India News(इंडिया न्यूज), India in UN: संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत ने सभी प्रकार के धार्मिक भय की कड़ी निंदा की. भारत की संयुक्त राष्ट्र में प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि चाहे यहूदी विरोधी भावना हो, ईसाई धर्म का भय हो या इस्लामोफोबिया हो. भारत कड़ाई के साथ सभी के विपक्ष में खड़ा है. रुचिरा ने कहा कि हिंदू, सिख और बौद्ध विरोधी भावनाएं बढ़ी हैं. इनके उदाहरण मठ-मंदिरों और गुरुद्वारों पर हो रहे हमले हैं. दरअसल संयुक्त राष्ट्र में रुचिरा कंबोज इस्लामोफोबिया से निपटने के उपाय पर प्रस्ताव पारित होने पर बोल रही थीं. इस दौरान रुचिरा कंबोज ने कहा कि हिंदुस्तान वसुधैव कुटुंबकम की विचारधारा को लेकर चलने वाला राष्ट्र है. इसीलिए भारत सभी प्रकार के धार्मिक भय के खिलाफ खड़ा है.
यूएन में भारत की प्रतिनिधि ने कहा कि दुनिया के सभी धर्मों का भारत सम्मान करता है. साथ ही पुरे विश्व को अपने परिवार के नजर से देखता है. रुचिरा ने आगे कहा कि पूरा विश्व आज भू राजनीतिक तनाव और असमान विकास का सामना कर रही है. जिसकी वजह से असहिष्णुता, भेदभाव और हिंसा में चिंताजनक वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान बाहुल्यवाद को बढ़ावा देने वाला देश है. भारत सभी धर्मों को समान नजर से देखता है. साथ ही विकास और प्रचार के लिए भी समान रूप से ही अवसर प्रदान करता है.
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रुचिरा कंबोज ने कहा कि भारत सभी धर्मों को ऐतिहासिक रूप से एक साथ लेकर चल रहा है. हिंदुस्तान हमेशा धार्मिक आधार पर सताए हुए लोगों को संरक्षण देने वाला देश रहा है. भारत सताए हुए लोगों के लिए एक शरणस्थली के रूप में जाना जाता है. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में सर्व धर्म सम भाव का सिद्धांत है. साथ ही भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है. उन्होंने आगे कहा कि यह सिर्फ हमारी संस्कृति में ही नहीं है, बल्कि इन सिद्धांतो हमारे संविधान में मजबूती के साथ लाया गया है.
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