संबंधित खबरें
चलती बस से कूदी लड़की, बस में फैली यौन शोषण की…महिला के मेडिकल से हुआ बड़ा खुलासा
UP के इन 5 जगहों में नहीं लगेगा कोई फोन कॉल, CM Yogi के इस फैसले से ‘खास समुदाय’ की हो गई खटिया खड़ी
यूपी में भेड़िया के बाद बाघ का आतंक! हमले में किसान को उतारा मौत के घाट
पहले फाड़े कपड़े, तोड़ दिए दांत और आंखे, फिर मार-मार कर किया अधमरा, महिला के साथ बदमाशों ने की सारे हदें पार
CM Yogi का बड़ा तोहफा, Vikrant Massey की The Sabarmati Report को किया टैक्स फ्री
समुद्र में चल रहा था भारतीय नौसेना का युद्ध अभ्यास, नाविकों ने बिना अनुमति किया ये काम, फिर मिली ऐसा सजा…नहीं भूल पाएंगी सात पुश्तें
India News (इंडिया न्यूज), JK Government Boycotts Foundation Day Event: जम्मू-कश्मीर सरकार ने गुरुवार (31 अक्टूबर, 2024) को केंद्र शासित प्रदेश के स्थापना दिवस समारोह का बहिष्कार किया, जिससे उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार और उपराज्यपाल के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया। सत्तारूढ़ गठबंधन जिसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस शामिल हैं। दोनों पार्टियों ने घोषणा की कि वे श्रीनगर में होने वाले कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे, उन्होंने जोर देकर कहा कि वे जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश के रूप में मान्यता नहीं देते हैं। तो वहीं दूसरी तरफ जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस की आलोचना की और उन पर संविधान के तहत शपथ लेने के बावजूद आधिकारिक समारोह का बहिष्कार करने के लिए “दोहरे चरित्र” का आरोप लगाया।
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के पांचवें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि, “मैं देख रहा हूं कि जिन लोगों ने केंद्र शासित प्रदेश के विधायक के रूप में शपथ ली और अक्सर भारत के संविधान का हवाला देते हैं (वे यहां नहीं हैं)। जमीनी हकीकत यह है कि यह आज एक केंद्र शासित प्रदेश है। जब इसे राज्य बनाया जाएगा और हम चाहते हैं कि यह एक राज्य बने, तो हम राज्य का स्थापना दिवस भी मनाएंगे। यह उनके दोहरे चरित्र को दर्शाता है।”
जम्मू और कश्मीर के पूर्ववर्ती राज्य को अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद 2019 में केंद्र शासित प्रदेशों में पुनर्गठित कर दिया गया था, जिसने राज्य के विशेष दर्जे को रद्द कर दिया था। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पिछले पांच वर्षों को “शांति, समृद्धि और विकास का युग” बताया।
पंत, अय्यर और केएल राहुल को किया गया रिलीज, जानिए किस टीम ने किसे किया रिटेन? देखें पूरी लिस्ट
हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार (30 अक्टूबर, 2024) को कहा कि जम्मू और कश्मीर लंबे समय तक केंद्र शासित प्रदेश नहीं रहेगा, उन्होंने “इसकी गरिमा को बहाल करने” का संकल्प लिया। उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि, “हम अपना राज्य का दर्जा वापस लेंगे।” उन्होंने कहा कि उनकी सरकार लोगों की बिजली, सड़क, पानी और रोजगार की जरूरतों को पूरा करने के लिए काम करेगी, “अगर हम सम्मान के साथ नहीं रह सकते और अगर हमारी पहचान का सम्मान नहीं किया जाता है, तो ये सभी चीजें निरर्थक हैं।”
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने अब्दुल्ला की भावनाओं को दोहराते हुए कहा, “जम्मू-कश्मीर में कोई भी संवेदनशील व्यक्ति जो केंद्र शासित प्रदेश और राज्य के बीच अंतर को समझता है, वह कभी भी इस दिन को नहीं मनाएगा। कांग्रेस ने कभी भी अपने दिल में जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश के रूप में मान्यता नहीं दी है और हम राज्य के दर्जे के लिए लड़ाई जारी रखेंगे”। पीडीपी की महबूबा मुफ्ती, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद गनी लोन और सीपीआई (एम) के नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी सहित कई नेताओं ने भी कार्यक्रम का बहिष्कार किया।
मुफ्ती ने स्थापना दिवस को जम्मू-कश्मीर के लिए “काला दिन” करार देते हुए कहा कि यह “विकास का नहीं, बल्कि वंचितता” का प्रतीक है।मुफ्ती ने पुलवामा में संवाददाताओं से कहा, “जम्मू-कश्मीर के साथ जो हुआ है, वह अभूतपूर्व है। मैं एलजी को बताना चाहता हूं कि जम्मू-कश्मीर के लोगों और खासकर पीडीपी के लिए आज का दिन काला दिन है और यह तब तक काला रहेगा जब तक कि जम्मू-कश्मीर के विशेषाधिकार बहाल नहीं हो जाते।”
‘आप दहाड़ते हैं तो कांप जाते हैं आतंक के आका…’ दीवाली पर कच्छ में PM मोदी की गरज से दहला पाकिस्तान
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.