Live
Search
Home > देश > अब अधिकारियों को…, Indian Army ने फिटनेस मानदंडों में किया बड़ा बदलाव, जानें कब से होगा लागू

अब अधिकारियों को…, Indian Army ने फिटनेस मानदंडों में किया बड़ा बदलाव, जानें कब से होगा लागू

Indian Army Fitness Policy: भारतीय सेना ने अधिकारियों के लिए फिटनेस के नए मानदंड तय किए है, जानें क्या हैं यह बदलाव और कब से यह लागू होगा.

Written By: shristi S
Last Updated: October 10, 2025 13:08:00 IST

Army Fitness Standards 2026: भारतीय सेना ने अपने शारीरिक फिटनेस मानदंडों में एक ऐतिहासिक बदलाव की घोषणा की है. अब न केवल जवानों बल्कि वरिष्ठतम अधिकारियों तक को 60 वर्ष की उम्र तक साल में दो बार फिजिकल फिटनेस टेस्ट देना होगा. सेना का मानना है कि यह कदम सैनिकों की चुस्ती, मानसिक दृढ़ता और युद्ध-तैयारी को बेहतर बनाएगा.

 अप्रैल 2026 से लागू होंगे नए नियम

सेना सूत्रों के मुताबिक, नई नीति 1 अप्रैल 2026 से लागू होगी. वर्तमान में केवल 50 वर्ष तक के अधिकारी और जवान बैटल फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट (BPET) और फिजिकल प्रोफिशिएंसी टेस्ट (PPT) देने के लिए बाध्य थे. वरिष्ठ अधिकारियों को इन परीक्षाओं में छूट दी जाती थी, लेकिन अब यह छूट समाप्त कर दी गई है.

संयुक्त शारीरिक परीक्षण से बदलेंगे सिस्टम

अब दो अलग-अलग परीक्षणों की बजाय एक संयुक्त शारीरिक परीक्षा कराई जाएगी, जो हर छह महीने में आयोजित होगी. इस परीक्षा में 3.2 किमी दौड़, पुशअप्स, सिटअप्स और रस्सी चढ़ाई शामिल होंगे.  इन परीक्षाओं में मिलने वाले अंक भविष्य में प्रमोशन और प्रदर्शन मूल्यांकन का हिस्सा होंगे, जिससे फिटनेस और प्रोफेशनल क्षमता का आकलन सटीक तरीके से किया जा सकेगा।

 आयु वर्ग के अनुसार तय होंगे मानक

नई प्रणाली में सैनिकों की फिटनेस का मूल्यांकन आयु के आधार पर किया जाएगा. जैसे कि- 

  • 35 वर्ष तक के जवान: वर्टिकल और होरिजेंटल रोप टेस्ट देना अनिवार्य होगा.
  • 45 वर्ष से अधिक: रोप टेस्ट में छूट रहेगी.
  • 50-60 वर्ष के जवान और अधिकारी: केवल 3.2 किमी तेज चाल, पुशअप्स और सिटअप्स का परीक्षण.

इस तरह, सभी आयु वर्ग के कर्मियों के लिए फिटनेस मानक उनके स्वास्थ्य और उम्र के अनुरूप बनाए गए हैं.

कमांडरों को बनना होगा फिटनेस रोल मॉडल

सेना ने सभी रैंक के कमांडरों को निर्देश दिया है कि वे अपने अधीनस्थों के लिए फिटनेस का उदाहरण बनें. किसी भी परिस्थिति में अग्रिम मोर्चे पर नेतृत्व करने के लिए उन्हें चुस्त और सक्षम रहना आवश्यक होगा. जब तक नया सिस्टम लागू नहीं होता, वर्तमान फिटनेस मानदंडों के अनुसार परीक्षण जारी रहेंगे. यह बदलाव भारतीय सेना के सैनिकों और अधिकारियों की दक्षता और युद्ध-तैयारी को अगले स्तर पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.

MORE NEWS

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?