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India News (इंडिया न्यूज), Indian Economy: सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा गुरुवार (30 मई) को जारी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में साल-दर-साल 7.8% की वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष इसी अवधि में जीडीपी वृद्धि 6.1% थी और पिछली तिमाही में यह 8.4% थी। भारतीय रिजर्व बैंक ने Q4FY24 के लिए वास्तविक जीडीपी में 6.9% की वृद्धि का अनुमान लगाया था, जबकि पूरे वर्ष का अनुमान 7.6% था। यह गौर करने योग्य है कि वित्त वर्ष 24 की अंतिम तिमाही में वास्तविक सकल मूल्य वर्धित या जीवीए में 6.3% की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। वित्त वर्ष 24 के लिए देश की वास्तविक जीडीपी 8.2% रहने का अनुमान है, जबकि वित्त वर्ष 23 में यह 7% थी।
केंद्र सरकार ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में 7.0% की वृद्धि दर की तुलना में वित्त वर्ष 2023-24 में वास्तविक जीडीपी में 8.2% की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। वित्त वर्ष 2022-23 में 14.2% की वृद्धि दर की तुलना में वित्त वर्ष 2023-24 में नाममात्र जीडीपी में 9.6% की वृद्धि दर देखी गई है। यह दर्शाता है कि वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ने अर्थशास्त्रियों की अपेक्षाओं से बेहतर प्रदर्शन किया है। वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि के पीछे बुनियादी ढांचे पर खर्च में वृद्धि और मजबूत शहरी मांग को प्रमुख चालकों के रूप में पहचाना गया है।
बता दें कि कैपिटल इकोनॉमिक्स की अर्थशास्त्री अंकिता अमजुरी ने पहले कहा था कि अर्थव्यवस्था का शानदार प्रदर्शन घरेलू मांग में निरंतर गति को दर्शाता है।इस बीच बुधवार को एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत के सॉवरेन रेटिंग आउटलुक को स्थिर से सकारात्मक कर दिया। जिसमें लोकसभा चुनाव के नतीजों के बावजूद आर्थिक सुधारों और राजकोषीय नीतियों में निरंतरता की उम्मीदों का हवाला दिया गया।
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