संबंधित खबरें
केंद्रीय मंत्रिमंडल के इन फैसलों से आपके जीवन में आने वाला है ये बड़ा बदलाव, जान लीजिए वरना कहीं पछताना न पड़ जाए
BJP से आए इस नेता ने महाराष्ट्र में कांग्रेस का किया ‘बेड़ा गर्क’, इनकी वजह से पार्टी छोड़ गए कई दिग्गज नेता, आखिर कैसे बन गए राहुल के खास?
दिसंबर में इतने दिन बंद रहेंगे बैंक, जाने से पहले एक बार चेक कर लीजिए, वरना…
'नेताओं के जाल में…', संभल में सीने पर पत्थर खाकर SP मुसलमानों से करते रहे अपील, Video देखकर सैल्यूट करने को खुद उठ जाएगा हाथ
'गोलीबारी नहीं, हत्या है', संभल हिंसा पर फट पड़े ओवैसी, 3 मुस्लिम युवकों जनाजे उठने पर कही ये बात
Maharashtra CM की बहस खत्म, RSS ने किया ऐसा काम, सुनकर शिंदे का कलेजा मुंह को आ जाएगा?
Intellectual Property
इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली:
Intellectual Property: बेशक दुनियाभर में कोरोना की दूसरी लहर ने जम कर जानें ली, लेकिन कुछ पैसे की हवस में डूबे लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता कि किसी की जान बचे या घर बर्बाद हो जाए। इन्हें तो सिर्फ अपनी तिजोरियां भरने तक से मतलब है। लोगों को दवा के नाम पर मौत परोस रही कंपनियां बड़े-बड़े नेताओं की मांग पूरी करके कोरोना वैक्सीन का बिजनेस करने की होड़ में लगी हुई हैं। देश में ही दुनिया भर में कोरोना का नया वैरिएंट (omicron) तेजी से फैलता जा रहा है। संभवत: भारत में कोरोना (Coronavirus) की तीसरी लहर का आगाज हो चुका है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले साल जनवरी में तीसरी लहर पीक पर होने की संभावना है।
Read More: Section 144 Imposed in Mumbai महाराष्ट्र सरकार ने लगाई रैली और जुलूस पर रोक
COVID News: इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी के नाम पर दवा निर्माता कंपनियां मनमानी कर रही हैं। वहीं इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी के नाम पर ही वैक्सीन बनाने का अधिकार कुछ कंपनियों तक सीमित रखा गया है। इसके बाद में उन्हीं कपंनियों को वैक्सीन बनाने का ठेका जारी कर दिया गया जो पहले से ही लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ करती रही हैं। हालांकि इसके लिए उन्हें भारी भरकम जुर्माना भी चुकाना पड़ चुका है।
Read More: https://indianews.in/national/kisan-andolan-ended/
Intellectual Property: वैक्सीन के इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी की लिस्ट से बाहर आना वास्तव में वह प्रक्रिया होती है। जिससे कि ट्रॉयल कर चुकीं कंपनियों को फॉमूर्ला दूसरे देशों के साथ शेयर करना पड़ता। फिर सभी देश अपने लोगों के लिए खुद से वैक्सीन तैयार कर चुके होते। अगर ऐसा होता तो गरीब देशों में भी सभी लोगों को वैक्सीन देना आसान हो जाता। बता दें कि 2020 के अंत और 2021 की शुरूआत में ही भारत ने विश्व व्यापार संगठन के समक्ष यह प्रस्ताव रखा था कि इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी के नियमों थोड़ी नरमी बरती जाए और वैक्सीन बनाने का फॉमूला मिल जाए, जिससे कि हम अपने देश में ही कोरोना की वैक्सीन तैयार कर सकें। लेकिन यह मंजूरी मिलने में हमें संभवत: थोड़ी देर हुई जिसके कारण हमारी स्वदेशी वैक्सीन बनने में समय लगा। अगर ऐसा नहीं होता तो भारत पहले ही वैक्सीन तैयार कर चुका होता।
Read More :Corona Virus Update Today : 24 घंटे में सामने आए कोरोना के 8 हज़ार से अधिक मामले
Intellectual Property: भारत के प्रस्ताव को नजरअंदाज करने के लिए वैक्सीन निर्माता विदेशी कंपनियों ने अपने यहां के नेताओं पर जमकर धनवर्षा की। सिर्फ इस लिए की भारत के प्रस्ताव को पास होने से किसी भी तरह रोकना है। विदेशी अखबार डाउन टु अर्थ में छपी एक खबर में स्पष्ट लिखा गया है कि भारत के प्रस्ताव को रोकने के लिए अमेरिकी फार्मा कंपनियों के संगठन द फार्मास्यूटिकल रिसर्च एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ अमेरिका (Pharmaceutical Research and Manufacturing of America) ने 50 मिलियन डॉलर, भारतीय करंसी में करीब 3 हजार 700 करोड़ रुपया नेताओं पर इस लिए खर्च कर दिया कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस प्रस्ताव को रोक सकें। आखिर कार हुआ भी वही जैसे कंपनियों ने चाहा था।
Intellectual Property: कोरोना वैक्सीन बनाने वाली फाइजर कंपनी फाइजर (Pfizer) समेत इसकी सहायक कंपनी फर्माशिया एंड अपजॉन पर जुर्माना इस लिए लगाया गया था। क्योंकि इन कंपनियों ने साल 2005 में लोगों की सेहत से खिलवाड़ करते हुए नियमों को ताक पर रखकर गलत तरीके से अपनी बेक्स्ट्रा दवा को लोगों को परोस (बाजार) में उतार दिया था। जब दवा के साइड इफैक्ट सामने आए तो लोगों ने इसकी शिकायत की तो कंपनी ने बाजार से दवा वापस मंगवा ली थी। लेकिन तब दवा के तथ्यों को छुपाने के जुर्म में कंपनी पर आपराधिक मामला चला और कंपनी को इसके लिए 2009 में 2.3 बिलियन डॉलर जुमार्ना देकर पिंड छुड़वाना पड़ा था। बता दें कि इस कंपनी द्वारा बनाई गई वैक्सीन अमेरिका और यूरोप में लोगों को लगाई गई है।
Omicron India Update मासूम बच्ची आई चपेट में
Intellectual Property: जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson & Johnson) एक ऐसी कंपनी जिसने कोरोना के लिए सिंगल डोज वैक्सीन बनाने का दावा किया है। जिसे अमेरिका सहित कई देश लगवा भी चुके हैं। बाद में जब इसके विपरीत असर दिखने लगा तो लोगों ने शिकायत करनी शुरू कर दी। दो साल पहले 2019 में ही अमेरिका के ओकलाहोमा राज्य में केस चला और कंपनी को नशीली दवाओं के इस्तेमाल से जुड़े ओपियॉड संकट केस का दोषी पाया गया। तब इस कंपनी पर अदालत ने 572 मिलयन डॉलर, भारतीय मुद्रा में (करीब 4,100 करोड़) रुपए का जुमार्ना चुकाना पड़ा था। क्योंकि कंपनी ने जानबूझकर ओपियॉड के खतरे को लोगों से छुपाया और अपनी तिजोरियां भर ली थी।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.