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शिक्षा मंत्री प्रो.चंद्रशेखर द्वारा रामचरितमानस पर टिप्पणी के बाद भड़के जगद्गुरु परमहंस, बोले- इन्हें पद से बर्खास्त करो

Suman Saurabh • LAST UPDATED : January 12, 2023, 8:41 am IST
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शिक्षा मंत्री प्रो.चंद्रशेखर द्वारा रामचरितमानस पर टिप्पणी के बाद भड़के जगद्गुरु परमहंस, बोले- इन्हें पद से बर्खास्त करो

Jagadguru Paramhans

अयोध्या।Prof. Chandrashekhar’s comment on Ramcharitmanas: बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर द्वारा रामचरितमानस को लेकर की गई टिप्पणी के बाद उनके इस्तीफे की मांग शुरू हो गई है। अयोध्या शीर जगद्गुरु परमहंस अचार्य ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वह राज्य सरकार से उनके इस्तीफे की मांग करते हैं। 

चंद्रशेखर का जीभ काटने वाले को 10 करोड़ का इनाम 

परमहंस ने आगे कहा कि “जिस तरह से शिक्षा मंत्री ने सनातनियों के धर्मग्रंथ रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने न सिर्फ देशवासियों की भावनाओं को आहत किया बल्कि उन्होंने हर एक सनातनियों का अपमान किया है। हम राज्य सरकार से उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए एक सप्ताह के भीतर पद से बर्खास्त करने का मांग करते हैं। साथ ही उन्होंने मंत्री से सनातनियों से माफी मांगने को कहा है। इतना ही नहीं उन्होंने घोषणा करते हुए कहा है कि जो इस पापी के जीभ को काटकर हमारे पास लायेगा उसे हम 10 करोड़ रुपये की ईनाम राशि देंगे।”

उन्होंने आगे कहा इस तरह के बयान को उनके द्वारा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। रामचरित मानस जोड़ने का काम करती है न कि समाज को तोड़ने का। यह किताब हमारे देश की संस्कृति है, गौरव है। रामचरित मानस को लेकर टिप्पणी करने वाले को कतई माफ नहीं किया जाएगा।

शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर  की टिप्पणी-यह ऐसा ग्रंथ है जो नफरत बोता है 

दरअसल, बीते बुधवार को शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर नालंदा खुला विश्वविद्यालय के 15वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किये गये थे। शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर प्रसाद ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए पूछा कि आप भारत को ताकतवर नफरत से बनाएंगे या मोहब्बत से ? जब सभागार में बैठे बच्चों की ओर से आवाज आई ‘मोहब्बत से’ तो शिक्षा मंत्री ने अपने भाषण को जारी रखते हुए कहा कि देश में कुछ विचार ऐसे चले हैं जो नफरत फैलाना चाहते हैं और यह विचार आज के नहीं हैं बल्कि तीन हजार साल पहले जब मनुस्मृति लिखी गयी यह विचार वहीं से आए हैं। उन्होंने राम चरित मानस की चौपाई सुनाते हुए कहा कि यह ग्रंथ शूद्रों का अपमान करता है। यह ऐसा ग्रंथ है जो नफरत बोता है।

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