India News ( इंडिया न्यूज ) Jharkhand : यह कहावत तो सबने सुनी ही होगी तू डाल डाल, मैं पात पात। ऐसा ही कुछ झारखंड में इस समय चल रहा है। आपको बता दें कि जमीन घोटाला मामले मे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने उन्हें लगातार पांच बार समन भेज चुकी है । लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ईडी ऑफिस नही जा रहे हैं। बता दें कि ईडी के समन के खिलाफ इनकी याचिका रांची हाईकोर्ट में लंबित है। हेमंत ने हाईकोर्ट से आग्रह किया है की वह इस मामले को जल्द सुने। वहीं हेमंत सोरेन 4 अक्टूबर को पलामू के एक बड़े कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे, लेकिन ईडी ऑफिस नही गए। अब ईडी फिर से हेमंत को समन देने की तैयारी में है।
वहीं भूमि घोटाला मामले में ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पांच बार समन भेज चुकी है। पहली बार 14 अगस्त दूसरी बार 24 अगस्त ,तीसरी बार 9 सितंबर और चौथी बार 23 सितंबर और 4 अक्टूबर को भेजा गया। वहीं जांच एजेंसी ईडी का दावा है कि जमीन घोटाले में सोरेन की संलिप्तता है। बता दें कि रांची में हुए जमीन घोटाले मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
ED रांची में सेना की भूमि की बिक्री समेत कई अन्य मामलों की जांच कर रही है। यह आरोप है की जुलाई, 2020 से लेकर जुलाई, 2022 के बीच रांची के उपायुक्त रहते हुए IAS छवि रंजन ने नियमों को अनदेखी कर भूमि सौदे किये थे। तो वहीं ईडी की छापेमारी में यह पाया गया की कई फर्जी दस्तावेजों के जरिए सेना के कब्जे वाली लगभग 5 एकड़ जमीन को बेचा गया है, साथ ही इस सौदे में IAS छवि रंजन ,कारोबारी विष्णु अग्रवाल समेत 13 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। जमीन की खरीद फरोख्त मामले में मुख्यमंत्री सोरेन भी जांच एजेंसी के रडार पर हैं।
वहीं 13 अप्रैल को ED ने इस मामले में पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड के करीब 22 ठिकानों पर छापेमारी की थी। साथ ही इस छापेमारी के दौरान ED को जमीन घोटाले से जुड़े काफी दस्तावेज मिले हैं और ईडी के पास पुख्ता सबूत भी है साथ ही ईडी ने एक नया इंफार्मेशन रिपोर्ट केस दर्ज किया है। यह केस रांची के सदर थाने में दर्ज है। बीते एक जून 2023 को दर्ज कांड संख्या 272/2023 के आधार पर इसे दर्ज किया गया है।
इस केस के आरोपी रांची के बड़ागाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद सिंह है, जिसके पास से ईडी को बक्से में भरे पड़े जमीन के नकली दस्तावेज मिले थे। ईडी ने मनी लांड्रिंग के तहत छानबीन के बाद इसे गिरफ्तार किया था। इसके बाद से ही वह रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद है। इन दस्तावेजों से पता चला है कि कैसे भू-माफिया और अन्य लोगों की मदद से अधिकारियों ने जमीन बेची। वहीं ED को पूछताछ में पता चला है कि IAS छवि रंजन और बिचौलिया प्रेम प्रकाश कारोबारी अग्रवाल के संपर्क में थे, साथ ही इन लोगों ने मिलीभगत करके करोड़ों की जमीन फर्जी दस्तावेज बनाकर बेची थी।
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