होम / Pink Revolution: क्या यह गुलाबी क्रांति की शुरूआत है? जानिए क्या कहती है सर्वे की रिपोर्ट

Pink Revolution: क्या यह गुलाबी क्रांति की शुरूआत है? जानिए क्या कहती है सर्वे की रिपोर्ट

Himanshu Pandey • LAST UPDATED : February 21, 2024, 12:53 pm IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

Pink Revolution: क्या यह गुलाबी क्रांति की शुरूआत है? जानिए क्या कहती है सर्वे की रिपोर्ट

Pink Revolution

India News (इंडिया न्यूज), Pink Revolution: अब यह समझना मुश्किल है कि सरकार आंकड़ों से क्यों डरती है और उसने जनगणना से लेकर तरह-तरह के आधिकारिक आंकड़ों के संग्रह और प्रकाशन का काम रोका है या बड़े बेमन से करा रही है। लेकिन उसे भी अपनी बात कहने के लिए या अपनी उपलब्धियां गिनवाकर वोट मांगने के लिए आंकड़ों का सहारा लेना होता है। लेकिन इससे ज्यादा महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि आज की सूचना क्रांति के युग में सूचनाओं की आवाजाही इतनी ज्यादा और तेज है कि बदलाव की तस्वीर को समझना मुश्किल नहीं है और बाजार सर्वेक्षण के तरीके ऐसे हो गए हैं कि रैंडम सैंपलिंग के एक छोटे से आंकड़े से पूरे देश की तस्वीर लगभग सही सही बताया देनी संभव है। नामी स्वयंसेवी संस्था ‘प्रथम’ की हर साल पर आने वाली शिक्षा संबंधी रिपोर्ट ‘असर’ अपने ईमानदार आंकड़ों और उससे भी ज्यादा शिक्षा की हमारी बदरूप तस्वीर के चलते चर्चित रहती है तो खुद सरकार के आँकड़े भी काफी कुछ कहते हैं। हाल में आई ऐसी दो रिपोर्टों के आधार पर हमारे देश की मध्य-वय शिक्षा व्यवस्था की जो तस्वीर उभरती है उसमें निराशा के की विंदु हैं पर आशा के आधार भी हैं, हल्के बदलाव से काफी सार्थक नतीजे निकालने की गुंजाइश दिखती है।

क्या कहता है आल इंडिया सर्वे की रिपोर्ट

अब हम ‘असर’ के इस सबसे चर्चित निष्कर्ष की चर्चा कम करेंगे कि हमारी फलां कक्षा तक के अधिकांश विद्यार्थियों को अक्सर या अंक पहचानने में दिक्कत होती है। इस बार उसने 14 से 18 वर्ष के लड़के-लड़कियों की शिक्षा पर ही ध्यान केंद्रित किया है। यह असल में अभियान चलाकर सिर्फ दाखिला देने और फिर दोपहर का भोजन जैसी योजनाओं के सहारे बच्चों को स्कूल में लाना और रोकने के अभियान पर टिप्पणी है। ‘असर’ इस बात को सीधे रेखांकित नहीं करता और ना ही वह स्कूल की इमारतों के चुस्त-दुरुस्त होने और अध्यापकों की कमी (अर्थात एकमुश्त खर्च पर सरकारों का राजी रहना और नियमित खर्च से आनाकानी करना) पर ही कोई टिप्पणी करता है। पर उसकी रिपोर्ट में कई बार अध्यापकों की भयावह कमी की चर्चा रहती आई है।

CAT 2023 Registration: आईआईएम कैट के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, इस डॉयरेक्ट लिंक  से ऐसे करें आवेदन | Moneycontrol Hindi

लेकिन अभी हम जिस रिपोर्ट की बात ज्यादा प्रमुखता से करना चाहते हैं वह 2011 की जनगणना को आधार बनाकर तैयार की गई आल इंडिया सर्वे आन हायर एजुकेशन (2021-2022) की है। इसके अनुसार देश में पहली बार सात अंडर-ग्रेजुएट कोर्स में से पांच में लड़कियों का अनुपात लड़कों से ऊपर हो गया है। सिर्फ बी काम और बी टेक में अभी तक लड़कों का दबदबा है। इंजीनियरिंग में तो लड़कियों का अनुपात 29.1 फीसदी ही हुआ है जबकि मेडिकल की पढ़ाई में उन्होंने 57.6 फीसदी के साथ लड़कों को पीछे छोड़ दिया है। वे आर्ट्स, साइंस और एजुकेशन जैसे विषयों की पढ़ाई में भी लड़कों से आगे आ चुकी हैं।

ये भी पढ़े- Shaitaan poster: रिलीज हुआ शैतान का नया पोस्टर, इस अंदाज में दिखें अजय देवगन-आर माधवन

विश्वविद्यालयों की संख्या में हुई बढ़ोत्तरी

यह सर्वे बताता है कि अंडर-ग्रेजुएट कोर्सों के सकल दाखिले के अनुपात में भी अच्छी खासी वृद्धि हुई है और यह 28.4 फीसदी तक पहुँच गया है जो 2016-17 की तुलना में 18.1 फीसदी ज्यादा है। देश के आठ राज्यों में 2000 से ज्यादा कालेज हैं और इनमें ही 69.8 फीसदी बच्चे दाखिला लेते है। इस बात का अलग से कोई जिक्र नहीं है कि बाकी राज्यों में, जिनमें बिहार, बंगाल, ऑडिसा शामिल हैं, ज्यादा कालेज खोले जाने की जरूरत है। दो केंद्रशासित प्रदेशों, दिल्ली और पुददुचेरी समेत छह और राज्यों में दाखिले का अनुपात चालीस फीसदी से ज्यादा है। कुल करीब 4.33 करोड़ बच्चे कालेज शिक्षा पा रहे थे जबकि 2016-17 में यह संख्या 3.57 करोड़ थी। कहना न होगा कि लड़कियों की पढ़ाई और दाखिले के अनुपात में आया बदलाव ही इस तस्वीर का सबसे धनात्मक पहलू है। देश में विश्वविद्यालयों की कुल संख्या 2919-20 की तुलना में 2021-22 में 1043 से बढ़ाकर 1168 हुई है जबकि इस बीच निजी विश्वविद्यालयों की भरमार हुई है। प्रति लाख जरूरतमन्द लोगों के लिए कालेजों की संख्या 30 पर है जो पहले से कम है।

4 वर्षों में 131 नए संस्थान, भारत में निजी विश्वविद्यालयों की बाढ़ सी आ गई  है

पर ‘असर’ में 26 राज्यों के 28 जिलों के 34745 बच्चे-बच्चियों वाला(14 से 18 साल की) जो सर्वेक्षण जारी किया(जिनका चुनाव रैंडम पद्धति से हुआ था) उनमें में लड़कों में बारहवीं पास करने की इच्छा का अनुपात लड़कियों से ज्यादा था लेकिन अंडर-ग्रेजुएट तक की पढ़ाई पूरी करने की इच्छा के मामले में लड़कियों का अनुपात लड़कों से काफी ज्यादा मिला। अर्थात अगर लड़कियों की पढ़ाई बारहवीं तक हो गई तो ज्यादा संभावना है कि आगे वे अधिक लगन से अपनी पढ़ाई करें। इधर लड़कियों की शादी की उम्र घटाने का फैसला भी एकाध राज्य में हुआ है जो बच्चियों में पढ़ाई की भूख बढ़ाने के मामले में एकदम उल्टा असर पैदा करती है। ‘असर’ का सर्वेक्षण यह भी बताता है कि यह बढ़त सिर्फ अंडर-ग्रेजुएट मामलों में ही नहीं पोस्ट-ग्रेजुएट की पढ़ाई की इच्छा के मामले में भी साफ दिखता है। इस सर्वेक्षण में इसके दो कारण भी बताए गए हैं-लड़कियों को स्कूल-कालेज पहुंचकर की तरह की बंदिशों और घरेलू जिम्मेवारियों से मुक्ति का एहसास होता है और शिक्षित होने से बेहतर गृहणी बनने का भरोसा। पर इसमें यह भी याद किया गया है कि लड़कों को आजादी रहती है लेकिन लड़कियों को पढ़ाई के साथ घरेलू काम करने ही होते हैं, भले उसके लिए उनको देर रात में जागकर अपनी पढ़ाई करनी पड़े।

90 फीसदी से ज्यादा ग्रामीण बच्चों के पास स्मार्टफोन 

ये रिपोर्ट एक बिल्कुल नई बात बताती है जो आम तौर पर शिक्षा से जुड़े लोग बहुत ही ऋणात्मक अर्थ में करते हैं। रिपोर्ट के अनुसार हाल के वर्षों में स्मार्टफोन विद्यार्थियों के जीवन में महत्वपूर्ण बना है और इस तक लगातार पहुँच भी बढ़ती जा रही है। 14 से 18 वर्ष आयु के 90 फीसदी से ज्यादा ग्रामीण बच्चों की पहुँच स्मार्टफोन तक है। करोना की आनलाइन पढ़ाई ने इसकी जरूरत के प्रति सबको सचेत किया है। पर कम्यूटर या लैपटाप के मामले में स्थिति अभी भी दयनीय बनी हुई है- सिर्फ नौ फीसदी बच्चों की पहुँच ही कंप्यूटर/लैपटाप तक है। और स्मार्टफोन की मिल्कियत के मामले में भी लड़कों का अनुपात लड़कियों से दो गुना है। वे सोशल मीडिया में भी उपस्थिति रखते हैं। और यह चीज दिलचस्प है कि ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में साइंस की पढ़ाई के अवसर अपेक्षाकृत काम हैं लेकिन स्मार्टफोन और सोशल मीडिया की पहुँच से यह संभव है कि इन लड़के-लड़कियों की साइंस पढ़ने या नए विषय जानने की भूख कम की जा सके। लेकिन सारी मुसीबतें झेलकर लड़कियां जिस तरह आगे बढ़ रही हैं वह एक गुलाबी क्रांति का इशारा तो कर ही रहा है।

ये भी पढ़े-

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

उद्धव ठाकरे के कितने भाई थे, आखिर क्यों नहीं होती किसी और की चर्चा? वजह जान हिल जाएंगे आप
उद्धव ठाकरे के कितने भाई थे, आखिर क्यों नहीं होती किसी और की चर्चा? वजह जान हिल जाएंगे आप
यूपी उपचुनाव में BJP की बड़ी जीत पर CM योगी गदगद, ‘बटेंगे तो कटेंगे’ नारे को लेकर कही ये बड़ी बात
यूपी उपचुनाव में BJP की बड़ी जीत पर CM योगी गदगद, ‘बटेंगे तो कटेंगे’ नारे को लेकर कही ये बड़ी बात
रूस के जिस ब्रह्मास्त्र से डरकर दुबक रहा है यूक्रेन, 28 साल पहले तानाशाह को किया सरेंडर, भयंकर गलती या मजबूरी?
रूस के जिस ब्रह्मास्त्र से डरकर दुबक रहा है यूक्रेन, 28 साल पहले तानाशाह को किया सरेंडर, भयंकर गलती या मजबूरी?
UP Driver Vacancy: बरेली में होगा रोडवेज चालक भर्ती मेला, कमेटी करेगी चयन, जोरों पर महाकुंभ की तैयारी
UP Driver Vacancy: बरेली में होगा रोडवेज चालक भर्ती मेला, कमेटी करेगी चयन, जोरों पर महाकुंभ की तैयारी
बाजार में बिक रहे हैं चाइनीज लहसुन, देश का हो रहा है भारी नुकसान, देखकर ऐसे करें पहचान
बाजार में बिक रहे हैं चाइनीज लहसुन, देश का हो रहा है भारी नुकसान, देखकर ऐसे करें पहचान
जवान बेटे की आत्महत्या परिवार के लिए बनी रहस्य, खजराना मंदिर में दुकान संभालता था कार्तिक, सुसाइड नोट नहीं मिला
जवान बेटे की आत्महत्या परिवार के लिए बनी रहस्य, खजराना मंदिर में दुकान संभालता था कार्तिक, सुसाइड नोट नहीं मिला
NOTA को बिग बॉस के Ajaz Khan से ज्यादा मिले वोट, 5.6 मिलियन फॉलोअर्स होने के बावजूद महाराष्ट्र चुनाव में मिली हार
NOTA को बिग बॉस के Ajaz Khan से ज्यादा मिले वोट, 5.6 मिलियन फॉलोअर्स होने के बावजूद महाराष्ट्र चुनाव में मिली हार
MP में BJP के वन मंत्री चुनाव हारे… रिकाउंटिंग की मांग
MP में BJP के वन मंत्री चुनाव हारे… रिकाउंटिंग की मांग
MP के नेताओं की रणनीति का दिखा असर, महाराष्ट्र चुनाव के शुरुआती रुझानों में BJP को बहुमत
MP के नेताओं की रणनीति का दिखा असर, महाराष्ट्र चुनाव के शुरुआती रुझानों में BJP को बहुमत
उद्धव ठाकरे ने मौलानाओं के सामने मांगी माफी? सच्चाई जान हिल जाएंगे आप, शिवसेना UBT प्रमुख को हिंदू विरोधी बताकर मिली महायुति को जीत!
उद्धव ठाकरे ने मौलानाओं के सामने मांगी माफी? सच्चाई जान हिल जाएंगे आप, शिवसेना UBT प्रमुख को हिंदू विरोधी बताकर मिली महायुति को जीत!
UP Crime News: होटल में घुसकर युवतियों को खींचने का मामला आया सामने, विश्व हिंदू महासंघ के जिलाध्यक्ष समेत 3 गिरफ्तार
UP Crime News: होटल में घुसकर युवतियों को खींचने का मामला आया सामने, विश्व हिंदू महासंघ के जिलाध्यक्ष समेत 3 गिरफ्तार
ADVERTISEMENT