होम / जिसे शहीद समझकर दिया परमवीर चक्र सम्मान, 6 महीने बाद चीन को ढेंगा दिखाकर जिंदा लौटा वही वीर

जिसे शहीद समझकर दिया परमवीर चक्र सम्मान, 6 महीने बाद चीन को ढेंगा दिखाकर जिंदा लौटा वही वीर

Sohail Rahman • LAST UPDATED : September 6, 2024, 6:42 pm IST

Major Dhan Singh Thapa

India News (इंडिया न्यूज), Story Of Major Dhan Singh Thapa: भारत चीन युद्ध के दौरान एक अजीबो गरीब मामला सामने आया था। इस युद्ध में चीन हर मामले में भारत पर भारी पड़ रहा था। लेकिन भारत के सैनिकों के पास जज्बों की कोई कमी नहीं थी। इस जज्बे की वजह मेजर धन सिंह थापा बने थे। उन्होंने 1962 की जंग में चीनी सैनिकों को मुंह तोड़ जवाब दिया था। और मौत को परास्त करके वतन वापस लौट आए थे। हिमाचल प्रदेश के शिमला में 10 अप्रैल 1928 को मेजर धन सिंह थापा का जन्म हुआ था। उनके माता-पिता मूल रूप से नेपाली थे।

सेना में थापा का सफर 28 अगस्त 1949 को 1/8 गोरखा राइफल्स बटालियन का हिस्सा बनकर शुरू हुआ था। 20 अक्टूबर 1962 को चीनी सैनिकों ने गलवान की सिरिजाप घाटी चौकी पर हमला कर दिया था। इस पोस्ट की कमान मेजर धन सिंह थापा के हाथों में थी। चीनी सेना काफी बड़ी तादाद में थी और वह आधुनिक हथियारों और युद्धों के सामान से लैस थे।

थापा ने बहादुरी से चीनी सेना का किया मुकाबला

चीनी सैनिकों की तरफ से की गई बमबारी में मेजर धन सिंह थापा की पोस्ट का संपर्क दूसरी चौकी से कट गया था। इसके बाद चीनी सैनिक उनकी पोस्ट की तरफ बढ़ रहे थे, लेकिन उनके इन मंसूबों पर गोरखाओं ने पानी  फेर दिया था। पहले हमले में नाकामी हासिल होने के बाद चीनी सैनिकों ने और ताकत के साथ दोबारा चौकी पर धावा बोल दिया। जिसे मेजर धन सिंह थापा और उनकी रेजिमेंट ने चीनी सैनिकों की मंसूबों पर फिर से पानी फेर दिया। इससे तिलमिलाकर चीनी सेना ने तीसरी बार इन्फैंट्री के साथ-साथ टैंक की मदद से पोस्ट पर हमला कर दिया। जिसमें भारतीय सेना के कई जवान शहीद गए थे और ज्यादातर जख्मी हो गए थे। 

ऐसे में चीनी सैनिकों ने पोस्ट पर कब्जा कर लिया था। लेकिन उससे पहले मेजर थापा ने हार नहीं मानी और उन पर धावा बोल दिया था। जब चीनी सैनिकों ने भारतीय सेना की चौकी पर कब्ज़ा किया तो भारतीय सेना ने थापा को मरा हुआ समझकर उसे शहीद घोषित कर दिया। उनके घर वालों ने भी उनका अंतिम संस्कार कर दिया। 

जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए BJP ने जारी किया घोषणा पत्र, महिलाओं और छात्रों के लिए किया बड़ा ऐलान

जंग खत्म होने के बाद पता चला कि थापा जिंदा हैं 

जब दोनों देशों के बीच युद्ध खत्म हुई तो चीन की सरकार ने भारत को युद्ध बंदियों की सूची सौंपी। उसमें मेजर थापा का नाम भी शामिल था। इसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। 10 मई 1963 को जब उनकी रिहाई हुई और स्वदेश वापस लौटे तो उनका जोरदार स्वागत किया गया। इसके बाद मेजर धन सिंह थापा फिर से सेना में शामिल हो गए। उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने परमवीर चक्र से सम्मानित किया। वो लेफ्टिनेंट कर्नल के पद से रिटायर हुए। 6 सितंबर 2005 में 77 साल की उम्र में उनकी मौत हो गई थी। 

IPL 2025 के लिए राजस्थान रॉयल्स ने नियुक्त किया नया कोच, भारतीय टीम के इस पूर्व कोच पर लगाया दांव

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT