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Hypersonic Weapons
इंडिया न्यूज, वाशिंगटन:
कुछ दिन पहले ही चीन ने हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया था, इसके बाद अब अमेरिकन कांग्रेस ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत भी उन चुनिंदा देशों में शामिल है जो हाइपरसोनिक हथियार विकसित कर रहे हैं।
यह रिपोर्ट ऐसे समय में सामने आई है, जब हाल में चीन के परमाणु सक्षम हाइपरसोनिक मिसाइल प्रक्षेपण की खबर आई थी। चीन की इस हाइपरसोनिक मिसाइल ने अपने लक्ष्य से चूकने से पहले पूरी पृथ्वी का चक्कर लगाया था। चीन के इस परीक्षण से अमेरिकी खुफिया एजेंसियां सकते में आ गई थी।
स्वतंत्र कांग्रेशनल रिसर्च सर्विस की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि जहां अमेरिका और आस्ट्रेलिया मिलकर परमाणु हथियार बना रहे हैं तो भारत और रूस भी एक साथ मिलकर इस पर काम कर रहे हैं। दोनों देशों ने मैक-7 हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल ‘ब्रह्मोस-2’ में एक दूसरे का सहयोग किया है। पहले ब्रह्मोस-2 का काम 2017 में पूरा होना था लेकिन नई रिपोर्ट के अनुसार यह 2025 से 2028 के बीच में तैयार होगी।
सीआरएस की रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा बताया जा रहा है कि भारत अपने हाइपरसोनिक प्रौद्योगिकी प्रदर्शक वाहन कार्यक्रम के तहत एक स्वदेशी, दोहरे रूप से सक्षम हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल भी विकसित कर रहा है और उसने जून 2019 और सितंबर 2020 के बीच मैक 6 स्क्रैमजेट का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था।रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के पास 12 हाइपरसोनिक टनल हैं, जो मैक-13 तक की गति का परीक्षण करने में सक्षम हैं।
सीआरएस के अनुसार, 2007 से हाइपरसोनिक प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए अमेरिका ने हाइपरसोनिक इंटरनेशनल फ्लाइट रिसर्च एक्सपेरिमेंटेशन कार्यक्रम को लेकर आस्ट्रेलिया के साथ गठजोड़ किया है। वहीं फ्रांस ने भी हाइपरसोनिक प्रौद्योगिकी को उन्नत करने के लिए रूस के साथ गठजोड़ और अनुबंध किया है। वहीं हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल और हाइपर वेलोसिटी ग्लाइडिंग प्रोजेक्टाइल विकसित कर रहा है।
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