Bharatiya Nyaya Sanhita Bill: On CrPC, radvocate Geeta Luthra
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Bharatiya Nyaya Sanhita Bill: सीआरपीसी को वरिष्ठ अधिवक्ता गीता लूथरा ने बताया आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार

Mudit Goswami • LAST UPDATED : August 11, 2023, 11:01 pm IST
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Bharatiya Nyaya Sanhita Bill: सीआरपीसी को वरिष्ठ अधिवक्ता गीता लूथरा ने बताया आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार

Bharatiya Nyaya Sanhita Bill

India News (इंडिया न्यूज़), Bharatiya Nyaya Sanhita Bill: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को भारतीय अपराध संहिता के कुछ परिवर्तन करने वाले विधेयक लोकसभा में पेश किए। ये विधेयक भारतीय न्याय संहिता विधेयक, 2023 भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता हैं।

आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेने वाले विधेयकों पर वरिष्ठ अधिवक्ता गीता लूथरा  ने इसे आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार बताया। उन्होंने कहा कि साक्ष्य अधिनियम एक बड़ा काम है। उन्होंने कहा,  “ये तीनों मिलकर 90% आपराधिक आधार बनाते हैं।”

उन्होंने कहा कि न्याय प्रणाली, सुधार की आवश्यकता है। यह भी महत्वपूर्ण है कि इस भीड़, लिंचिंग और ऐसे अन्य कृत्यों पर ध्यान दिया जाएगा, भले ही सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न निर्णयों में इस पर फैसला सुनाया है। मुझे खुशी है कि कानून है इसके बारे में आ रहा हूँ…”

गौरतलब है कि इस विधेयक को सदन में पेश करने के दौरान गृहमंत्री ने कहा, ”1860 से 2023 तक देश की आपराधिक न्याय प्रणाली अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानूनों के अनुसार कार्य करती रही। तीन कानून बदल जाएंगे और देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में बड़ा बदलाव होगा।”

ये बड़ें बदलाव किए जाएगें

  • राजद्रोह जैसे कानूनों को निरस्त किया जाएगा।
  • नई सीआरपीसी में 356 धाराएं रहेंगी, वहीं इससे पहले उसमें कुल 511 धाराएं होआ करती थी।
  • अब किसी भी अपराधिक मामले में सबूत जूटाने के दौरान वीडियोग्राफी करनी अनिवार्य होगी।
  • वही अब 7 साल से अधिक सजा वाली धाराओं में फॉरेंसिक टीम का सबूत जुटाना अनिवार्य रहेगा। देश के किसी भी इलाके में हुए गुनाह की FIR अब किसी भी जगह दर्ज की जा सकेगी।
  • 3 साल तक की सजा वाली धाराओं का समरी ट्रायल होगा। घटना के बाद मामले की सुनवाई और फैसला जल्द आ जाएगा।
  • किसी भी मामले में 90 दिनों के अंदर चार्जेशीट दर्ज करनी होगी और 180 दिनों के अंदर हर हाल में जांच खत्म करने का नियम रहेगा।
  • चार्ज फ्रेम होने के एक महीने के अंदक जज को अपना निर्णय सुनाना होगा।
  • वहीं सरकारी कर्मचारी के खिलाफ अगर कोई मामला दर्ज है तो 120 दोनों के भीतर अनुमति देनी अनिवार्य रहेंगी।
  • घोषित अपराधियों की संपत्ति की खत्म की जाएगी। इसके अलावा संगठित अपराध में कठोर से कठोर सजा सुनाई जाएगी।
  • वहीं पहचान छुपाकर यौन संबंध बनाने वालों को अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा। गैंगरेप के सभी मामलों में 20 साल की सजा या आजीवन कारावास की सजा होगी।
  • 18 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ यौन शोषण मामले में मौत की सजा का प्रावधान रखा जाएगा।

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