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India News (इंडिया न्यूज), Jagannath Temple: हिंदुओं के प्रसिद्ध तीर्थ स्थानों में से एक जगन्नाथ पुरी मंदिर का रत्न भंडार 46 साल के बाद खुल रहा है। इससे पहले यह भंडार गृह 1978 में खोला गया था। अब एक लंबे समय अंतराल के बाद इसे दोबारा खोला जा रहा है। ऐसे में इसकी निगरानी के लिए 11 सदस्यीय समिति बनाई गई है जो कि मंदिर के कपाट खुलने से लेकर बंद होने एक-एक घटना पर कड़ी निगरानी करेगी। आपको बता दें कि कपाट को खोलने की सही घड़ी मिल गई है। भंडार आज यानी 18 जुलाई को सुबह 9:51 बजे से दोपहर 12:15 के बीच खोला जाएगा, जिसके बाद 11 सदस्यीय समिति मंदिर में प्रवेश करेगी और अंदर रखी सामाग्रियों के साथ-साथ मंदिर के अंदर की एक एक गतिविधि पर कड़ी नजर बनाए रखेगी। निगरानी के बीच ही गहनों को सावधनीपूर्वक शिफ्ट किया जाएगा। इस बीच होने वाली एक-एक गतिविधि को विडियोग्राफी के द्वारा कैद किया जाएगा।
आपको बता दें कि इससे पहले ये रत्न भंडार 1978 में खोला गया था। ऐसा नहीं था कि उसके बाद इस कपाट को खोलने की कोशिश नहीं की गई है, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी इस कपाट को नहीं खोला जा सका था। लेकिन अब जब ओडिशा में भाजपा सरकार आ गई है तो उसने अपनें चुनावी वादों को पूरा किया है। साथ ही मंदिर के रत्न भंडार को 46 साल बाद खोला जा रहा है। इससे पहले साल 2018 में भी एक टीम बनाई गई थी और और मंदिर के रत्न भंडार का कपाट खोलने का प्रयास किया गया था। लेकिन चाबी न मिलने की वजह से टीम बाहर से ही रत्न भंडार का जायजा लेकर वापस आ गई थी।
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मंदिर को लेकर के एक अंधविश्वास ने भी लोगों को काफी डराया है। शायद ये भी एक वजह है कि मंदिर के दरवाजे को पूरे मन से आज तक किसी सरकार ने खोलने की कोशिश नहीं की। दरअसल ऐसा कहा जाता है कि मंदिर के अंदर कई बेहद जहरीले और खतरनाक सांप है जो कि खजानें कि रक्षा करते हैं, इसके साथ ही एक और भी बेहद दिलचस्प अफवाह है कि साल 1978 में जब मंदिर का कपाट खुला था तब जनता पार्टी की सरकार गिर गई थी जिसे लोगों ने सीधे रूप से मंदिर के रत्न भंडार के कपाट खुलने से जोड़कर देखा था। यही वजह है कि उसके बाद आज तक किसी सरकार ने ऐसा करने की हिम्मत नहीं दिखाई लेकिन एक लंबे अंतराल के बाद अब ऐसा होता दिख रहा है।
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