India News (इंडिया न्यूज़), Bharatiya Nyaya Sanhita Bill: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को भारतीय अपराध संहिता के कुछ परिवर्तन करने वाले विधेयक लोकसभा में पेश किए। ये विधेयक भारतीय न्याय संहिता विधेयक, 2023 भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता हैं।
आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेने वाले विधेयकों पर वरिष्ठ अधिवक्ता गीता लूथरा ने इसे आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार बताया। उन्होंने कहा कि साक्ष्य अधिनियम एक बड़ा काम है। उन्होंने कहा, “ये तीनों मिलकर 90% आपराधिक आधार बनाते हैं।”
उन्होंने कहा कि न्याय प्रणाली, सुधार की आवश्यकता है। यह भी महत्वपूर्ण है कि इस भीड़, लिंचिंग और ऐसे अन्य कृत्यों पर ध्यान दिया जाएगा, भले ही सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न निर्णयों में इस पर फैसला सुनाया है। मुझे खुशी है कि कानून है इसके बारे में आ रहा हूँ…”
#WATCH | On bills replacing IPC, CrPC and Indian Evidence Act, Senior Advocate Geeta Luthra says, "There has been this talk of revamping the criminal justice system. Evidence Act is a gargantuan task…all three together form the 90% base of the criminal justice system which we… pic.twitter.com/eIak0vCaRG
— ANI (@ANI) August 11, 2023
गौरतलब है कि इस विधेयक को सदन में पेश करने के दौरान गृहमंत्री ने कहा, ”1860 से 2023 तक देश की आपराधिक न्याय प्रणाली अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानूनों के अनुसार कार्य करती रही। तीन कानून बदल जाएंगे और देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में बड़ा बदलाव होगा।”
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