इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली, (India Covid Herd Immunity): कोविड-19 के कहर के बीच भारत सरकार के देशव्यापी टीकाकरण का ही परिणाम है कि देश में अब इस वैश्विक महामारी का ज्यादा असर नहीं हो रहा है। विशषेज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद भारत के 98 फीसदी लोगों में विकसित हर्ड (नेचुरल) इम्युनिटी उन्हें इससे बचा रही है। गौरतलब है कि चीन में इन दिनों दोबारा कोरोना ने कहर बरपा रखा जबकि भारत में बीते कई दिन से दैनिक मामले 300 से कम सामने आ रहे हैं।
विशेषज्ञों ने यह भी कहा है कि भारत को कोविड से फिलहाल कोई खतरा नहीं है। गौरतलब है कि कोविड के फिर बढ़ते मामलों से चीन के अलावा अमेरिका, जापान, फ्रांस, ब्राजील, कनाडा व स्पेन सहित कई देश इन दिनों परेशान हैं। इनमें सबसे बुरे हालात चीन के हैं। वहां ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट बीए.5, बीए.7 और बीबी ने कहर बरपा रखा है। इनके संक्रमण से चीन में मौतें भी बढ़ी हैं। इसी के साथ चीन में जीरो कोविड पॉलिसी कोविड को नियंत्रित न कर पाने का सबसे बड़ा कारण है।
भारत में भी बीए.5, बीए.7 और बीबी के मामले मिले हैं, लेकिन यहां ये वैरिएंट उतने मारक नहीं हैं। चीन के 14 फीसदी लोगों में ही नेचुरल इम्युनिटी विकसित हुई है। विशेषज्ञों के अनुसार वहां लंबे समय तक कोविड गंभीर बना रह सकता है। आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल के अलावा आईसीएमआर और एम्स के डॉक्टरों का मानना है कि चीन में बढ़ रहे कोरोना से भारत को फिलहाल खतरा नहीं है। उनका कहना है कि 2020 में कोरोना जब पहली बार फैला तब स्थिति अलग थी, लेकिन आज भारत में कोरोना के खिलाफ सिस्टम बहुत मजबूत हो गया है।
प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने दुनिया की 50 फीसदी से ज्यादा आबादी वाले 32 देशों के कोविड मामलों का आकलन किया है, जहां कोविड संक्रमण और मौत के मामले बढ़ रहे हैं। इन देशों में कोविड के मामले, वैक्सीनेशन और प्रतिरक्षा सिस्टम के आकलन में पाया गया कि जिन देशों में कोविड बढ़ा है, उनमें से अधिकतर देशों में नेचुरल इम्युनिटी 90 फीसदी से कम थी।
मणींद्र ने बताया कि किसी भी व्यक्ति में इम्युनिटी सिस्टम दो तरह से विकसित होता है- नेचुरल इम्युनिटी और वैक्सीनेटेड इम्युनिटी। उन्होंने बताया कि भारत में कोविड-19 के फैलने के बाद लगभग 98 फीसदी लोगों में नेचुरल इम्युनिटी विकसित हो गई, जो अब उन्हें बचा रही है। आईसीएमआर के संचार व योजना इंचार्ज डॉ. रजनीकांत ने बताया कि भारत में अभी कोरोना के केस बढ़ने को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है। अब भारत में 3000 लैब समेत हर चीज का सेटअप है।
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में बजुर्गों व गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है, क्योंकि उनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। वायरस अटैक होने पर उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। भोपाल एम्स के निदेशक डॉ. अजय सिंह ने भी कहा है कि हमें कुछ सावधानियों का नियमित पालन करना होगा।
भीड़ वाले इलाके में मास्क पहनने के साथ ही हाथ धोना व इंफेक्शन होने पर उसकी जांच करवाते रहना होगा। रायपुर एम्स के डायरेक्टर नितिन एम नागरकर ने बताया कि कई रिसर्च में पाया गया है कि कोरोना बना रहेगा, पर इसका असर उतना प्रभावी नहीं रहेगा। उन्होंने कहा, फिर भी हमें नियमित सावधानियों का ध्यान रखना होगा।
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