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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
सीबीआई ने रिश्वत मामले में भारतीय रेलवे यातायात सेवा (आईआरटीएस) के पांच कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। इनमें तीन अधिकारी हैं। आरोपियों की पहचान संजय कुमार, (आईआरटीएस 1996), बिहार में पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य माल परिवहन प्रबंधक (सीएफटीएम), रूपेश कुमार, आईआरटीएस-2011, सीनियर डोम, समस्तीपुर, पूर्व मध्य रेलवे, सचिन मिश्रा, आईआरटीएस-2011, सीनियर डोम, सोनपुर, ईसी रेलवे, मेसर्स आभा एग्रो इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के नवल लधाए पश्चिम बंगाल के देश बंधु पारा में मेसर्स आभा एग्रो इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के मनोज लढा और मनोज कुमार साहा के रूप में हुई है।
जांच एजेंसी ने बताया कि इसी 31 जुलाई को एक मुख्य माल परिवहन प्रबंधक (आईआरटीएस-1996), पूर्व मध्य रेलवे, (ईसीआर), हाजीपुर और दो वरिष्ठ डोम, समस्तीपुर, सोनपुर, दोनों ईसी रेलवे के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। एक प्राइवेट कंपनी के डायरेक्टर ने इन लोगों पर आरोप लगाया था कि आरोपी माल लदान के लिए रेलवे रैक के अधिमान्य आवंटन के लिए पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) के विक्रेताओं से अवैध रूप से रिश्वत लेते थे।
शिकायत करने वाले ने कहा था कि कोलकाता स्थित एक निजी कंपनी के निदेशक पूर्व मध्य रेलवे के लोक सेवकों के साथ सुनियोजित ढंग से और नियमित तौर पर रेलवे रैक सेवाओं के प्राथमिकता आवंटन का लाभ उठाते हैं। शिकायतकर्ता ने कहा है कि इसमें उनकी फर्म के लिए एक्ट्रा स्टैकिंग समय होता है और उक्त लोक सेवकों को मासिक आधार पर भारी रिश्वत का भुगतान किया जाता है। उसने यह भी आरोप लगाया था कि लगभग 23.5 लाख ईसीआर के विभिन्न अधिकारियों को वितरित किए जाने हैं।
सीबीआई ने सीएफटीएम (लोक सेवक) को छह लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा है। रिश्वत देने वाला भी दबोच लिया गया है। उसके बाद में तीन अन्य आरोपियों को धरा गया। जांच एजेंसी ने कोलकाता, हाजीपुर, पटना, सोनपुर व समस्तीपुर समेत 16 स्थानों पर जांच की और इस दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज व करीब 46.50 लाख रुपए बरामद किए गए। कोलकाता के एक कारोबारी से एक एसयूवी कार भी बरामद की गई। इस गाड़ी की कीमत लगभग 29 लाख है। इसमें ईसीआर के विभिन्न अधिकारियों को दिया जाने वाला उक्त कैश छह लिफाफों में बरामद किया गया।
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