Putin India Visit: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) चार साल में अपनी पहली भारत यात्रा की शुरुआत गुरुवार को करने जा रहे हैं. इस यात्रा की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा आयोजित एक निजी रात्रिभोज से की जाएगी. दोनों नेता आर्थिक संबंधों पर केंद्रित विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा करेंगे और साथ ही प्रमुख वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे. प्रधानमंत्री रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) को जल्द समाप्त करने और बातचीत एवं कूटनीति की वापसी के भारत के रुख के बारे में चर्चा कर सकते हैं. पुतिन ने पिछले साल वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए मोदी की रूस यात्रा के दौरान उनके लिए एक निजी रात्रिभोज की मेजबानी की थी.
किन-किन कार्यक्रमों में शामिल होंगे पुतिन?
पुतिन के मुख्य कार्यक्रम शुक्रवार को निर्धारित हैं, जिसकी शुरुआत राजघाट की यात्रा से होगी और उसके बाद राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत होगा. दोनों नेता मुख्य शिखर सम्मेलन के लिए हैदराबाद हाउस में वार्ता करेंगे. मोदी के साथ दोपहर के भोजन के बाद, पुतिन भारत-रूस व्यापार मंच में भाग लेंगे. वे राष्ट्रपति भवन लौटेंगे, जहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उनके सम्मान में भोज का आयोजन करेंगी.
पुतिन के प्रवक्ता ने दी जानकारी
क्रेमलिन द्वारा जारी एक मीडिया ब्रीफ के अनुसार, पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि रूस इस शिखर सम्मेलन का उपयोग भारत के साथ व्यापारिक संबंधों को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों से बचाने के लिए करना चाहता है. इसके अलावा, नई दिल्ली और मॉस्को के बीच एक महत्वपूर्ण रक्षा सौदे को भी रूसी संसद ने मंजूरी दे दी है.
इन मुद्दों पर होगी चर्चा
1- भारत S-400 वायु रक्षा प्रणालियों के नए सेट खरीद सकता है.
2- भारत Su-57 लड़ाकू विमानों के 2-3 स्क्वाड्रन हासिल कर सकता है.
3- रूस की पैंट्सिर वायु रक्षा प्रणाली खरीदने पर बातचीत होगी.
4- रूस से वोरोनिश रडार के लिए सौदा हो सकता है.
5- दोनों देशों की नौसेनाएं समुद्री अभ्यास बढ़ाएंगी.
6- भारत का RuPay कार्ड रूस में और रूस का Mir कार्ड भारत में मान्य होगा.
7- UPI और रूस की भुगतान प्रणाली FPS को जोड़ा जा सकता है.
8- भारतीय कामगारों को रूस में नौकरी दिलाने के लिए एक नया समझौता हो सकता है.
9- विमान और जहाज निर्माण में नई साझेदारियां बन सकती हैं.