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Indian Temple Where Demons Were Worshipped : भारत की इन जगहों पर होती है असुरों की पूजा

BY: Suman Tiwari • LAST UPDATED : April 7, 2022, 3:44 pm IST
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Indian Temple Where Demons Were Worshipped : भारत की इन जगहों पर होती है असुरों की पूजा

Indian Temple Where Demons Were Worshipped

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Indian Temple Where Demons Were Worshipped:
भारत में अनेकों सभ्यताएं एवं अलग-अलग धर्म के लोग रहते हैं। इस कारण पूरे भारत में विभिन्न देवताओं के मंदिर पाए जाते हैं। क्योंकि भारत में अलग-अलग धर्म के लोगों की ओर से अपने विशेष भगवानों की पूजा की जाती है। लेकिन क्या आपको पता है भारत में कुछ जगहों पर पौराणिक कथाओं के असुरों की पूजा की जाती है। रामायण एवं महाभारत जैसे धर्मग्रंथों में देवी-देवताओं के साथ-साथ की इन असुरों की पूजा का वर्णन मिलता है। तो आइए जानते हैं कुछ ऐसे अनोखे मंदिर जहां आज भी असुरों यानी राक्षसों की पूजा होती है।

उत्तराखंड और केरल में दुर्योधन का मंदिर (Indian Temple Where Demons Were Worshipped)

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  • महाभारत में पांडवों के सामने सबसे बड़ी चुनौती रखने वाला दुर्योधन ही था। दुर्योधन कौरवों का सबसे बड़ा भाई था। उत्तराखंड के जाखोली में दुर्योधन का मंदिर था। एक रिपोर्ट अनुसार अब इस मंदिर को शिव मंदिर में बदल दिया गया है और लोग दुर्योधन के बारे में बात नहीं करना चाहते।
  • गांववालों को लगा कि दुर्योधन के मंदिर की वजह से गांव का नाम बदनाम हो रहा है और उन्होंने उसकी पूजा न करने का निर्णय लिया। मंदिर में एक कुल्हाड़ी रखी है जिसके बारे में कहा जाता है कि वो कौरव राजकुमार की थी। केरल के कोल्लम में दुर्योधन का मंदिर स्थित है। जिसे मलंदा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। पूजा के दौरान इस मंदिर में दुर्योधन को सुपारी, मुर्गा, लाल कपड़ा और शराब अर्पित की जाती है।

केरल में शकुनी मंदिर

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कौरवों की मां, गांधारी के भाई और गांधार नरेश शकुनी प्रपंच, षड्यंत्र रचने में माहिर था। भारत में शकुनी का मंदिर है केरल के मायमकोट्टू मालनचारुवू मालनद में है। मान्यता है कि इस स्थान पर शकुनी ने महादेव को प्रसन्न किया था और मोक्ष प्राप्त किया था। मंदिर में एक ग्रेनाइट का टुकड़ा है, कहा जाता है कि इसी पर बैठकर शकुनी ने तपस्या की थी। यहां के कुछ समुदाय खुद को कौरवों का वंशज भी मानते हैं और शकुनी की पूजा करते हैं।

उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश में है रावण मंदिर (Indian Temple Where Demons Were Worshipped)

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  • रामायण का खलनायक रावण या दशानन। हर साल विजयदशमी के दिन रावण का पुतला फूंका जाता है और बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया जाता है। भारत में रावण के कुल पांच मंदिर हैं। उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित दशानन मंदिर को 125 साल पुराना बताया जाता है। विजयदशमी पर जब पूरा देश रावण के पुतले फूंकता है, यहां रावण की पूजा होती है। रावण बहुत बड़ा विद्वान था और इसी वजह से यहां उसकी पूजा होती है।
  • उत्तर प्रदेश के बिसरख रावण का मंदिर है। मान्यता है कि ये रावण की जन्मस्थली है। आंध्र प्रदेश के काकिनादा में रावण का मशहूर मंदिर है। रावण शिवभक्त था और उसने यहां विशाल शिव मंदिर बनाने का निश्चय किया था। मध्य प्रदेश के विदिशा स्थित रावणग्राम में भी रावण की पूजा होती है। मान्यता है कि रावण की पत्नी मंदोदरी विदिशा से थीं। यहां दशानन की 10 फुट लंबी मूर्ति है। वहीं मध्य प्रदेश के मंदसौर में ही रावण का दूसरा मंदिर है। मान्यता है कि यहां रावण और मंदोदरी का विवाह हुआ था।

पश्चिम बंगाल में पूतना मंदिर  (Indian Temple Where Demons Were Worshipped)

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श्रीकृष्ण की कथा अगर याद हो तो पूतना नामक राक्षसी याद ही होगी। पूतना ने बाल गोपाल को मारने की कोशिश की थी। हुगली, पश्चिम बंगाल स्थित चंदन नगर में एक मंदिर ऐसा है जहां जन्माष्टमी के दिन पूतना की भी पूजा होती है। यहां के राधागोविंद मंदिर में राधा कृष्ण, जगन्नाथ, सुभद्रा, बलराम के साथ ही पूतना की भी मूर्ति है। पूतना की गोद में श्रीकृष्ण हैं।

उत्तराखंड में कर्ण का मंदिर 

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महाभारत में दुर्योधन का दोस्त दानवीर कर्ण, जिसने अपने शरीर का हिस्सा ही उखाड़ कर दान में दे दिया था। उत्तराखंड के नेटवर में स्थित है कर्ण का मंदिर। क्योंकि कर्ण कौरवों के साथ जा मिले थे इसलिए उन्हें भी खलनायक ही माना जाता है। नेटवर गांव के लोग भी दान-धर्म में विश्वास रखते हैं। यहां दहेज पर भी पाबंदी लगी हुई है। इस गांव में पशुओं की बलि पर भी रोक है। कहा जाता है कि उत्तराखंड स्थित कर्ण प्रयाग में श्री कृष्ण ने कर्ण का अंतिम संस्कार किया था। कुछ मान्यताएं ये भी कहती हैं कि यहां कर्ण ने तपस्या की थी।

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