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India News (इंडिया न्यूज),India Maldives Row: कुछ दिन पहले पीएम मोदी ने लक्षद्वीप का दौरा किया था। प्रधानमंत्री ने वहां की कुछ तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर शेयर कीं। इन तस्वीरों पर मालदीव के तीन नेताओं ने भारत और पीएम मोदी के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणी की।
मालदीव के नेताओं के बयानों के कारण दोनों देशों के रिश्ते खराब हो गए। वहीं, मुइज्जू सरकार के चीन की ओर झुकाव के कारण दोनों के बीच रिश्ते और भी खराब हो सकते हैं। इस बीच राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने आधिकारिक तौर पर भारत को अपने सैनिक वापस बुलाने के लिए 15 मार्च का समय दिया है।
भारत का कहना है कि सैनिक मालदीव (मालदीव में भारतीय सेना) के नागरिकों को मानवीय सहायता प्रदान करने के साथ-साथ राहत और बचाव कार्यों में भी मदद करते हैं। भारत ने मालदीव को दो हेलीकॉप्टर और एक ड्रोनियर विमान भी दिया है। इनका उपयोग मुख्य रूप से समुद्री निगरानी, खोज और बचाव कार्यों और चिकित्सा निकासी में किया जाता है। भारत के पहले हेलीकॉप्टर और चालक दल ने 2010 में मालदीव में परिचालन शुरू किया था। उस समय मोहम्मद नशीद मालदीव के राष्ट्रपति थे।
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुज्जुज्जु ने कहा है कि भारत को मालदीव में रह रहे अपने सैनिकों को 15 मार्च तक वापस बुला लेना चाहिए। चीन की यात्रा से लौटने के बाद मुइज्जू ने यह समयसीमा तय की है। हालाँकि, भारत ने अभी तक उनकी मांग पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। आइए जानते हैं मालदीव में कितने भारतीय सैनिक हैं और वे वहां क्या कर रहे हैं?
अधिकारियों का कहना है कि मालदीव में 77 भारतीय सैनिक तैनात हैं। इसके अलावा भारतीय सशस्त्र बलों में 12 मेडिकल कमी भी हैं।
मालदीव ऐसे स्थान पर है जिसका सुरक्षा की दृष्टि से सामरिक महत्व है। ऐसे में चीन भी मालदीव में अपना प्रभाव बढ़ाना चाहता है। मालदीव की करीब पांच लाख की आबादी चावल, सब्जियों, दवाओं और मानवीय सहायता के लिए भारत पर निर्भर है।
लेकिन पिछले साल नवंबर में मुज्जु राष्ट्रपति बन गए। उन्होंने चुनाव में मालदीव से भारतीय सैनिकों को बाहर निकालने का वादा किया था। मुइज्जू ने भी परंपरा से हटकर अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए चीन को चुना। इससे पहले मालदीव के राष्ट्रपति अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए भारत को चुनते रहे हैं। मुइज्जू को चीन का समर्थक माना जाता है।
आपको बता दें कि यह द्वीप हिंद महासागर के सबसे व्यस्त समुद्री व्यापार राजमार्गों में से एक पर स्थित है। चीन का लगभग 80 प्रतिशत तेल आयात यहीं से होता है। वहीं, मालदीव में चीन की सैन्य मौजूदगी भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन गई है।
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