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Indian Missile Fell In Pakistan : पाकिस्तान के शहर में गिरी भारतीय मिसाइल, जानिए कितनी ताकतवर है?

Suman Tiwari • LAST UPDATED : March 13, 2022, 11:41 am IST
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Indian Missile Fell In Pakistan : पाकिस्तान के शहर में गिरी भारतीय मिसाइल, जानिए कितनी ताकतवर है?

Indian Missile Fell In Pakistan

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Indian Missile Fell In Pakistan: बीते नौ मार्च को पाकिस्तान के शहर चन्नूमियां के पास एक भारतीय मिसाइल गिरने की बात सामने आ रही है। वहीं भारत तकनीकी गलती होने के कारण ऐसा होना बता रहा है। तो चलिए जानते हैं उस भारतीय मिसाइल के बारे में जो पाक में गिरी। वहीं मिसाइल टेस्टिंग को लेकर क्या नियम है दोनों देशों के बीच। इस मामले में पाक का दावा क्या है।

पाकिस्तान में जो मिसाइल गिरी वो कौन सी थी?

  • बता दें कि भारत-पाकिस्तान यह नहीं बता पाया कि ये कौन सी मिसाइल थी। पाकिस्तान ने केवल इसे सुपरसोनिक मिसाइल कहा है। लेकिन कुछ एक्सपर्ट्सों का अनुमान है कि ये भारत की टॉप मिसाइलों में से एक ब्रह्मोस मिसाइल का टेस्ट हो सकता है। ये अनुमान पाक के उस दावे पर आधारित है, जिसके मुताबिक इस मिसाइल ने 200 किमी का सफर तय किया। हवा में कलाबाजियां खाईं, 40 हजार फीट की ऊंचाई और मैक 3 स्पीड यानी आवाज की स्पीड से 3 गुना अधिक स्पीड से उड़ान भरी।
  • ब्रह्मोस मिसाइल की टॉप स्पीड भी मैक 2-3 है, जिसकी रेंज करीब 290 किमी है और ये 15 किमी (करीब 50 हजार फीट की ऊंचाई) तक उड़ने में सक्षम है। ब्रह्मोस कहीं से भी दागा जा सकता है। ये परमाणु हथियार से लैस मिसाइल है और 200-300 किलो वॉरहेड्स ले जा सकती है।
  • पाक मुताबिक, इस भारतीय मिसाइल ने हवा के बीच में अपना रास्ता बदला था। पाक का कहना है कि सीमा पर निकटतम बिंदु से 140 किलोमीटर दूर सिरसा से उड़ान भरने के बाद, मिसाइल ने 70-80 किलोमीटर तक भारतीय इलाके में सफर तय किया और ये दक्षिण-पश्चिम की ओर भारतीय सेना के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज की ओर बढ़ रही थी। इसके बाद ये रास्ता बदलकर पाकिस्तान में घुसी और 124 किलोमीटर दूर जाकर जमीन से टकराई थी।
  • ब्रह्मोस मिसाइल का मॉडर्न वर्जन मेनुरेबल तकनीक से लैस है। यानी इसमें दागे जाने के बाद लक्ष्य तक पहुंचने से पहले अपना रास्ता बदलने की भी क्षमता है। आमतौर पर मिसाइलें या लेजर गाइडेड बम पहले से तय लक्ष्य को निशाना बना पाते हैं जबकि ब्रह्मोस मिसाइल दागे जाने के बाद भी, अगर उसका लक्ष्य अपना स्थान बदल रहा है, तब भी उसे निशाना बना लेती है।
  • वहीं कुछ एक्सपर्ट्सों का कहना है कि पाकिस्तान में गिरी मिसाइल परमाणु क्षमता से लैस पृथ्वी मिसाइल हो सकती है। भारत के परमाणु जखीरे के लिए जिम्मेदार स्ट्रैटिजिक फोर्सेज कमांड की कुछ संपत्तियां, उस इलाके के करीब स्थित हैं जहां से मिसाइल दागी गई थी। लेकिन, भारत कभी भी इस इलाके के आसपास पृथ्वी मिसाइल का टेस्ट नहीं करता है। पृथ्वी का टेस्ट केवल ओडिशा के बालासोर से ही होता है।

Indian Missile Fell In Pakistan

ब्रह्मोस मिसाइल की खासियत क्या?

ब्रहोमस मिसाइल का वजन 2200-3000 किलोग्राम होता है व लंबाई 26-30 फीट की होती है। इसकी रेंज 290 किलोमीटर होती है। इसकी स्पीड 2500 किलोमीटर प्रतिघंटा है। पेलोड 200-300 किलोग्राम के हथियार ले जाने में समक्ष है। ब्रह्मोस एक क्रूज मिसाइल है। यह मेनुरेबल तकनीक से लैस है। हवा में रास्ता बदलने, जगह बदलते टारगेट को भेदने में सक्षम है।

पृथ्वी मिसाइलों की खासियत क्या?

पृथ्वी मिसाइल का वजन 4,000-4,500 किलोग्राम होता है। लंबाई 8.55 मीटर होती है। चौड़ाई 1.1 मीटर की होती है। रेंज पृथ्वी-1, 150 किलोमीटर की होती है। पृथ्वी-2, 250-350 किलोमीटर, पृथ्वी-3, 350-750 किलोमीटर है। पेलोड पृथ्वी-1 की 1,000 किलो। पृथ्वी-2, 500-750 किला। पृथ्वी-3, 1,000किलो। पृथ्वी बैलेस्टिक मिसाइल हैं। पृथ्वी मिसाइल परमाणु हथियारों को भी ले जा सकती है।

पाक का दावा क्या?

  • पाकिस्तानी मिलिट्री प्रवक्ता ने बयान के जरिए बताया कि एक तेज स्पीड से उड़ता हुआ आॅब्जेक्ट उनके शहर मियां चन्नू के करीब कै्रश हुआ था। ये आब्जेक्ट 40 हजार फीट की ऊंचाई पर और मैक 3 स्पीड से पाकिस्तानी एयरस्पेस में 124 किलीमीटर अंदर उड़ने के बाद क्रैश हो गया।
  • पाक का कहना है कि इस आब्जेक्ट ने भारत और पाकिस्तान के एयरस्पेस में नेशनल और इंटरनेशनल पैसेंजर फ्लाइट्स के साथ ही जमीन पर मौजूद इंसानी जानों और संपत्तियों को भी संकट में डाला। आमतौर पर कमर्शियल विमान 31 हजार से 38 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ते हैं। अभी ये स्पष्ट नहीं है कि क्या ये भारतीय मिसाइल उसी एयरलाइन रूट पर उड़ी थी।

क्या भारत ने पाक को मिसाइल टेस्टिंग की सूचना दी थी?

इस मामले में पाक सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल ने बताया कि उन्हें भारतीय सेना की तरफ से किसी भी मिसाइल टेस्टिंग की जानकारी नहीं दी गई थी। दोनों देशों के बीच बैलेस्टिक मिसाइल की जानकारी साझा करने को लेकर करार है, लेकिन ये दोनों देश इस तरह की मिसाइलों (जो पाकिस्तान में गिरी) की जानकारी शेयर नहीं करते। बता दें कि पाकिस्तान मेजर जनरल का इशारा क्रूज मिसाइल की तरफ ही था।

क्या दोनों देश पहले आपस में सूचित करते हैं मिसाइल टेस्टिंग के बारे में?

Indian Missile Fell In Pakistan

  • भारत और पाक ने बैलेस्टिक मिसाइल की किसी भी टेस्टिंग की एक-दूसरे को पहले से सूचना देने के लिए 2005 में एक करार किया था। इस फ्लाइट टेस्टिंग आफ बैलेस्टिक मिसाइल एग्रीमेंट के तहत इन दोनों देशों को किसी भी जमीन या समुद्र और जमीन से जमीन से लॉन्च की जाने वाली बैलेस्टिक मिसाइल की टेस्टिंग की पहले से जानकारी देनी होती है। इस करार के मुताबिक, ऐसी किसी भी टेस्टिंग से पहले दोनों देश को पायलटों और नाविकों को सावधान करने के लिए एयर मिशन या नेविगेशनल वॉर्निंग का नोटिस जारी करना चाहिए।
  • इसके साथ ही, टेस्ट करने वाले देश को यह सुनिश्चित करना होता है कि मिसाइल जिस जगह से छोड़ी जानी है। वह दोनों देशों की सीमा से 40 किलोमीटर दूर हो। मिसाइल को जिस जगह गिरना है वह अंतरराष्ट्रीय सीमा या एलओसी से कम से कम 75 किलोमीटर दूर हो। मिसाइल को उड़ान के दौरान भी अंतरराष्ट्रीय सीमा या एलओसी को पार नहीं करना चाहिए। पूरी उड़ान के दौरान मिसाइल को सीमा से कम से कम 40 किलोमीटर दूर रहना चाहिए।
  • आपको बता दें कि दोनों देशों को मिसाइल टेस्टिंग के लिए कम से कम पांच दिनों का लॉन्च विंडो यानी समय तय करना होता है। साथ ही इस लॉन्च विंडो के बारे में कम से कम तीन पहले बताना होता है। यह जानकारी संबंधित देश के फॉरेन आफिस और हाई कमिशन के जरिए दी जाती है।

क्यों पाक डिफेंस सिस्टम खा गया मात?

  • पाकिस्तानी मिलिट्री अनुसार, उनके एयर डिफेंस ने ये पकड़ लिया था कि सिरसा से कोई हाई स्पीड आॅब्जेक्ट पहले भारत में उड़ने और फिर हवा में रास्ता बदलकर पाकिस्तानी इलाके में घुस गया है। इसके बाद पाकिस्तानी एयरफोर्स स्टैंडर्ड आपरेशन प्रोसिजर का पालन करते हुए लगातार इस आॅब्जेक्ट की निगरानी करता रहा, लेकिन इस दौरान पाकिस्तान ये नहीं जान पाया कि ये आब्जेक्ट एक मिसाइल है।
  • एक्सर्ट्स अनुसार, ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि मिसाइल की तेज स्पीड से इसके खिलाफ तुरंत कुछ कर पाना मुश्किल था। साथ ही शांति काल के समय किसी भी देश के लिए अचानक प्रतिक्रिया दे पाना मुश्किल होता है। इसलिए पाक की सेना इसका जवाब नहीं दे पाई।

क्या अंतर है क्रूज और बैलेस्टिक मिसाइल में?

मिसाइल एक गाइडेड हवाई रेंज वाला हथियार है जो आमतौर पर जेट इंजन या रॉकेट मोटर से खुद उड़ान भरने में सक्षम होता है। मिसाइलों को गाइडेड मिसाइल या गाइडेड रॉकेट भी कहा जाता है। मिसाइल का मतलब है किसी विस्फोटक को किसी टारगेट की ओर फेंकना, दागना या भेजना।

कितने प्रकार की होती है मिसाइल?

बता दें कि मिसाइल दो प्रकार की होती है। क्रूज मिसाइल और बैलेस्टिक मिसाइल।

क्रूज मिसाइल: क्रूज मिसाइल एक तरह की मानवरहित सेल्फ गाइडेड मिसाइल है। यह मिसाइल तेज रफ्तार विमानों की तरह जमीन काफी करीब उड़ान भरते हैं। इसके लिए उनके नेविगेशन सिस्टम में रास्ते की निशानदेही फीड की जाती है। इसलिए ही इन्हें क्रूज मिसाइल का नाम दिया गया है।

  • यह जेट इंजन टेक्नोलॉजी की मदद से पृथ्वी के वायुमंडल के भीतर उड़ान भरती हैं। इनकी स्पीड बहुत तेज होती है। क्रूज मिसाइलों को क्षमता के हिसाब से सबसोनिक, सुपरसोनिक और हाइपर सोनिक क्रूज मिसाइलों में बांट सकते हैं। उदाहरण के लिए भारत की ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल है और ब्रह्मोस 2 हाइपरसोनिक मिसाइल है। क्रूज मिसाइल जमीन से काफी कम, महज 10 मीटर की, ऊंचाई पर ही उड़ान भरती है।
  • क्रूज मिसाइल पृथ्वी की सतह के समानांतर चलती हैं और उनका निशाना एकदम सटीक होता है। कम ऊंचाई पर उड़ने की वजह से ही यह रडार की पकड़ में नहीं आती हैं। इन्हें जमीन, हवा, पनडुब्बी और युद्धपोत कहीं से दागा जा सकता है। क्रूज मिसाइल आकार में बैलेस्टिक मिसाइल से छोटी होती है और उन पर हल्के वजन वाले बम ले जाए जाते हैं। क्रूज मिसाइलों का यूज पारंपरिक और परमाणु बम दोनों के लिए होता है।

बैलिस्टिक मिसाइल: ये मिसाइल छोड़े जाने के बाद तेजी से ऊपर जाती है और फिर गुरुत्वाकर्षण की वजह से तेजी से नीचे आते हुए अपने टारगेट को हिट करती है। बैलेस्टिक मिसाइल को बड़े समुद्री जहाज या फिर रिसोर्सेज युक्त खास जगह से छोड़ा जाता है। भारत के पास पृथ्वी, अग्नि और धनुष नामक बैलिस्टिक मिसाइलें हैं।

  • बैलिस्टिक मिसाइलें साइज में क्रूज मिसाइलों से बड़ी होती हैं। ये मिसाइलें क्रूज की तुलना में ज्यादा भारी वजन वाले बम ले जा सकती हैं। बैलिस्टिक मिसाइल छोड़े जाने के बाद हवा में एक अर्धचंद्राकर रास्ते पर चलती। जैसे ही रॉकेट से उनका संपर्क टूटता है, उनमें लगा बम गुरुत्वाकर्षण की वजह से जमीन पर गिरता है। इन मिसाइलों को छोड़े जाने के बाद उनका रास्ता नहीं बदला जा सकता है। बैलिस्टिक मिसाइलों का यूज आमतौर पर परमाणु बमों को ले जाने के लिए होता है, हालांकि इसने पारंपरिक हथियार भी ले जाए जा सकते हैं।

भारतीय मिसाइल पाक कैसे पहुंची?

सिरसा पाकिस्तान सीमा से 104 किलोमीटर दूर है। सिरसा से शाम 6:43 पर मिसाइल छूटी और बीच हवा में मिसाइल ने अपना रास्ता बदल लिया। भारत में 70-80 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम दिशा में बढ़ी। शाम 6:43 पर पाकिस्तानी सीमा में जा पहुंची। शाम 6:50 बजे पाकिस्तान में 124 किलोमीटर अंदर पाक के शहर चन्नू मियां में क्रैश हो गई मिसाइल।  Indian Missile Fell In Pakistan

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