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Municipal Election: EVM नहीं बल्कि बैलेट पेपर से होगा झारखंड में नगर निकाय चुनाव, जानें क्या हैं इसके पीछे वजह?

Jharkhand Municipal Elections: झारखंड में नगर निकाय चुनाव बैलेट पेपर से होंगे. राज्य चुनाव आयोग ने आने वाले नगर निकाय चुनावों को लेकर यह अहम फैसला लिया है. इसके पीछे क्या वजह है आइए समझें.

Written By: shristi S
Last Updated: 2025-12-14 16:39:01

Municipal Election: पहली बार झारखंड में नगर निकाय चुनाव बैलेट पेपर से होंगे. राज्य चुनाव आयोग ने आने वाले नगर निकाय चुनावों को लेकर यह अहम फैसला लिया है. अब तक राज्य में नगर निकाय चुनावों में हमेशा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का इस्तेमाल होता रहा है. बैलेट पेपर से वोटिंग होने से चुनाव प्रक्रिया थोड़ी ज़्यादा जटिल हो जाएगी, और चुनाव अधिकारियों को वोटिंग से लेकर गिनती तक ज़्यादा सावधानी और मेहनत करनी होगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिसंबर और जनवरी के बीच चुनाव कराने की तैयारी चल रही है और तारीखों का ऐलान जल्द ही किया जाएगा. राज्य में कुल 49 नगर निकायों में चुनाव होने हैं. इनमें 9 नगर निगम, 18 नगर परिषद और 22 नगर पंचायत शामिल हैं.

बैलेट पेपर से होंगे निकाय चुनाव

राज्य चुनाव आयोग ने EVM की कमी के कारण यह फैसला लिया है. आयोग के पास जो EVM हैं, उनकी लाइफ खत्म हो चुकी है, और जरूरी संख्या में मशीनें उपलब्ध नहीं हैं. दूसरे राज्यों से EVM लेने की कोशिशें भी नाकाम रही हैं. झारखंड के पड़ोसी राज्यों, जिनमें बिहार भी शामिल है, ने EVM देने में असमर्थता जताई है. इस बीच, EVM बनाने वाली कंपनी ने नई मशीनें सप्लाई करने के लिए लगभग एक साल का समय मांगा है. इन हालात को देखते हुए आयोग ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने का फैसला किया है.

क्या है राज्य चुनाव आयोग के सचिव का कहना?

राज्य चुनाव आयोग के सचिव राधेश्याम प्रसाद ने कहा कि इस बार नगर निकाय चुनाव बैलेट पेपर से होंगे। मेरे पास जो EVM हैं, वे पुरानी हो चुकी हैं. दूसरे राज्यों ने भी EVM देने से मना कर दिया है. कंपनी ने नई EVM सप्लाई करने के लिए एक साल का समय मांगा है. इन सभी कारणों से बैलेट पेपर से चुनाव कराने का फैसला लिया गया है. वोटर दोनों बैलेट पेपर पर वोट डालेंगे. उन्होंने बताया कि नगर निकाय चुनावों में वोटरों को अलग-अलग रंगों के दो बैलेट पेपर दिए जाएंगे. एक बैलेट पेपर चेयरमैन पद के लिए होगा, जबकि दूसरा वार्ड सदस्य के लिए होगा. वोटिंग के दौरान, वोटर दोनों बैलेट पेपर पर वोट डालेंगे और उन्हें अलग-अलग बैलेट बॉक्स में डालना होगा. इससे वोटों की पहचान और गिनती में आसानी होगी.
राज्य चुनाव आयोग के मुताबिक, पर्याप्त संख्या में बैलेट बॉक्स उपलब्ध हैं. जिलों में पोलिंग स्टेशनों की संख्या के आधार पर बैलेट बॉक्स की संख्या का आकलन किया गया है. चुनाव प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए पुराने बैलेट बॉक्स की पेंटिंग और मरम्मत का काम भी शुरू हो गया है. इस बीच, कमीशन ने बैलेट पेपर छापने की तैयारी भी तेज कर दी है. आमतौर पर, बैलेट पेपर कोलकाता में छापे जाते थे, लेकिन इस बार इन्हें रांची में ही लोकल स्तर पर छापने का फैसला किया गया है. प्रिंटिंग प्रेस चुनने की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है. कमीशन का कहना है कि इससे समय बचेगा और चुनाव की तैयारियां तेज़ी से होंगी.

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