अधिक जन औषधि केंद्र कार्यरत हैं। इन केंद्रों पर 1600 से अधिक जीवन रक्षक दवाइयां और लगभग 250 सर्जिकल उपकरण मामूली कीमतों पर उपलब्ध हैं।

पारंपरिक दवाइयों के क्षेत्र में भी गुजरात एक कदम आगे बढ़ा है। गुजरात के जामनगर में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का दुनिया का पहला ट्रेडिशनल मेडिसिन सेंटर शुरू होने जा रहा है। गुजरात आज राज्य में मेडिकल टूरिज्म विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

निःशुल्क टीकाकरण अभियान के जरिए किया कोरोना महामारी से मुकाबला

कोरोना महामारी से लोगों के स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए के लिए स्वदेशी टीके की खोज की गई। इस स्वदेशी टीके को चरणबद्ध तरीके से देश के सभी नागरिकों के लिए निःशुल्क उपलब्ध कराया गया है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में देश में शुरू किए गए निःशुल्क सामूहिक टीकाकरण अभियान में गुजरात ने मील का पत्थर हासिल किया है। राज्य में अब तक कोरोना टीके की 12.71 करोड़ से अधिक खुराक दी गई है। इसके अलावा, 1.79 करोड़ से अधिक लोगों को प्रिकॉशन डोज भी दिए गए हैं। 28 लाख 51 हजार से अधिक बच्चों का भी कोरोना टीकाकरण किया गया है।

इतना ही नहीं, गुजरात में ‘हर घर दस्तक’ कार्यक्रम के माध्यम से घर की चौखट पर टीकाकरण तथा ‘मेरा गांव, कोरोना मुक्त गांव’ तथा ‘मेरा वार्ड, कोरोना मुक्त वार्ड’ जैसे अभियानों का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया गया है।

चिकित्सा शिक्षा और शोध क्षेत्र में गुजरात सरकार का प्रभावी कार्य

राज्य के नागरिकों को स्थानीय स्तर पर ही चिकित्सा शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए मेडिकल सीटों की संख्या में बढ़ोतरी की गई है। राज्य में एमबीबीएस 2770 सीटें और स्नातकोत्तर (पीजी) पाठ्यक्रमों में 590 सीटें बढ़ाई गई हैं। गत 8 वर्षों में राज्य में 12 नए मेडिकल कॉलेजों को स्वीकृति दी गई है।

इसके अलावा, राज्य में चिकिस्ता शिक्षा के क्षेत्र में 6 सरकारी मेडिकल कॉलेज, 6 शैक्षणिक हॉस्पिटल, 2 सरकारी डेंटल कॉलेज और संबद्ध हॉस्पिटल, 1 एम एंड जे इंस्टीट्यूट ऑफ ऑप्थेल्मोलॉजी, 1 गवर्नमेंट स्पाइन इंस्टीट्यूट, 5 सरकारी फिजियोथैरेपी कॉलेज, 8 जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज, 8 जीएमईआरएस हॉस्पिटल, 3 ग्रांट इन एड-सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल (इंस्टीट्यूट ऑफ किडनी डिजीज एंड रिसर्च सेंटर, यू.एन. मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी और गुजरात कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट) और 8 सरकारी नर्सिंग कॉलेज कार्यरत हैं।

इस तरह, राज्य में कुल 48 सरकारी संस्थान चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में सक्रिय रूप से विद्यार्थियों को स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों का प्रशिक्षण देने के साथ ही मरीजों को विशिष्ट सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।

पीएम जन आरोग्य योजना के तहत 2.68 करोड़ नागरिकों को स्वास्थ्य कवच

जानकारी दे दें कि गुजरात में आज सभी स्वास्थ्य सेवाएं दूरदराज के क्षेत्रों तक उपलब्ध कराई गई है। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य मेले की शुरुआत की गई है। इसके अंतर्गत देश की लगभग 6000 तहसीलों और ग्रामीण स्तर पर सफलतापूर्वक स्वास्थ्य मेले आयोजित कर नागरिकों को स्वास्थ्य से संबंधित सुविधाएं और सेवाएं आसानी से पहुंचाई गई है। इस योजना के तहत 1.48 करोड़ पीएम-जय मा कार्ड दिए गए हैं, जिसके माध्यम से 2.68 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य कवच प्रदान किया गया है।

माताओं और बच्चों के पोषण के लिए स्वास्थ्य योजनाओं का कार्यान्वयन

तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात की महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य का हमेशा ख्याल रखा था और इस संदर्भ में अनेक योजनाएं लागू की थीं। उनके नेतृत्व में गुजरात गर्भवती माताओं के स्वास्थ्य रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से संरक्षित करने वाला देश का पहला राज्य है। राज्य सरकार के 20 वर्षों के अथक प्रयासों से हॉस्पिटल में प्रसव की दर आज 99.5 फीसदी पर पहुंच गई है, इसके कारण माता और बाल मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी आई है।

इसके साथ ही गुजरात में महिलाओं की गर्भावस्था और बच्चे के जन्म के बाद स्तनपान कराने की अवस्था में माता और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक स्वास्थ्य एवं पोषण मुहैया कराने वाली योजनाओं का प्रभावी कार्यान्वयन किया गया है।

केपीएसवा के तहत लाभार्थियों को 508.72 करोड़ की मदद

कस्तूरबा पोषण सहाय योजना (केपीएसवाई) के अंतर्गत गर्भावस्था के दौरान एनीमिया और कुपोषण को कम करके माता मृत्यु दर में कमी लाने के लिए अब तक कुल 25,43,622 लाभार्थियों को 508.72 करोड़ रुपए की सहायता दी गई है।

मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में हाल ही में गर्भवती माता और उसके नवजात शिशु की 1000 दिनों तक देखभाल के लिए ‘मुख्यमंत्री मातृशक्ति योजना’ शुरू की गई है। इसके साथ ही गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को पोषक आहार प्रदान करने वाली ‘पोषण सुधा योजना’ का दायरा बढ़ाकर उसे अब राज्य के सभी 14 आदिवासी बहुल जिलों में कार्यान्वित किया गया है।

जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने वाली माता और शिशु को निःशुल्क और सुरक्षित तरीके से घर पहुंचाने वाले ‘खिलखिलाट’ वाहनों की संख्या 174  से बढ़ाकर 463 की गई है, जिसका लाभ 64 लाख लाभार्थियों को मिला है।

108 एंबुलेंस सेवाओं का असरदार कार्यान्वयन

मुश्किल वक्त में राज्य के नागरिकों को आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधाएं  तत्काल उपलब्ध कराने के लिए नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2007 में 108 एंबुलेंस सेवा की शुरुआत की गई थी। 108 टोल फ्री नंबर के जरिए 24×7 आपातकालीन प्रतिक्रिया सेवाएं प्रदान करने के लिए राज्य के सभी जिलों में 108 एंबुलेंस सेवा का प्रभावी तरीके से कार्यान्वयन किया जा रहा है।

108 एंबुलेंस की यह आपातकालीन सेवा 14 एंबुलेंस के साथ शुरू की गई थी, जिसकी संख्या आज 802 एंबुलेंस तक पहुंच गई है, जिसमें 2 बोट एंबुलेंस भी शामिल है।

108 सेवा की बढ़ती लोकप्रियता, विश्वसनीयता और इसकी कार्यक्षमता के कारण इसे लोगों की ओर से अभूतपूर्व समर्थन मिल रहा है। राज्य में दुर्घटना या आपदा के दौरान घायल या बीमार व्यक्तियों को तत्काल उपचार प्रदान करने वाली 108 आपातकालीन एंबुलेंस सेवा के क्षेत्र में गुजरात देश में अग्रिम पंक्ति पर खड़ा है।

देश के सबसे बड़े किडनी हॉस्पिटल का लोकार्पण

हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल से 1275 करोड़ रुपए की विभिन्न स्वास्थ्य उन्मुख सुविधाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया है। इसके तहत अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित 850 बेड वाले देश के सबसे बड़े किडनी हॉस्पिटल का लोकार्पण, सिविल मेडिसिटी में गुजरात कैंसर एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट के 1-सी ब्लॉक तथा यू.एन. मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर की नवनिर्मित इमारत का लोकार्पण, सोला सिविल हॉस्पिटल परिसर मं. न्यू सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, भिलोडा और अंजार में सब डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल तथा असारवा सिविल परिसर में मेडिकल गर्ल्स हॉस्टल और रैन बसेरा का शिलान्यास जैसी सुविधाएं शामिल हैं।

इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार के ‘वन गुजरात, वन डायलिसिस’ कार्यक्रम के अंतर्गत कुल 188 डायलिसिस सेंटर तथा राज्य में जिला मुख्यालयों पर 22 डे केयर कीमोथैरेपी सेंटर का शुभारंभ किया तथा 188 नए डायलिसिस सेंटरों के साथ गुजरात डायलिसिस प्रोग्राम (जीडीपी) के अंतर्गत राज्य में कुल 270 निःशुल्क डायलिसिस सेंटर कार्यरत किए।

पिछले दो दशकों में गुजरात ने सफलतापूर्वक एक मजबूत स्वास्थ्य ढांचे का निर्माण किया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र के विकास के लिए तथा नागरिकों के स्वास्थ्य और खुशहाली में वृद्धि करने के लिए प्रतिबद्ध है।

Also Read: चुनाव आयोग की आज 3 बजे प्रेस कांफ्रेंस, विधानसभा चुनावों की तारीखों का होगा एलान

Tags:

Gujarat assembly electionGujarat Assembly Election 2022Gujarat ElectionGujarat Election 2022Narendra ModiPm Narendra Modiप्रधानमंत्री मोदी

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT