संबंधित खबरें
मिल गया संभल की मस्जिद का काला सच? मुगलों से अंग्रेजों तक सभी ने छुपा रखे थे ये मंदिर के सबूत, जानें क्या-क्या मिला
Rahul Gandhi ने 6 महीने में कैसे फेल कर दी कांग्रेस की राजनीति? महाराष्ट्र हार में 'शहजादे' पर आया ब्लेम
Maharashtra Election Result 2024: नतीजों से पहले ही महायुति में हुई भयंकर लड़ाई, कुर्सी के लिए भिड़े ये 3 नेता
किन्नर से शादी करके खुश था लड़का, अचानक सामने आई वो काली सच्चाई, हिल गए घरवाले
महाराष्ट्र और झारखंड में हो गया खेला? छनने लगी जलेबी., जानें कहां खुशी और कहां पसरा सन्नाटा
महाराष्ट्र में इन 4 नोताओं की अलग ही चल रही जंग, जानें क्या है असली-नकली का महायुद्ध?
India News (इंडिया न्यूज़), Narayan Murthy: भारत में आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने बड़ा फैसला लिया है।उन्होंने अपने चार महीने के पोते एकाग्र रोहन मूर्ति को उपहार में 15 लाख शेयर दिया है, जिसकी कीमत लगभग 240 करोड़ रुपये है उपहार में दिए है।दरसअल, विनियामक फाइलिंग से पता चला है कि बिजनेसमैन नारायण मूर्ति ने शुक्रवार (15 मार्च) को एक ऑफ-मार्केट लेनदेन में अपने पोते के नाम पर इंफोसिस की 0.04 फीसदी हिस्सेदारी वाले शेयर हस्तांतरित कर दिए हैं।
बता दें कि, इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के द्वारा उनके पोते एकाग्र रोहन मूर्ति के नाम पर शेयर ट्रांसफर के बाद कंपनी में उनकी हिस्सेदारी 0.36 प्रतिशत तक गिर गई है। इंफोसिस के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर 1,602.30 रुपये पर सोमवार (18 मार्च) को बंद हुए। जिससे पता चलता है कि एकाग्र मूर्ति ने 2,403,450,000 रुपये की संपत्ति हासिल की है। बता दें कि, रोहन मूर्ति और अपर्णा कृष्णन क बेटे हैं एकाग्र रोहन मूर्ति, जिनका जन्म पिछले साल 10 नवंबर को बेंगलुरु में हुआ था। एकाग्र नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति के तीसरे पोते हैं। इनके अलावा दो अन्य पोते कृष्णा और अनुष्का हैं, जो ब्रिटेन के प्रधान मंत्री ऋषि सुनक और अक्षता मूर्ति की बेटियां हैं।
ये भी पढ़ें:- TCS Shares Deal: टाटा संस ने किया हजारों करोड़ का बड़ा डील, टीसीएस के शेयर बेचेगी कंपनी
गौरतलब है कि दिसंबर तिमाही के अंत तक इंफोसिस में अक्षता मूर्ति के पास 1.05 फीसदी, सुधा मूर्ति के पास 0.93 फीसदी और रोहन के पास 1.64 फीसदी हिस्सेदारी थी। बता दें कि, नारायण मूर्ति ने इंफोसिस की शुरुआत छह अन्य सह-संस्थापकों के साथ मिलकर साल 1981 में की थी। वहीं कुछ दिनों पहले एक कॉन्क्लेव में नारायण मूर्ति ने कहा था कि राज्यसभा सांसद और उनकी पत्नी सुधा मूर्ति भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी फर्म के अन्य सभी संस्थापकों की तुलना में बहुत अधिक योग्य थीं।
ये भी पढ़ें:- RuPay Service: सिंगापुर-यूएई में सफलता के बाद श्रीलंका में अटक गया रुपे कार्ड, जानें कहा फंसा है छोटा सा पेंच
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.