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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Indian Army Plan भारतीय सेना (indian army) अब चीन के साथ सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के मध्य और पूर्वी क्षेत्र में भी ऊंचाई वाले पहाड़ों में के-9 वज्र हॉवित्जर (K-9 Vajra Howitzer) तैनात करेगी। लद्दाख सेक्टर में गत मार्च व अप्रैल में के-9 वज्र हॉवित्जर को सफलतापूर्वक तैनात किया गया था। माना जाता है कि सेना के इस कदम को उन क्षेत्रों में बहुत प्रभावी पाया गया जहां वे तेज गति से आगे बढ़ सकते हैं और अग्रिम क्षेत्रों में जल्दी पहुंच सकते हैं।
सरकारी सूत्रों ने बताया, तोपों का परीक्षण बहुत सफल रहा है और अब योजना है कि ऐसी ही 200 और हॉवित्जर का आॅर्डर दिया जाए और उन्हें उत्तराखंड सहित मध्य सेक्टर स्थित ऊंचाई वाले पहाड़ी क्षेत्र और सिक्किम तथा अरुणाचल प्रदेश सहित पूर्वी सेक्टर में उन क्षेत्रों में तैनात किया जाए जहां बख्तरबंद वाहनों को तेजी से ले जाया जा सकता है।
सूत्रों ने बताया कि होवित्जर का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा है और ये तोपें ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारतीय सेना की जरूरतों को पूरा करती हैं। हाल ही में सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा ाा था कि रेगिस्तान और मैदानी इलाकों में तैनाती के लिए हासिल की गई तोपों को चीन के साथ संघर्ष को देखते हुए कुछ संशोधनों के साथ अन्य जगहों पर भी तैनात किया गया था।
जनरल नरवणे गुजरात में सूरत के पास हजीरा में लार्सन एंड टुब्रो फैसिलिटी में बनीं हॉवित्जर के इंडक्शन और संचालन की निगरानी कर रहे हैं। बता दें कि सेल्फ प्रोपेल्ड गन की मारक क्षमता 38 किलोमीटर है लेकिन ये पूर्वी लद्दाख में 16,000 फीट की ऊंचाई तक के पहाड़ों में 50 किलोमीटर की दूरी पर लक्ष्य को सफलतापूर्वक मार सकती हैं।
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