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India News (इंडिया न्यूज़), Jallianwala Bagh Massacre: हर साल जब भी 13 अप्रैल की तारीख आती है, अंग्रेजों की निर्दयता की कहानी फिर से ताजा हो उठती है। उस घटना को आज 105 साल बीत चुके हैं लेकिन वो दुर्घटना आज भी लोगों को दुख देती है। ये कहानी है Jallianwala Bagh हत्याकांड की। भारत की आजादी की लड़ाई की सबसे दुखद और क्रूर घटनाओं में से एक है यो घटना। उस नरसंहार का दृश्य कैसा रहा होगा, इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। आइए आपको इस खबर में बताते हैं कि आखिर क्यों हुआ था ये, कैसे हुआ था और इसमें कितने निर्दोषियों की जान गई थी।
-कानून के खिलाफ इस प्रकार के किसी भी विरोध को रोकने के लिए अंग्रेजों ने मार्शल लॉ लागू किया। ब्रिगेडियर जेनरल डायर को पंजाब में कानून व्यवस्था संभालने का आदेश दिया गया। उसे जालंधर से अमृतसर बुलाया गया।
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डायर ने अपने सैनिकों को भीड़ पर अंधाधुन गोलियां चलाने का आदेश दिया। डायर ने कहा- जहां ज्यादा लोग दिखें वहां गोलियां चलाते रहो। करीब 10 मिनट तक गोलियां चलती रहीं। कई लोगों ने भागने की कोशिश की। कई लोग गोलियों से बचने के लिए पास के कुएं में कूद गए। तब भी जान नहीं बच सकी। निर्दोषों की लाशें ऐसी बिखरी जिसका प्रकोप आज भी देखने को मिलता है।
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