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ISRO: इसरो के इस प्लान से चीन-पाकिस्तान परेशान, सोमनाथ ने दी पूरी जानकारी

India News (इंडिया न्यूज), ISRO: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) पर पूरी दुनिया की नजर है। इसरो ने एक के बाद एक कारनामे कर पूरी दुनिया में भारत का मान बढ़ाया है। पहले चंद्रयान-3 की सफल लैंडिग कराई गई। इसके बाद आदित्य एल-1 की सफल लॉन्चिंग ने भारत की शान में चार चांद लगा दिया।

अब एक बार फिर से इसरो ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। इसरो अब अपने रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (IRNSS) की रेंज 1500 किलोमीटर से बढ़ाकर दोगुनी यानी 3000 किलोमीटर करने में लगा है। जिसके लिए तेजी से काम की जा रही है। इसरो के इस प्रोजेक्ट के सफल होते हीं चीन और पाकिस्तान की नींद उड़नी तय है।

  • सिस्टम का रेंज 1500 किमी से बढ़कर 3000 किमी किए जाने की तैयारी
  • प्रोजेक्ट सफल होने पर पाकिस्तान और चीन भारतीय सैटेलाइट की रेंज में होंगे

ISRO प्रमुख ने दी जानकारी

इसरो चीफ एस. सोमनाथ ने मंगलवार (26 सितंबर ) को वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में इस बात को रखा। साथ ही इस प्रोजेक्ट को लेकर एक खास प्रजेंटेशन भी प्रस्तुत किया। जिसमें बताया कि रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (IRNSS) की रेंज दोगुनी करने की तैयारी की जा रही है।

क्या काम करता है सिस्टम

आपको बता दें कि इंडियन रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (IRNSS) अपने दूसरे नाम NavIC (Navigation with Indian Constellation) से भी जाना जाता है। जिसके माध्यम से साइंटिफिक रिसर्च, पर्सनल मोबिलिटी, ट्रांसपोर्टेशन और यहां तक की मिसाइल नेविगेशन भी ऑपरेट किया जाता है। अगर आम भाषा में कहा जाए तो यह सिस्टम जीपीएस की तरह काम करता है।

इस सिस्टम को 7 उपग्रहों के साथ डिजाइन किया गया है। जो कि सप्ताह के सातो दिन और 24 घंटे काम करता है। सात उपग्रहों में से तीन उपग्रह को भू-स्थलीय कक्षा यानी की Geostationary Orbit में रका गया है। वहीं चार उपग्रह भूमध्यरेखा पार करने के साथ झुकाव वाले भू-तुल्यकालिक कक्षा में मौजूद है।

रडार में आएंगे पोड़सी मुल्क (ISRO)

इस सिस्टम के माध्यम से दो तरह की सेवाएं दी जाती है। पहली सेवा को स्टैंडर्ड पोजीशन सर्विस यानी SPS के नाम जानते हैं। वहीं दूसरी सेवा रिस्ट्रिक्टेड सर्विसेज यानी RS के नाम से जाना जाता है। SPS आम नागरिकों के लिए उपलब्ध है। वहीं RS सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।

अभी इस सिस्टम (IRNSS) का कवरेज भारत की सीमा से 1500 किलोमीटर तक है। वहीं सिस्टम के कवरेज को दोगुना किए जाने के बाद भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश और दक्षिण एशिया के तमाम देश भी इसके रेंज के अन्दर आएंगे। भारत की ये उपलब्धि भारत को और मजबूत बनाने में मदद करेगी।

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Shanu kumari

दिल से पटना और दिमाग से दिल्ली में रह रहीं शानू अब एन. आर. बी (नॉन रेजिडेंट बिहारी) बन चुकी हैं । पत्रकारिता में पिछले तीन सालों से एक्टिव हैं। अभी इंडिया न्यूज दिल्ली में नेशनल डेस्क पर कार्यरत है। इसे पहले Awni TV में काम कर चुकी है। साथ ही ऑल इंडिया रेडियो पर कई टॉक का हिस्सा रहीं हैं। इंडियन पालिटिक्स के अलावा इंटरनेशनल पालिटिक्स में विशेष रुचि है। पत्रकारिता के माध्यम से सरकार और जनता को जोड़े रखने की सतत इच्छा है।

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