India News(इंडिया न्यूज),Jaishankar: भारतीय विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर इन दिनों टोक्यों में है। जहां ओआरएफ द्वारा रायसीना राउंडटेबल सम्मेलन को संबोधित किया। जिस दौरान उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि, नए भारत के साथ लोगों की मानसिकता में भी बदलाव आ रहा है। इसके साथ ही सम्मेलन के दौरान एक रिकॉर्ड किए गए वीडियो के माध्यम से जयशंकर ने संदेश दिया। उन्होंने कहा कि, जी20 की अध्यक्षता के दौरान हमने संरचनात्मक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। ग्लोबल साउथ काफी हद तक उत्पादक से उपभोक्ता बनकर रह गया है। इस स्थिति में भारत की प्रतिक्रिया आत्मनिर्भर भारत बनने की ओर है।

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“मेक-इन-इंडिया” एक पहल

इसके साथ ही जयशंकर ने आगे बताया कि, इसके लिए मेक-इन-इंडिया पहल है, जो न केवल हमारी अपनी, बल्कि दूसरों की जरूरतों पर भी ध्यान केंद्रित करती है। इससे भारत में व्यापार करना भी आसान होगा। नए भारत ने अपना 5-जी स्टैक बनाया। कोविड वैक्सिन की खोज खुद की और चांद के दक्षिणी ध्रुव पर भी उतरने में सफल रहा। सरकार मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, अटल टिंकरिंग लैब्स और अटल इन्क्यूबेशन सेंटर जैसी कई राष्ट्रीय पहलों के माध्यम से रचनात्मक और नवीनीकरण को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने बताया कि इन पहलों का परिणाम भी स्पष्ट है।

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“प्रगति की दिशा में भारत”

जयशंकर ने कहा कि, भारत पिछले कई वर्षों से प्रगति की दिशा में है। वर्ल्ड इंटेलेक्चुअल प्रोपर्टी ऑर्गनाइजेशन वैश्विक नवीनीकरण सूचकांक में भारत 2015 में 81वें स्थान से बढ़कर 2023 में 40वें स्थान पर पहुंच गया है। जयशंकर अपने वीडियो संदेश के माध्यम से उन्होंने कहा कि आधुनिक युग में बौद्धिक संपदा अधिकार ने दुनियाभर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ये अधिकारी न केवल निर्माताओं और अविष्कारकों को मान्यता देने का काम करते हैं, बल्कि नवीनीकरण को भी प्रत्साहित करते हैं। इससे सामाजिक और आर्थ्क उन्नति को बढ़ावा मिलेगा।

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