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इंडिया न्यूज़, रांची।
Jharkhand Health Minister : झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Banna Gupta) ने धन की हेराफेरी को लेकर निर्दलीय विधायक सरयू रॉय (Saryu Roy) द्वारा लगाए गए आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि स्वीकृत कोविड-19 प्रोत्साहन से कोई धनराशि नहीं निकाली गई। राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा योजना को रद्द कर दिया गया है।
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13 अप्रैल को विधायक सरयू रॉय (Saryu Roy) ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को पत्र लिखकर स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए आरोप लगाया था कि स्वास्थ्य मंत्री के सेल में 60 व्यक्तियों के लिए वेतन के रूप में अवैध रूप से भारी वित्तीय प्रोत्साहन लेने का आरोप लगाया गया था, जिसमें स्वयं, उनके निजी सहायक और अन्य कर्मचारी भी शामिल थे।
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Banna Gupta) ने धन की हेराफेरी के आरोप का विरोध करते हुए कहा कि रॉय के आरोप निराधार और तथ्य से परे हैं। रॉय ने मुझ पर अवैध रूप से करोड़ों रुपये निकालने का आरोप लगाया है जो निराधार है। प्रोत्साहन को स्वास्थ्य विभाग द्वारा अनुमोदित किया गया था और मेरे मंत्रालय के सेल के लिए अनुमानित व्यय 14.59 लाख था। अभी तक, किसी भी खाते में कोई राशि जमा नहीं की गई है। यदि रॉय के पास सबूत हैं तो उन्हें इसका उल्लेख करना चाहिए और किस बैंक खाते से पैसा ट्रांसफर किया गया। मैं रॉय से अपने आरोप का समर्थन करने वाले सबूतों के साथ आने का अनुरोध करता हूं।
अब इस मामले पर विवाद और गरमागरम राजनीति के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने अपने सेल के लिए प्रोत्साहन राशि नहीं लेने का फैसला किया है। गुप्ता ने कहा, मैं एक संवैधानिक पद पर हूं और सार्वजनिक जीवन रखना मेरा कर्तव्य है। मैंने नैतिक आधार पर प्रोत्साहन राशि को रद्द करने और इसे सबसे ज्यादा जरूरत वाले लोगों में वितरित करने का फैसला किया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह सभी विभागीय संचार और विभाग की मंजूरी थी और ये दस्तावेज विधायक सरयू राय तक कैसे पहुंचे, इसकी जांच की जाएगी क्योंकि यह आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के अंतर्गत आता है।
झारखंड मंत्रिमंडल ने कोविड-19 महामारी के दौरान अथक परिश्रम करने वाले स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों और कोरोना योद्धाओं को एक महीने का अतिरिक्त वेतन देने के प्रस्तावों को मंजूरी दी थी। इस मंजूरी के आलोक में स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर इस लाभ के लिए आधिकारिक और स्वास्थ्य कर्मियों को परिभाषित करने या शामिल करने का मापदंड पूछा था। स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार, उन्हें बताया गया कि वह स्वयं इस श्रेणी में आते हैं और अपने और अपने कर्मचारियों के नाम प्रस्तावित कर सकते हैं।
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Banna Gupta) ने कहा कि इस प्रक्रिया में मंत्री प्रकोष्ठ के व्यक्तियों को प्रोत्साहन राशि 14.59 लाख, साथ ही स्वास्थ्य विभाग के 94 अधिकारियों के लिए 37 लाख की राशि स्वीकृत की गई। इसके तहत पूरे राज्य के लिए कुल 103 करोड़ अनुमानित व्यय है। दूसरी ओर मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने इस पर कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है और मंत्री को हटाने और उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। इस मामले पर एएनआई से बात करते हुए, राज्य भाजपा के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि पूरे मामले में स्वास्थ्य मंत्री का व्यवहार सवालों के घेरे में है। अब जब उन्होंने प्रोत्साहन राशि लेने से इनकार कर दिया, तो इसका मतलब है कि उन्होंने इसे अपने और अपने करीबी सहयोगियों के लिए मंजूरी दे दी थी। मुख्यमंत्री उन्हें तुरंत हटा दें और मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।
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