संबंधित खबरें
‘कुछ लोग खुश है तो…’, महाराष्ट्र में विभागों के बंटवारें के बाद अजित पवार ने कह दी ये बड़ी बात, आखिर किस नेता पर है इनका इशारा?
कांग्रेस को झटका देने की तैयारी में हैं उमर अब्दुल्ला? पिछले कुछ समय से मिल रहे संकेत, पूरा मामला जान अपना सिर नोंचने लगेंगे राहुल गांधी
खतरा! अगर आपको भी आया है E-Pan Card डाउनलोड करने वाला ईमेल? तो गलती से ना करें क्लिक वरना…
मिल गया जयपुर गैस टैंकर हादसे का हैवान? जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, पुलिस रह गई हैरान
भारत बनाने जा रहा ऐसा हथियार, धूल फांकता नजर आएगा चीन-पाकिस्तान, PM Modi के इस मास्टर स्ट्रोक से थर-थर कांपने लगे Yunus
‘जर्सी नंबर 99 की कमी खलेगी…’, अश्विन के सन्यास से चौंक गए PM Modi, कह दी ये बड़ी बात, क्रिकेट प्रशसंक भी रह गए हैरान
India News(इंडिया न्यूज), Iqra Hasan: इस बार के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है और समाजवादी पार्टी एक बार फिर राज्य में सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनकर उभरी है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की मेहनत, टिकट देने की रणनीति और चुनाव में लगातार सतर्क रहने का नतीजा सामने आया है। इस बार सपा ने कई युवाओं को टिकट दिया और सबसे खास बात यह रही कि सिर्फ 5 यादवों को ही टिकट मिला जिसमें उनके परिवार के लोग भी शामिल हैं। वहीं कैराना लोकसभा सीट की बात करें तो यहां से सपा ने 29 साल की युवा इकरा हसन को मैदान में उतारा था। इकरा ने चुनाव में बीजेपी के प्रदीप कुमार को 69,116 वोटों से हराया। सांसद इकरा हसन ने संसद में हिंदूओं के लिए एक बड़ी मांग की है, तो चलिए जानते हैं इकरा हसन के बारे में और उनसे जुड़े इस मांग के बारे में।
Power Of Mantra: हमेशा मंत्रो का उच्चारण करने वाले क्या जानते भी हैं, मंत्रों की चमत्कारी शक्ति?
बता दें कि, इकरा हसन का परिवार पिछले 40 सालों से राजनीति से जुड़ी हुआ है। उनके दादा अख्तर हसन ने 1984 में कैराना से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीतकर सांसद बने थे। उन्होंने बीएसपी सुप्रीमो मायावती को हराया था। उस समय मायावती पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रही थीं। बाद में उनके पिता मुनव्वर हसन ने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया और 1996 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर सांसद चुने गए। 2008 में एक सड़क दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई। मुनव्वर हसन की मौत के बाद उनकी पत्नी तबस्सुम हसन ने 2009 में बसपा के टिकट पर कैराना लोकसभा सीट से चुनाव जीता था। भाजपा सांसद हुकुम सिंह की मौत के बाद 2018 में हुए उपचुनाव में भी तबस्सुम ने जीत दर्ज की थी। इकरा के बड़े भाई नाहिद हसन तीन बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने साल 2022 में जेल से ही विधानसभा चुनाव लड़ा और जीता। गैंगस्टर एक्ट के तहत बड़े भाई की गिरफ्तारी इकरा की जिंदगी का टर्निंग प्वाइंट बन गई और उसने चुनाव में भाई की जीत सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी ले ली।
सपा सांसद इकरा हसन ने सदन में आम लोगों की रेल समस्याओं को सरकार के समक्ष रखा। संसद में बोलते हुए उन्होंने कहा कि पानीपत वाया कैराना मेरठ रेल मार्ग क्षेत्र के लोगों की बहुत पुरानी मांग है। मांग पूरी होने से लाखों यात्रियों को लाभ मिलेगा। इसके अलावा उन्होंने शामली से हाईकोर्ट इलाहाबाद और वैष्णो देवी के लिए सीधी रेल सेवा शुरू करने का अनुरोध किया। उन्होंने दिल्ली शामली सहारनपुर रेल मार्ग पर नानौता और रामपुर में रेलवे फाटकों पर अधूरे रेलवे पुलों को जल्द पूरा करने और जनता को राहत देने के लिए रेल मंत्री का ध्यान आकर्षित किया।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.