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Inadequate Arrangements at Religious Places 10 सालों में बदइंतजामी की बलि चढ़ गई 647 जिंदगियां, हजारों हुए घायल

Inadequate Arrangements at Religious Places 10 सालों में बदइंतजामी की बलि चढ़ गई 647 जिंदगियां, हजारों हुए घायल

इंडिया न्यूज़, अंबाला:

Inadequate Arrangements at Religious Places: 31 दिसंबर 2021 की रात माता वैष्णो देवी दरबार में हुए हादसे में 12 लोगों की मौत होने से एक दर्जन घरों में नए साल का जश्न मातम में बदल गया है। बताया जा रहा है कि आने जाने वाले रास्ते पर बेरिकेडिंग की हुई थी जोकि भीड़ को देखते हुए हटा दी गई थी। हालांकि यह कोई पहला मामला नहीं है कि किसी धार्मिक स्थल पर इस तरह की घटना हुई हो। पिछले 10 सालों पर नजर दौड़ाएं तो अभी तक करीब साढ़े छह सौ लोग इस तरह के हादसों में जान गंवा चुके हैं।  सबसे बड़ा हादसा माता नैना देवी मंदिर परिसर में2006 में हुआ था। हिमाचल प्रदेश में हुुए इस हादसे में 160 लोगों की जान चली गई थी। वहीं करीब 400 लोग घायल हुए थे।

बेकाबू भीड़, नाकाफी इंतजाम बने कारण Inadequate arrangements, uncontrollable crowd

मंदिर में टूटा लोगों के सब्र का बांध

Inadequate Arrangements at Religious Places: 27 अगस्त 2003 को नासिक में आस्था की भीड़ उमड़ी हुई थी, क्योंकि लोंग कुंभ स्रान के लिए यहां आए हुए थे। मेले के दौरान ही अचानक से महौल गड़बड़ा गया था और भगदड़ मच गई। इस दौरान 40 घरों के चिराग बुझ गए थे। वहीं करीब 125 श्रद्धालु घायल भी हो गए थे। ऐसा ही एक हादसा इलाहाबाद के संगम में साल 2013 में फिर से कुंभ लगा और इस मेले में भी श्रद्धालु पवित्र स्रान के लिए आए हुए थे। इस दौरान भी बेकाबू भीड़ को संभालने के इंतजाम नाकाफी साबित हुए और 36 लोगों की जान चली गई थी। करीब तीन दर्जन लोग घायल हुए थे।

Inadequate Arrangements at Religious Places: इसी प्रकार 30 सितंबर 2008 का वो दिन राजस्थान वासी आज तक नहीं भूले जब जोधपुर के चामुंडा देवी मंदिर में नवरात्रि के दौरान भक्तों की भीड़ उमड़ी हुई थी और तभी भगदड़ मच गई। इसमें 120 लोगों की मौके पर जान चली गई थी। इस दौरान करीब 200 लोग भगदड़ का शिकार होकर गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
राम-जानकी मंदिर हादसे में गई 63 की जान

Inadequate Arrangements at Religious Places: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के राम-जानकी मंदिर में 4 मार्च, 2010 को राम भक्तों की भीड़ इस कद्र थी कि पैर रखने तक की जगह नहीं थी। मौका कृपालु महाराज की पत्नी की पुण्यतिथि का था, इस मौके पर कपड़े और खाना बांटा जाने का कार्यक्रम था। वहीं मंदिर में करीब 10 हजार लोग इस दौरान मंदिर परिसर में जमा थे कि अचानक से भगदड़ मच गई,इस हादसे में उस समय 63 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं करीब 100 से  अधिक श्रद्धालु घायल हो गए थे।

मंदिर में टूटा लोगों के सब्र का बांध

केरल का सबरीमाला मंदिर में टूटा लोगों के सब्र का बांध People’s patience dam broken in Kerala’s Sabarimala temple

Inadequate Arrangements at Religious Places: 14 जनवरी 2011 का वो दिन भी केरल वासी कभी नहीं भूल सकते जब केरल के सबरीमाला मंदिर में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा हुआ था। उस समय भी अचानक से मंदिर परिसर में लोगों में अफरा-तफरी मच गई थी।  इस दौरान लोग अपनों को ही कुचलते हुए इस तरह से भागे कि इस घटना में करीब 106 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए।

हरिद्वार में गई थी 22 की जान 22 died in Haridwar

Inadequate Arrangements at Religious Places: 8 नवंबर 2011 को हरिद्वार में हर की पौड़ी पर आस्था का सैलाब उमड़ा हुआ था। दिन था आठ नवंबर 2011 का जब लोग आस्था की डूबकी लगाने के लिए हर की पौड़ी पर पहुंचे हुए थे। तब भी प्रशासन के पास भीड़ को काबू करने का कोई खास इंतजाम नहीं था। बेकाबू भीड़ हर की पौड़ी पर स्रान करने के लिए आई हुई थी। कि अचानक से अफवाह फैली और फिर भगदड़ मच गई. इस भगदड़ में 22 लोग जान से हाथ धो बैठे थे वहीं कई गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

मंदिर में टूटा लोगों के सब्र का बांध

2012 में पटना में मची भगदड़ 2012 stampede in Patna

Inadequate Arrangements at Religious Places: मौका छठ पूजा का था, जब 19 नवंबर 2012 को बिहार के पटना में अदालत गंज क्षेत्र के एक घाट पर श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ था। अचानक से  भगदड़ मचने से करीब 20 लोगों की जिंदगी का सूरज हमेशा के लिए अस्त हो गए था वहीं बड़ी संख्या में लोग घायल भी हो गए थे। इस प्रकार 13 अक्टूबर 2013 को मध्यप्रदेश के दातिया स्थित रत्नगढ़ मंदिर के पुल पर मची भगदड़ में करीब 89 लोगों की जान चली गई थी और इस दौरना करीब 100 लोग घायल हो गए थे।

2015-2016 में भगदड़ में 30 की गई जान 30 killed in stampede in 2015-2016

Inadequate Arrangements at Religious Places: 10 अगस्त, 2015 का वो दिन जब झारखंड के देवघर स्थित बैद्यनाथ मंदिर में लोग आस्था के साथ अपने भगवान का आर्शीवाद लेने आए हुए थे। उस समय भी अचानक मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं करीब 50-55 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस प्रकार साल 2016 में उत्तरप्रदेश के वाराणसी के राजघाट पर भगदड़ मचने से 19 लोगों की मौत हो गई थी। इस दौरान करीब 70 लोग घायल हो गए थे। बता दें कि यहां उस समय लोगों की भारी भीड़ पुल से गुजर रही थी तो किसी ने पुल टूटने की अफवाह फैला दी थी। उसके बाद भगदड़ मच गई थी। जबकि प्रशासन को उस समय भी उचित इंतजाम करने चाहिए थे जो कि नहीं किए गए।

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Rakesh Banwal

Sub Editor: @ India news Broadcasting Pvt Ltd. मंजिल की राह में कामयाबी धुंधली नजर आए तो, रास्ता बदलो इरादा नहीं

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