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India News (इंडिया न्यूज़), WhatsApp Threatening Calls: भारतीय संचार मंत्रालय के तहत दूरसंचार विभाग ने हाल ही में नागरिकों को कुछ नंबरों से आने वाली कॉल के बारे में एक सलाह जारी की है। टेलीकॉम मंत्रालय के अनुसार जो कॉल्स नागरिकों को मिल रही हैं, जिसमें DoT के नाम पर कॉल करने वाले मोबाइल यूजर्स को धमकी देते हैं कि उनका मोबाइल नंबर काट दिया जाएगा। दरअसल मोबाइल यूजर्स को ये कॉलर्स यह कहकर धमकाते हैं कि उनके नंबर का गलत इस्तेमाल कुछ गैरकानूनी गतिविधियों में किया जा रहा है। यह कार्यप्रणाली उसी तरह है जैसे सीबीआई से संबंधित साइबर अपराध में उपयोगकर्ताओं को धमकी दी जाती है। जहां अपराधी कॉलर्स खुद को सीबीआई अधिकारी होने का दावा करते हैं और दावा करते हैं कि उनके नाम पर कुछ अवैध पैकेज प्राप्त हुआ है।
दूरसंचार विभाग ने विदेशी मूल के मोबाइल नंबरों से व्हाट्सएप कॉल के बारे में सलाह जारी की है। उदहारण के तौर पर ये नंबर +92-xxxxxxxxxx सरकारी अधिकारियों का रूप धारण करते हैं और लोगों को धोखा देते हैं। कृपया ध्यान दें कि +92 पाकिस्तान का देश कोड है। गृह मंत्रालय ने भी मोबाइल उपयोगकर्ताओं को ‘+92’ या अन्य अंतरराष्ट्रीय कोड से शुरू होने वाले अज्ञात नंबरों से कॉल करने से बचने के लिए कहा है। दूरसंचार मंत्रालय ने मोबाइल उपयोगकर्ताओं को चेतावनी दी है कि साइबर अपराधी ऐसी कॉल के माध्यम से साइबर अपराध को अंजाम देने के लिए और धमकी देने/व्यक्तिगत जानकारी चुराने की कोशिश करते हैं। इसमें आगे कहा गया है कि DoT अपनी ओर से किसी को भी ऐसी कॉल करने के लिए अधिकृत नहीं करता है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
दूरसंचार विभाग के अनुसार ऐसी कॉल प्राप्त होने पर कोई भी जानकारी साझा ना करें। यदि नागरिक +92 से शुरू होने वाले किसी अज्ञात नंबर से कॉल का उत्तर देते हैं, तो आपको अपनी साख, बैंक लॉगिन विवरण या ओटीपी साझा नहीं करना चाहिए। दूरसंचार विभाग ने नागरिकों को संचार साथी पोर्टल की ‘चक्षु-रिपोर्ट सस्पेक्टेड फ्रॉड कम्युनिकेशंस’ सुविधा पर ऐसे धोखाधड़ी संचार की रिपोर्ट करने की सलाह दी है। इस तरह की सक्रिय रिपोर्टिंग से दूरसंचार विभाग को साइबर अपराध, वित्तीय धोखाधड़ी आदि के लिए दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने में मदद मिलती है। दूरसंचार विभाग ने नागरिकों को साइबर अपराध या वित्तीय धोखाधड़ी के शिकार होने की स्थिति में साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 या www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करने की भी सलाह दी है।
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